IPL 2017: सुरेश रैना ने दिया शानदार खेल भावना का परिचय

Rahul

2003 में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच एडिलेड मैच में राहुल द्रविड़ ने पॉइंट की तरफ चौका जड़ कर भारत को एतिहासिक जीत दिलाई थी। द्रविड़ का जश्न देखते ही बन रहा था। दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव वॉ हार को देख रहे थे, लेकिन मैच के अंत में ऑस्ट्रलियाई कप्तान ने गेंद को बाउंड्री से उठाकर उसे द्रविड़ के हाथो में सम्मान के रूप में थमा दिया। इन भावनाओं को हम खेलभावना से जोड़ कर नहीं देख सकते। यह भावनाएं खेल भावना से ऊपर बढ़कर होती हैं, आपके अपने मन की होती है। इससे ख़िलाड़ी खुद से जान पाता है और इस तरह की भावनाओं को वॉ ने द्रविड़ के प्रति दिखाया था। इस बात को गुजरे 10 साल से ज्यादा का समय हो गया है। ख़िलाड़ी बदल गये हैं, मैदान बदल गए हैं लेकिन आज भी कभी-कभी ख़िलाड़ी अपने आप को खेलभावना से ऊपर रखते हैं और सभी का दिल जीत लेते हैं। कुछ ऐसा ही दिल्ली डेयरडेविल्स और गुजरात लायंस के मैच के दौरान देखने को मिला है। गुजरात ने दिल्ली को 209 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य दिया। लक्ष्य का पीछा करने उतरे दिल्ली के युवा बल्लेबाजों ने मैदान पर ताबड़तोड़ बल्लेबाजी का नजारा पेश किया। एक तरफ संजू सैमसन ने 61 रनों की पारी के दौरान अपनी कलात्मक बल्लेबाजी दिखाई तो दूसरी तरफ ऋषभ पन्त ने धुंआधार बल्लेबाजी करते हुए 97 रन बनाए। जब ऋषभ पन्त आउट हुए तो मैदान में कुछ अलग ही देखने को मिला। भारत के अनुभवी ख़िलाड़ी सुरेश रैना विपक्षी टीम के कप्तान होने पर ऋषभ पन्त की विकेट पर जश्न न बनाते हुए उनके पास जाकर उनको सान्तवना दी। ऋषभ के प्रति रैना का व्यहवार खेल भावना से कहीं ज्यादा बढ़कर था। यह भाव देख कर सभी ने सुरेश रैना की तारीफ़ की। मैच के बाद सुरेश रैना ने कहा कि ऋषभ ने अपनी पारी के दौरान सभी का दिल जीता है। अब हम कह सकते हैं कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य सही हाथों में हैं। उनकी पारी काफी उम्दा थी, शतक से चूकने पर मैंने उनको सान्तवना देने की कोशिश की, जो एक ख़िलाड़ी को दूसरे खिलाड़ी के प्रति जाहिर करनी चाहिए। ऋषभ पन्त ने गुजरात के खिलाफ 97 रनों की पारी के दौरान 9 छक्के और 6 चौके लगाए और संजू सैमसन ने भी 61 रनों की बेहतरीन पारी खेली। 209 रनों के मुश्किल लक्ष्य को दिल्ली ने आसानी के साथ प्राप्त करके मैच को 7 विकेट से जीत लिया था।

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