अगर यह कोई और टूर्नामेंट होता जिसमें विराट कोहली न होते तो, वॉर्नर आसानी से ऑरेंज कप ले जाते और टीम को ट्रॉफी जिता ले जाते। इस ऑस्ट्रेलियन बल्लेबाज़ को पूरी तरह से विराट ने दरकिनार कर दिया। वॉर्नर के ही कारण सनराइजर्स हैदराबाद पहली बार प्ले ऑफ मे पहुंचने में कामयाब रही। वॉर्नर के लिए इस बात का नुकसान था कि उनके पास गेल या डीविलियर्स जैसा बल्लेबाज़ उनके पीछे नही था। इसका यह मतलब नही था कि विराट ने अच्छा नही खेला। लेकिन वॉर्नर ने मुश्किल पिच पर रन बनाए अगर हम तुलना करें चिन्नास्वामी की पाटा विकेट से। आंकडे यह बात तो साफ करते है कि विराट ने अलग ही स्तर पर बल्लेबाज़ी की जो कोई नही कर पाया। लेखक- विक्रम महेंद्र, अनुवादक- मयंक महता
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