दिल्ली डेयरडेविल्स के कोच ने खिलाड़ियों के विकल्पों को लेकर किया बड़ा खुलासा

2017 इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की शुरुआत से पहले ही दिल्ली डेयरडेविल्स को करारे झटके लगे थे जब दक्षिण अफ्रीका के क्विंटन डी कॉक और जेपी डुमिनी अलग-अलग कारणों से टूर्नामेंट से बाहर हो गए। हालांकि, कोच पैडी अप्टन ने स्वीकार किया था कि दोनों खिलाड़ियों की जगह लेने के लिए उनके पास विकल्प मौजूद हैं। उन्होंने साथ ही कहा था कि टूर्नामेंट की समाप्ति तक वह अपने गेंदबाजी विभाग को सबसे मजबूत बनाना चाहते हैं। किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ शनिवार को होस्ट ने पूछा कि दोनों खिलाड़ियों के विकल्प क्यों नहीं बताए गए, अप्टन ने कहा, 'मुझसे यह सवाल कई बार पूछा जा चुका है। मेरे ख्याल से हम प्राथमिकता टीम को दे रहे हैं जहां हमारा ध्यान प्रत्येक खिलाड़ी के पर्याप्त बैकअप के होने पर टिका है। इस टूर्नामेंट का प्रारूप और अंतर्राष्ट्रीय कैलेंडर को ध्यान में रखते हुए चोटिल होना बड़ा पहलू है। हमारे पास उन दोनों के विकल्प है, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है। दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाज टूर्नामेंट से जल्दी विदाई लेंगे विशेषकर क्रिस मोरिस और कागिसो रबाडा, तो हमें गेंदबाजी विभाग में विकल्पों की जरुरत पड़ेगी।' यह भी पढ़ें : दिल्ली डेयरडेविल्स की एकतरफा जीत के बाद क्रिकेट जगत की प्रतिक्रियाएं टूर्नामेंट की शुरुआत से पहले दिल्ली डेयरडेविल्स को तगड़ा झटका लगा था क्योंकि डी कॉक और डुमिनी अलग-अलग कारणों से बाहर हो गए। जहां डी कॉक उंगली में चोट की वजह से बाहर हुए वहीं डुमिनी ने निजी कारणों से टूर्नामेंट से अपना नाम वापस लिया। राहुल द्रविड़ भी स्वीकार कर चुके हैं कि दोनों खिलाड़ियों का न होना टीम के लिए बड़ा झटका है। इससे उनकी बल्लेबाजी इकाई पर असर पड़ सकता है क्योंकि टीम का बल्लेबाजी क्रम गैरअनुभवी है, जो लगातार आईपीएल मैच जीतने के लिए निरंतर प्रदर्शन करने को लेकर संघर्ष कर सकता है। तब कई सवाल खड़े हुए जब दिल्ली डेयरडेविल्स ने जेपी डुमिनी की जगह ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज बेन हिलफेनहास को शामिल किया जबकि कॉक का कोई विकल्प नहीं घोषित किया गया। श्रेयस अय्यर भी पहले कुछ मैचों में शिरकत नहीं कर सके और युवा बल्लेबाजी क्रम तेजी से रन बनाने में थोड़ा सा संघर्ष करता नजर आया। दिल्ली को अपना अगला मैच कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ घर में 17 अप्रैल को खेलना है।