आईपीएल में इस बार प्लेऑफ़ काफी रोचक हो गया था। अंतिम मैच हो जाने से पहले तक 6 टीमें अंतिम चार में पहुँचने की रेस में थीं। रॉयल चैलेंजर बंगलौर ने देर से बेहतरीन खेल दिखाया और प्लेऑफ़ में जगह बनाने में सफल साबित हुई। हालाँकि आईपीएल में इस बार डेविड वार्नर की सनराइजर्स ने निरंतर अच्छा खेल दिखाया। साथ ही उन्होंने इस बार सबको अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया। अपने पहले दोनों मुकाबले हारने वाली हैदराबाद की कहानी बेटे आईपीएल की तरह ही लगने लगी। लेकिन कप्तान वार्नर ने टीम को मोटीवेट किया और अंकतालिका में तीसरा स्थान दिलाया। यहाँ हम आपको हैदराबाद के सफल होने का 5 कारण बता रहे हैं: #1 शीर्ष क्रम में निरंतरता सनराइजर्स का प्रदर्शन इस बार उनके सलामी बल्लेबाजों पर काफी निर्भर रहा है। शिखर धवन और डेविड वॉर्नर इस सीजन के सबसे अच्छे सलामी बल्लेबाजों में शामिल रहे हैं। कोलकाता नाइटराइडर के बाद हैदराबाद एकमात्र ऐसी टीम थी। जो इस बार आईपीएल में एक ही सलामी जोड़ी आजमाई है। इस आईपीएल में धवन और वार्नर ने मिलकर इस आईपीएल में 1121 रन बनाये हैं। जो एसआरएच के 55 फीसदी रन के बराबर है। मध्यक्रम की बल्लेबाज़ी की विफलता को सलामी बल्लेबाजों ने छुपाये रखा है। इन दोनों ने आईपीएल की दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी भी की है। उन्होंने अंकतालिका पर शीर्ष पर रहने वाली गुजरात लायंस के 137 रन को हासिल करके 10 विकेट से हराया था। इन दोनों ने बेहतरीन खेल दिखाया है। धवन ने टीम को मजबूती तो वार्नर ने तेजी से रन बनाये हैं। #2 मजबूत गेंदबाज़ी इकाई सनराइजर्स हैदराबाद की गेंदबाज़ी आईपीएल में इस बार सबसे मजबूत गेंदबाज़ी रही है। उनके शीर्ष स्तर के गेंदबाज़ हैं। जिनमें नीलामी में खरीदे गये मुस्ताफिजुर रहमान इस सीजन के सबसे बेहतरीन गेंदबाज़ साबित हुए। भुवनेश्वर कुमार, मुस्ताफिजुर रहमान, बरिंदर सरन और आशीष नेहरा सनराइजर्स के गेंदबाज़ी आक्रमण के मुख्य गेंदबाज़ हैं। इन चारों गेंदबाजों ने मिलकर 55 विकेट लिए हैं। जिसमें भुवनेश्वर(18) और मुस्ताफिजुर(16) पर्पल कैप के दौड़ में भी शामिल हैं। इसके आलावा दोयम दर्जे के गेंदबाज़ मोइसेस हेनरिक्स ने भी इस सीजन में 10 विकेट लिए हैं। नेहरा चोट की वजह से टीम से बाहर हो गये हैं। लेकिन उन्होंने अपने हर मैच में टीम के लिए कमाल का प्रदर्शन किया है। नेहरा का जाना हैदराबाद के लिए बुरा साबित हुआ है। #3 वॉर्नर की प्रभावशाली कप्तानी डेविड वॉर्नर इस साल टी-20 में 40 के औसत से 800 से ज्यादा रन बना चुके हैं। वह एसआरएच के सबसे अच्छे बल्लेबाज़ इस सीजन में रहे हैं। उन्होंने टीम का नेतृत्व आगे बढ़कर किया है। 14 पारियों में वॉर्नर ने 54.83 के बेहतरीन औसत से 658 रन बनाये हैं और उनका स्ट्राइक रेट 150 से ज्यादा का रहा है। वॉर्नर के आंकड़े विराट कोहली के सामने भले ही धुंधले साबित हो रहे हैं। लेकिन ये ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ी उनके बाद दुसरे क्रम पर बरकरार है। वॉर्नर एकमात्र ऐसे बल्लेबाज़ हैं, जिन्होंने एक सीजन में सात से ज्यादा अर्धशतक बनाये हैं। उनकी लगातार अच्छी बल्लेबाज़ी एसआरएच के लिए काफी मददगार रही है। इसके आलावा उन्होंने अपने गेंदबाजों का बेहतर इस्तेमाल किया है। आशा है इस बार वह आईपीएल का ख़िताब अपनी टीम को पहली बार दिला दें। #4 अनुभवी कोचिंग स्टाफ हैदराबाद का थिंकटैंक इस बार उनकी सफलता में सबसे अहम किरदार निभा चुका है। जिसमें टॉम मूडी, वीवीएस लक्ष्मण और मुथैया मुरलीधरन जैसे पूर्व दिग्गज 799 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं। मूडी इससे पहले श्रीलंका के कोच रह चुके हैं और टीम 2007 में विश्वकप के फाइनल में भी पहुँच चुकी है। वहीं मुथैया मुरलीधरन जो अपने जमाने में बेतरीन स्पिनर रहे हैं। उन्हें दबाव को हैंडल करना अच्छे से आता है। वहीं भारत के पूर्व बल्लेबाज़ वीवीएस लक्ष्मण टीम के बतौर मेंटर भी अच्छे सबित हुए हैं। उन्हें क्रिकेट की अच्छी समझ है। खासकर भारतीय उपमहाद्वीप की। #5 युवराज सिंह की फॉर्म वापसी युवराज सिंह बीते 3 सीजन में तीन अलग-अलग फ्रैंचाइज़ी से खेल चुके हैं। आईपीएल के शुरू में वह अपनी टीम के सबसे बड़े सितारे थे। हालाँकि इस वेटरन आलराउंडर ने अपनी सभी टीमों को मायूस किया है। पहले महीने आईपीएल से बाहर रहने के बाद युवराज सिंह ने मई में हैदराबाद के लिए वापसी की। हालाँकि उनके आंकड़े उतने अच्छे नहीं हैं लेकिन उन्होंने 7 मैचों में 24.33 के औसत और 30 के स्ट्राइक रेट से 146 रन बनाये हैं। लेकिन अगर गौर किया है तो इस 34 वर्षीय बल्लेबाज़ ने हाल के मैचों में गेंद को अच्छे से और बड़ी सफाई से सीमा के पार पहुँचाया है। जो उनकी फॉर्म वापसी के लिए अच्छा संकेत है। प्लेऑफ़ में युवराज सिंह की बल्लेबाज़ी एसआरएच के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। लेखक-डेविड जेम्स, अनुवादक-मनोज तिवारी