आईपीएल के अब तक 9 सीजन हो चुके हैं जिसमें से दिल्ली की टीम केवल 3 मर्तबा प्लेऑफ में जगह बना पाई है। इसके अलावा 2009 और 2012 के चैंपियंस लीग टी-20 के लिए भी उन्होंने क्वालीफाई किया था। टीम अपने आईपीएल ट्रॉफी के सूखे को खत्म करने के लिए पूरा जोर लगा रही है, इसलिए इस बार की नीलामी में उन्होंने कुछ अच्छी बोलियां लगाई। टीम मैनेजमेंट ने इंग्लिश ऑलराउंडर बेन स्टोक्स को खरीदने के लिए पूरा जोर लगा दिया हालांकि 14 करोड़ की रकम के साथ राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स ने उनके हाथ से ये मौका छीन लिया। हालांकि दिल्ली की टीम ने कोरी एंडरसन और एंजेलो मैथ्यूज जैसे खिलाड़ियों को खरीदकर इस कमी को पूरा कर लिया। टीम की मजबूती दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम में युवा भारतीय बल्लेबाजों की शानदार खेप है। श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत, करुण नायर और संजु सैमसन जैसे होनहार खिलाड़ी टीम में हैं। वहीं विदेशी खिलाड़ियों में टीम के पास क्विंटन डी कॉक, जेपी डुमिनी और सैम बिलिंग्स के रुप में शानदार खिलाड़ी हैं। निचले क्रम में भी टीम के पास काफी धाकड़ बल्लेबाज हैं। 4 छक्के लगाकर वेस्टइंडीज को टी-20 वर्ल्ड कप दिलाने वाले कार्लोस ब्रेथवेट, तूफानी ऑलराउंडर बल्लेबाज कोरी एंडरसन और आतिशी पारियां खेलने वाले क्रिस मोरिस जैसे खिलाड़ी टीम की बल्लेबाजी को गहराई प्रदान करते हैं। टीम की कमजोरी दिल्ली की टीम की सबसे बड़ी कमजोरी उनकी गेंदबाजी है। खासकर अच्छे भारतीय तेज गेंदबाजों की उनके पास कमी है। मोहम्मद शमी को छोड़कर कोई भी गेंदबाज उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया है। गेंदबाजी में ज्यादातर दिल्ली की टीम को अपने स्पिनरों जयंत यादव, अमित मिश्रा शाहबाज नदीम पर ही निर्भर रहना पडेगा। वहीं टीम के लिए सबसे बड़ी परेशानी ये है कि उसके 4 सबसे दिग्गज विदेशी प्लेयर साउथ अफ्रीका के हैं। ये खिलाड़ी चैंपियंस ट्रॉफी की तैयारियों के लिए आईपीएल बीच में ही छोड़कर जा सकते हैं। ऐसे में टीम के सामने तब ज्यादा दिक्कत हो सकती है। टीम के बारे में भविष्यवाणी अगर राहुल द्रविड़ ने कुछ करिश्माई प्लान बनाया और वो कारगर रहा तो ही टीम अंतिम 4 में जगह बना सकती है।