क्रिकेट में फॉर्मेट चाहे कोई भी हो किसी भी खिलाड़ी के लिए शतक का अपना एक अलग ही महत्व होता है। हर खिलाड़ी ज्यादा से ज्यादा शतक लगाना चाहता है। किसी भी बल्लेबाज की सफलता को इस तौर पर भी देखा जाता है कि उसने कितने शतक लगाए हैं। महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर दुनियाभर में सबके आदर्श हैं तो कहीं ना कहीं इसमें उनके 100 शतकों का बहुत बड़ा योगदान है। टेस्ट और वनडे क्रिकेट में शतक लगाने के लिए खिलाड़ियों के पास काफी वक्त होता है। लेकिन टी-20 क्रिकेट में खिलाड़ियों को शतक लगाने का मौका कम ही मिलता है, क्योंकि 20 ओवरों के क्रिकेट में एक खिलाड़ी का 100 रन बनाना आसान नहीं है। हालांकि आधुनिक क्रिकेट में टी-20 में शतक अब आम बात हो गया है। कई खिलाड़ी इस फटाफट फॉर्मेट में शतक जड़ चुके हैं। इसकी शुरुआत कहीं ना कहीं इंडियन प्रीमियर लीग से हुई थी। याद कीजिए जब आईपीएल के पहले ही सीजन में केकेआर की तरफ से खेलते हुए ब्रेंडन मैकलम ने 158 रनों की तूफानी पारी खेली थी। 2008 से लेकर अब तक आईपीएल में कई शानदार पारियां देखने को मिली हैं। कई सारे खिलाड़ी आईपीएल में शतक जड़ चुके हैं। इस सीजन की अगर बात करें तो सबसे पहले संजू सैमसन ने शानदार शतक लगाया इसके बाद डेविड वॉर्नर और बेन स्टोक्स ने काफी शानदार शतक जड़ा। किंग्स इलेवन पंजाब के सलामी बल्लेबाज हाशिम अमला ने तो 2 बार शतक जड दिया। लेकिन क्या आपको पता है कि आईपीएल में अब तक 90-100 के बीच 41 बार खिलाड़ी आउट हो चुके हैं। इस सीजन में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। कई खिलाड़ी शतक के बेहद करीब पहुंचे लेकिन महज कुछ रन से शतक जड़ने से चूक गए। आइए आपको बताते हैं उन्हीं 4 खिलाड़ियों के बारे में जो शतक के बेहद करीब पहुंचकर भी शतक नहीं लगा पाए। 4. क्रिस लिन- गुजरात लांयस के खिलाफ नाबाद 93 रन कोलकाता नाइट राइडर्स ने इस सीजन में अपनी सलामी बल्लेबाजी में बदलाव किया और ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज क्रिस लिन से ओपनिंग करवाई। केकेआर का ये दांव बिल्कुल सटीक बैठा। क्रिस लिन ने हर मैच में तूफानी बल्लेबाजी की। गुजरात लांयस के खिलाफ मैच में लिन ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की। गुजरात लांयस के 184 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए क्रिस लिन और कप्तान गौतम गंभीर ने बिना कोई विकेट खोए 185 रनों की साझेदारी कर टीम को 10 विकेट से मैच जिता दिया। इस दौरान लिन काफी आक्रामक मूड में दिखे। उन्होंने 19 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया और मैच में नाबाद 93 रन बनाए। हालांकि महज 7 रन से वो अपना शतक पूरा करने से चूक गए क्योंकि तब उनकी टीम निर्धारित लक्ष्य को हासिल कर चुकी थी। मैच के बाद लिन ने अपनी पारी के बारे में कहा कि' सिर्फ एक अच्छी पारी से टूर्नामेंट अच्छा नहीं होता। उम्मीद है मैं आगे भी ऐसे ही खेलते रहुंगा। अगर ऐसा हुआ तो मुझे काफी खुशी होगी'। हालांकि इसके बाद लिन चोटिल हो गए और टूर्नामेंट में कई मैच नहीं खेल पाए। आरसीबी के खिलाफ मैच से उन्होंने वापसी की। 