मौजूदा आईपीएल सत्र में 17 वर्षीय वॉशिंगटन सुंदर जहां भी जा रहे हैं, आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। तमिलनाडु के इस छोटे से खिलाड़ी ने सबकी नजरों को अपनी तरफ खींचा है। आईपीएल 2017 के पहले क्वालीफायर मैच में मुंबई इंडियंस के खिलाफ शानदार प्रदर्शन कर आरपीएस को फाइनल में पहुंचाने वाले सुन्दर की चारों ओर तारीफ हो रही है। इस आईपीएल में सुन्दर को मैन ऑफ़ द मैच का खिताब भी मिला है और वे सबसे कम उम्र में यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले आईपीएल खिलाड़ी बनने का गौरव भी हासिल कर चुके हैं। उन्हें उनकी गेंदबाजी और बल्लेबाजी के कारण नहीं बल्कि नाम की वजह से भी उतनी लोकप्रियता मिल रही है। सभी यह सोचते हैं कि तमिलनाडु के एक हिन्दू परिवार से आने के बावजूद उनका नाम वॉशिंगटन कैसे हुआ? क्या उनके पिता तथा उनका अमेरिका से कोई रिश्ता-नाता रहा है या और कुछ बात है? वॉशिंगटन सुंदर के पिता एम सुन्दर ने इन तमाम जिज्ञासाओं पर विराम लगाते हुए उनके नाम के पीछे का रहस्य उजागर किया है। एक नामी भारतीय अखबार से बात करते हुए वॉशिंगटन सुंदर के पिता ने कहा "मैं एक विनम्र हिन्दू परिवार से हूं। हमारे घर से दो गली आगे एक पूर्व फौजी पीडी वाशिंगटन रहते थे। वे क्रिकेट के शौक़ीन थे और हमें खेलते हुए देखने मैदान आते थे। उन्हें खेल अच्छा लगता था।" उनके इस शौक को देखकर ही एम सुन्दर ने अपने बेटे का नाम वॉशिंगटन रख दिया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें कोई और बेटा होता, तो वे उसका नाम वॉशिंगटन जूनियर रखते।
सुन्दर के पिता ने यह भी कहा कि वे बहुत गरीब थे और पीडी वॉशिंगटन ने उनकी स्कूल फीस, ड्रेस आदि खर्चे उठाये थे और जब उन्होंने रणजी ट्रॉफी की संभावित एकादश में स्थान बनाया, तब पीडी वॉशिंगटन बहुत खुश हुए थे।
आगे सुन्दर के पिता ने बताया कि पीडी वॉशिंगटन का 1999 में निधन हो गया था। मेरी पत्नी को मुश्किल प्रसव के बाद बेटा हुआ और यह जीवित रहा। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार उन्होंने उसके कान में श्रीनिवासन नाम दिया लेकिन जिस व्यक्ति ने उनके लिए बहुत कुछ किया, उनकी याद में उन्होंने बेटे का नाम वॉशिंगटन रख दिया।