जिन 4 टीमों ने प्लेऑफ में जगह बनाई है उनमें एक समानता है वो है वर्ल्ड क्लास स्पिन गेंदबाज़ जिन्होंने या तो रन रोकने में अहम रोल अदा किया या विकेट चटकाए। राईज़िंग पुणे सुपरजाएंट्स (इमरान ताहिर ), मुंबई इंडियंस ( हरभजन सिंह क्रुणाल पांड्या ) ,कोलकाता नाइट राइडर्स ( कुलदीप यादव और सुनील नरेन) और सनराईजर्स हैदराबाद (राशिद खान)। सभी टीमों के पास शानदार स्पिन गेंदबाज़ी का विकल्प मौजूद था, जो लायंस के पास नहीं था । शिविल कौशिक के लिए ये सत्र भुला देने वाला साबित हुआ जब तक उन्हें अंकित सोनी से रीप्लेस किया गया जो इससे पहले कभी किसी टीम से नहीं खेले थे। अनुभवी शादाब जाकाती को प्रभाव छोड़ने का मौका नहीं मिला लेकिन लायंस के लिए सबसे बड़ी निराशाजनक बात रही रविंद्र जडेजा की खराब फॉर्म रही । भारत के इस ऑलराउंडर ने फील्डिंग में तो शानदार हाथ दिखाए लेकिन बल्ले से और गेंद से कुछ कमाल नहीं दिखा सके। ना तो जडेजा ने विकेट चटकाए बल्कि रन भी खूब लुटाए । 12 मैच में जडेजा ने 9 से ज्यादा के इकॉनॉकी रेट से सिर्फ 5 विकेट झटके जो टीम के काम नहीं आई ।