आईपीएल का 10वां संस्करण शुरु होने में एक महीने से थोड़ा ज्यादा का वक्त बचा है। 20 फरवरी को 10वें सीजन के लिए बैंगलोर में खिलाड़ियों की नीलामी हुई। 352 खिलाड़ियों में से सभी टीमों ने अपने पैसे और अपनी जरुरत के हिसाब से खिलाड़ियों की बोली लगाई। 352 खिलाड़ियों में से इस बार सिर्फ 66 खिलाड़ियों के लिए ही बोली लगी, बाकि खिलाड़ी फ्रेंचाइजीज को प्रभावित करने में नाकाम रहे। इन 66 खिलाड़ियों में कई भारतीय खिलाड़ी हैं तो कई विदेशी खिलाड़ी भी हैं। सभी टीमें अपनी-अपनी तैयारी में जुट चुकी हैं लेकिन सभी टीम मैनेजमेंट की एक ही चिंता है कि अंतिम 11 में किस खिलाड़ी को रखें और बाहर किए बैठाएं। आईपीएल में अंतिम 11 में सिर्फ 4 विदेशी खिलाड़ियों को ही रखने की इजाजत है ऐसे में एक ना एक खिलाड़ी पूरे टूर्नामेंट तक बैठा रह सकता है। आइए आपको बताते हैं हर टीम से एक ऐसे खिलाड़ी के बारे में जो कि जरुरत के हिसाब से टीम में ज्यादा है। 8. सनराइजर्स हैदराबाद-बेन लॉफलिन 34 साल के बेन लॉफलिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी हैं। ऑस्ट्रेलिया की घरेलू क्रिकेट लीग का उन्हें अच्छा-खासा अनुभव है। लेकिन हैदराबाद की टीम में मुस्तफिजुर रहमान, आशीष नेहरा, मोहम्मद बनी और क्रिस जॉर्डन जैसे दिग्गज खिलाड़ी मौजूद हैं। ऐसे में बेन को अंतिम 11 में मौका मिलना मुश्किल ही लगता है। इस बार के बिग बैश लीग सीजन में एडिलेड स्ट्राइकर्स की तरफ से खेलते हुए बेन लॉफलिन ने अच्छा प्रदर्शन किया था। बेन ने 7 मैचों में 14.88 की औसत से 9 विकेट चटकाए जबकि उनका इकॉनामी रेट महज 6.09 का रहा। अगर स्ट्राइकर्स की टीम नॉकआउट स्टेज के लिए क्वालीफाई कर लेती तो हो सकता है बेन बीबीएल के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज होते। 7. कोलकाता नाइट राइडर्स-डैरेन ब्रावो इस बार की नीलामी के शुरुआती राउंड में डैरेन ब्रावो के लिए किसी भी टीम ने बोली नहीं लगाई। लेकिन दूसरे राउंडर में कोलकाता नाइट राइडर्स ने उनकी बेस प्राइज पर उनको चुन लिया। डैरेन ब्रावो का टेस्ट क्रिकेट में काफी शानदार प्रदर्शन रहा है। टेस्ट मैचों में वेस्टइंडीज की बल्लेबाजी के वो रीढ़ हैं लेकिन टी-20 में उन्हें ज्यादा अनुभव नहीं है। डैरेन ब्रावो ने अभी तक मात्र 12 टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं जबकि 2014 में उन्होंने अपना आखिरी टी-20 मैच खेला था। कोलकाता की टीम क्रिस लिन, सूर्यकुमार यादव और मनीष पांडेय जैसे विस्फोटक बल्लेबाज हैं, ऐसे में ब्रावो को अंतिम 11 में मौका मिलने की बहुत कम ही उम्मीद है। 6. रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर- बिली स्टैनलेक क्वीसलैंड का ये युवा तेज गेंदबाज 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भी ज्यादा तेज गेंदें फेंकता है। स्टैनलेक को पाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए टीम में चुना गया था, जहां 2 मैचों में उन्होंने 1 विकेट चटकाए थे। बिग बिश लैग के इस सीजन में स्टैनलेक ने सिर्फ 4 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 17.83 की औसत से 6 विकेट चटकाए। इस दौरान उनका इकॉनामी रेट 6.97 रहा, जो कि टी-20 के हिसाब से अच्छा है। इस बार की नीलामी में टाइमल मिल्स के लिए RCB ने अच्छी-खासी बोली लगाई। ऐसे में उम्मीद है कि ज्यादातर मैचों में मिल्स ही गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई करेंगे। बैंगलोर के पास शेन वॉटसन और सैमुअल बद्री के रुप में 2 अच्छे गेंदबाज पहले से ही हैं, ऐसे में बिली की जगह अंतिम 11 में मुश्किल ही लगती है। 5. निकोलस पूरन- मुंबई इंडियंस मुंबई इंडियंस की टीम में जॉस बटलर और पार्थिव पटेल जैसे दो बेहतरीन विकेटकीपर बल्लेबाज पहले से ही हैं। ऐसे में निकोलस पूरन के रुप में एक और विकेटकीपर बल्लेबाज को खरीदना काफी हैरानी भरा फैसला है। निकोलस को हॉलांकि टी-20 मैचों का अच्छा-खासा अनुभव है और पूरी दुनिया में वो कई टी-20 टूर्नामेंट में हिस्सा ले चुके हैं। हाल ही में वो बांग्लादेश प्रीमयर लीग का हिस्सा रहे। मुंबई इंडियंस की अगर टीम की बात करें तो टीम रोहित शर्मा, जॉस बटलर, पार्थिव पटेल, लिंडल सिमंस, किरोन पोलार्ड, हार्दिक पांड्या, कुनाल पांड्या, लसिथ मलिंगा, मिचेल जॉनसन, मिचेल मैक्लेनघन जैसे सितारों से भरी पड़ी है। ऐसे में पूरन को अंतिम 11 में चांस मिलने की बहुत कम उम्मीद है। 