3. मनन वोहरा- सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ 95 रन सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ मैच में लक्ष्य का पीछा करते हुए मनन वोहरा ने 95 रनों की नाबाद पारी खेली थी। लेकिन वो अपनी टीम को जीत नहीं दिला सके और अपना शतक भी नहीं पूरा कर पाए थे। सनराजर्स के 160 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए एक समय किंग्स इलेवन की टीम ने 82 रनों पर अपने 6 विकेट गवां दिए थे। यहां से उनकी हार लगभग तय लग रही थी। लेकिन मनन वोहरा ने एक छोर शानदार बल्लेबाजी करते हुए टीम को जीत के काफी करीब पहुंचा दिया। लेकिन जीत के और अपने शतक के करीब आकर वो आउट हो गए। नतीजा ये हुआ कि उनकी टीम 5 रनों से मैच हार गई। बीच के ओवरो में किंग्स इलेवन ने 2 ओवर में 41 रन बना दिए। टीम को आखिरी 2 ओवर में जीत के लिए महज 16 रन चाहिए थे। लेकिन मनन वोहरा के आउट होने के बाद कोई भी बल्लेबाज बड़ा शॉट नहीं लगा पाया। भुवनेश्वर कुमार ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट चटकाए और आखिरी ओवर में उन्होंने पंजाब के बल्लेबाजों को रन भी नहीं बनाने दिया। मैच के बाद वोहरा ने कहा कि' मैं मैच में 14-15 ओवर तक बल्लेबाजी करना चाहता था, क्योंकि मुझे पता था कि अगर मैं इतने ओवर तक क्रीज पर रहा तो हम जीत के करीब पहुंच जाएंगे'। 2. राहुल त्रिपाठी- कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ 93 रन कोलकाता के मशहूर ईडन गार्डन की पिच पर युवा बल्लेबाज राहुल त्रिपाठी ने राइजिंग पुणे सूपरजाएंट्स के लिए मैच विनिंग पारी खेली। 156 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए त्रिपाठी ने तूफानी बल्लेबाजी की और महज 23 गेंद में ही अपना अर्धशतक पूरा किया। राहुल त्रिपाठी ने कोलकाता नाइट राइडर्स के हर गेंदबाज की गेंद पर रन बनाया। अर्धशतक बनाने के बाद उन्होंने कुलदीप यादव को टार्गेट किया और लगातार 3 छक्के जड़ दिए। हालांकि राहुल त्रिपाठी महज 7 रन से अपना शतक बनाने से चूक गए और 93 रन बनाकर आउट हो गए। लेकिन उनकी इस धुंआधार पारी की बदौलत पुणे ने जीत दर्ज की। राहुल त्रिपाठी को उनकी शानदार पारी के लिए मैन ऑफ द् मैच चुना गया। अवॉर्ड लेते समय इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि ' गेंद को देखकर मारना मेरी प्राथमिकता थी। मुझे पता था कि इन चीजों पर मुझे सुधार की जरुरत है। लेकिन जो मैं कर सकता हूं वो कर रहा हूं। मैंने कुछ छक्के लगाए और गेंद को इतने अच्छे से हिट करके मुझे काफी अच्छा लग रहा है'। 1.ऋषभ पंत- गुजरात लांयस के खिलाफ 97 रन आईपीएल के इतिहास में ऋषभ पंत की ये पारी काफी लंबे समय तक याद रखी जाएगी। गुजरात लायंस के 209 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए ऋषभ पंत ने वर्ल्ड क्रिकेट को बताया कि उनके अंदर कितनी प्रतिभा है। पहला विकेट जल्दी गिरने के बाद ऋषभ पंत ने संजू सैमसन के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ाया और तेजी से रन बनाना शुरु किया। दोनों के बीच 143 रनों की साझेदारी हुई जिसमें ज्यादातर रन ऋषभ पंत के थे। पंत की आक्रामक बल्लेबाजी का नतीजा ये था कि अपने पहले 25 रन उन्होंने 10 गेंदो पर बना डाले। बेसिल थंपी के ओवर में चौका लगाकर उन्होंने अपनी पारी की जो आक्रामक शुरुआत की उसके बाद वापस मुड़कर नहीं देखा। जेम्स फॉकनर के एक ओवर में तो उन्होंने 23 रन बना डाले। हालांकि ऋषभ पंत महज 3 रन से मैच में अपना शतक बनाने से चूक गए। उन्होंने 43 गेंदों पर 9 छक्कों और 6 चौकों की मदद से 97 रनों की पारी खेली। थंपी की गेंद पर उनके बल्ले के का किनारा लेकर गेंद सीधा विकेटकीपर दिनेश कार्तिक के दस्तानों में समा गई। मैच के बाद दिल्ली डेयरडेविल्स के मेंटोर और पूर्व दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने कहा कि' ये देखकर मुझे काफी अच्छा लगा कि ऋषभ पंत 97 रनों तक पहुंचने के बावजूद अपने शतक के बारे में नहीं सोच रहा था और टीम की जीत के बारे में सोच रहा था'। लेखक-रोहित संकर अनुवादक-सावन गुप्ता