4. गुजरात लॉयंस-एंड्र्यू टाई एक और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी एंड्र्यू टाई का भी बिग बैश लीग में काफी अच्छा प्रदर्शन रहा, लेकिन आईपीएल में अंतिम 11 में जगह बनाने में उन्हें काफी मुश्किल होगी। गुजरात लॉयंस की टीम स्टार खिलाड़ियों से भरी पड़ी है। ब्रेंडन मैक्कलम, ड्वेन स्मिथ, एरोन फिंच, ड्वेन ब्रावो और जेम्स फॉकनर जैसे दिग्गज विदेशी खिलाड़ी टीम में हैं। आईपीएल में टीम एक बार में सिर्फ 4 विदेशी खिलाड़ियों को ही अंतिम 11 में जगह दे सकती है, ऐसे में इस बात की बहुत ज्यादा उम्मीद है कि गुजरात लॉयंस अपने 4 विदेशी खिलाड़ी इन्हीं 6 खिलाड़ियों में से चुनेगी। अगर ऐसा हुआ तो एंड्र्यू टाए को पूरे आईपीएल सीजन बेंच पर बैठना पड़ सकता है। टाए इस बार बीबीएल का खिताफ जीतने वाली पर्थ स्कार्चर्स टीम का हिस्सा थे। इस बीबीएल सीजन में उन्होंने 10 मैचों में 27.40 की औसत से 10 विकेट चटकाए, जबकि इस दौरान उनका इकॉनामी रेट 7.14 का रहा। 2016 में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट में डे्ब्यू किया। इस दौरान उन्होंने 5 मैचों में 5 विकेट चटकाए। उनका औसत इस दौरान 37.60 का रहा जबकि इकॉनामी रेट काफी महंगा 10.25 का रहा। 3. दिल्ली डेयरडेविल्स-एंजेलो मैथ्यूज श्रीलंकाई ऑलराउंडर एंजेलो मैथ्यूज सीमित ओवरों के क्रिकेट में श्रीलंकाई टीम के कप्तान हैं। टी-20 मैचों के वो काफी अच्छे खिलाड़ी हैं। लेकिन दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम में कार्लोस ब्रेथवेट, क्रिस मोरिस और कोरी एंडरसन के रुप में 3 और बेहतरीन ऑलराउंडर हैं। ऐसे में मैथ्यूज को अंतिम 11 में जगह मिलना काफी मुश्किल होगा। हलांकि मैथ्यूज को आईपीएल मैचों का अच्छा खासा अनुभव है। अलग-अलग टीमों की तरफ से खेलते हुए वो अब तक 46 विकेट चटका चुके हैं। इस दौरान बल्लेबाजी में उनका औसत 23.86 और गेंदबाजी में 37.88 रहा। 2. राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स-लोकी फर्गुसन गुजरात लॉयंस की तरह राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स की टीम में भी टॉप ऑर्डर में कई दिग्गज बल्लेबाज हैं। स्टीव स्मिथ, महेंद्र सिंह धोनी, फाफ डू प्लेसी, मनोज तिवारी और इस आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी बेन स्टोक्स जैसे सितारे टीम में हैं। कीवी खिलाड़ी फर्गुसन ने 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का आगाज किया। हालांकि इस दौरान उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और वो 7 मैचों में 50.87 की औसत से 8 विकेट ही ले सके। जबकि इस दौरान उनका इकॉनामी रेट भी 6.46 का रहा। वहीं घरेलू टी-20 मैचों में भी उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा और 18 मैचों में 8 से ज्यादा इकॉनामी के साथ वो महज 10 विकेट ही चटका सके। पुणे की टीम में कई स्टार भारतीय तेज गेंदबाज हैं, ऐसे में लोकी फर्गुसन को अंतिम 11 में जगह मिलने की उम्मीद कम ही है। 1.किंग्स इलेवन पंजाब-डैरेन सैमी इन 8 विदेशी खिलाड़ियों में से वेस्टइंडीज के वर्ल्ड कप विजेता पूर्व कप्तान डैरेन सैमी के पास टी-20 क्रिकेट का सबसे ज्यादा अनुभव है। लेकिन पिछले एक साल से उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। किंग्स इलेवन की बैटिंग लाइन अप में ग्लेन मैक्सवेल, शॉन मॉर्श, मुरली विजय, मार्क्स स्टोइनिक्स, इयन मॉर्गन और डेविड मिलर जैसे धाकड़ बल्लेबाज हैं। ऐसे में इन खिलाड़ियों के होते हुए आउट ऑफ फॉर्म चल रहे डैरेन समी का अंतिम 11 में जगह मिलना मुश्किल लगता है। वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के साथ इस समय कई सारे इश्यूज चल रहे हैं। इसलिए डैरेन समी दुनिया की हर एक लीग में खेलते हैं। इस समय वो पाकिस्तान सुपर लीग में पेशावर जल्मी की तरफ से खेल रहे हैं। अगर डैरेन सेमी के टी-20 करियर पर नजर डालें तो 238 टी-20 मैचों में उन्होंने 20.48 की औसत से 2888 रन बनाए हैं और 7.82 की इकॉनामी रेट से 153 विकेट चटकाए हैं। लेखक-राजदीप पुरी अनुवादक-सावन गुप्ता