IPL 2017: पहले हफ्ते के मैचों का रिव्यू

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IPL 10 को शुरु हुए हफ्ते भर हो चुके हैं। कई स्टार खिलाड़ियों के ना खेलने के बावजूद इसकी लोकप्रियता में अभी तक कोई कमी नहीं आई है। एक से बढ़कर एक मैच इस हफ्ते भर में हुए हैं। डिफेंडिंग चैंपियन सनराइजर्स हैदराबाद ने पहले मुकाबले में जीत के साथ आगाज किया। वहीं दूसरी टीमें भी अपनी पूरी ताकत से लड़ रहीं हैं। आइए जानते हैं इस हफ्ते के प्रदर्शन के आधार पर सभी टीमों का विश्लेषण सनराइजर्स हैरदाबाद 2 मैच, 2 जीत पॉजिटिव-राशिद खान राशिद खान इस आईपीएल सीजन में अब तक 2 मैचो में 5 विकेट चटका चुके हैं। वहीं दीपक हुड्डा और विपुल शर्मा ने भी अच्छी गेंदबाजी की है। राशिद ने अब तक 2 मैचो में महज 6.87 की इकॉनामी से रन दिए हैं। उनकी गेंद किसी भी बल्लेबाज के पल्ले नहीं पड़ रही है। निगेटिव- 5वें गेंदबाज की कमी मोइजिज हेनरिक्स और बेन कटिंग ने 5वें गेंदबाज के रुप में मिलकर 9.4 ओवर में 96 रन खर्च कर दिए हैं और अब तक कोई विकेट भी नहीं चटका पाए हैं। हालांकि विपुल शर्मा 5वें गेंदबाज की कमी को जरुर पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हेनरिक्स और कटिंग की गेंदबाजी सनराइजर्स के लिए चिंता का विषय है। अभी तक सनराइजर्स ने एकतरफा मैच जीता है लेकिन नजदीकी मैचो में इन दोनों गेंदबाजों के खर्चीले ओवर काफी महंगे साबित हो सकते हैं। सनराइजर्स के लिए रणनीति- किसी भी चीज में बदलाव नहीं करना चाहिए बेन कटिंग और मोइजिज हेनरिक्स की साधारण गेंदबाजी को देखते हुए सनराइजर्स टीम में बदलाव भी कर सकती है। हो सकता है टीम मैनजमेंट अगले कुछ मैचो में कटिंग की जगह अफगानिस्तान के मोहम्मद नबी को मौका दे। नबी को देखने के लिए सभी उत्सुक होंगे लेकिन जल्दबाजी में हैदराबाद को टीम में बदलाव नहीं करना चाहिए। क्योंकि अभी महज 2 ही मैच हुए हैं और कटिंग, हेनरिक्स ने गेंदबाजी से ना सही बल्लेबाजी में अच्छा प्रदर्शन किया है। हैदराबाद की टीम भी इस वक्त अच्छी फॉर्म में लग रही है। ऐसे में टीम में बदलाव करना जरुरी नहीं है। कोलकाता नाइट राइडर्स 2 मैच, 1 जीते, 1 हारे पॉजिटिव-क्रिस लिन कैरिबियन प्रीमियर लीग और बिग बैश लीग में भी क्रिस लिन शानदार फॉर्म में थे और आईपीएल में भी उनका धमाकेदार प्रदर्शन जारी रहा। उन्होंने केकेआर की टीम में आंद्रे रसेल की कमी नहीं खलने दी जो कि इस समय नहीं खेल रहे हैं। कोलकाता नाइट राइडर्स की रणनीति हमेशा से 2 विदेशी गेंदबाज और 2 विदेशी ऑलराउंडर खिलाने की रही है। पिछले 2 सीजन की अगर बात करें तो कोलकाता की टीम महज 7 दफा एक स्पेशलिस्ट विदेशी बल्लेबाज के साथ उतरी है। लेकिन क्रिस लिन ने अपनी बल्लेबाजी से केकेआर के थिंक टैंक को सोचने पर मजबूर कर दिया है। केकेआर की टीम ने लिन को पहले मैच में ओपन करवाया और ये रणनीति काम कर गई। क्रिस लिन ने मैदान के चारो तरफ शॉट लगाए। लिन को हमेशा स्पिनरों के सामने दिक्कत होती रही है, ऐसे में उनसे ओपन करवाना ही सही रणनीति है। क्योंकि शुरुआत में तेज गेंदबाज ही ज्यादातर गेंदबाजी करते हैं। दूसरी चीज गौतम गंभीर और रॉबिन उथप्पा की सलामी जोड़ी ने भले ही आईपीएल में केकेआर को अच्छी शुरुआत दी हो लेकिन क्रिस लिन जितना अच्छा उपयोग पॉवरप्ले का कर लेते हैं। उतना अच्छा ये दोनों बल्लेबाज नहीं कर पाएंगें। लिन टीम को विस्फोटक शुरुआत देते हैं। निगेटिव- डेथ ओवरो में गेंदबाजी डेथ ओवरो में गेंदबाजी केकेआर के लिए अभी तक चिंता का विषय रही है। गुजरात लायंस के खिलाफ टीम ने आखिरी 4 ओवरो में काफी रन लुटा दिए, वहीं मुंबई इंडियंस के खिलाफ मैच में भी टीम ने 50 रन दे दिए। केकेआर की तरफ से ट्रेंट बोल्ट और क्रिस वोक्स आखिर के ओवरो में गेंदबाजी कर रहे हैं। लेकिन कहीं ना कहीं इन गेंदबाजों से चूक हो रही है। गुजरात लायंस के दिनेश कार्तिक ने इनके खिलाफ कुछ अच्छे शॉट खेले थे। वहीं मुंबई के खिलाफ मैच में बोल्ट और अंकित राजपूत ने डेथ ओवर में गेंदबाजी की और काफी रन लुटा दिए। इसकी वजह से मुंबई की टीम मैच जीतने में कामयाब रही। टीम के लिए रणनीति- सुनील नरेन को प्रमोट करने से ना डरें मुंबई के खिलाफ दूसरे मैच में सूर्यकुमार के आउट होने के बाद क्रिस वोक्स बल्लेबाजी के लिए आते हैं और तुरंत आउट होकर पवेलियन चले जाते हैं। जबकि 3.5 ओवर का खेल अभी भी बाकी था। केकेआर की टीम आंद्रे रसेल की जगह भरने के लिए क्रिस वोक्स को ज्यादा बल्लेबाजी का मौका देना चाहती है। लेकिन ये रणनीति काम नहीं कर रही है। ऐसे में केकेआर की टीम को दूसरे विकल्प सुनील नरेन पर विचार करना चाहिए। नरेन निचले क्रम में अच्छी-खासी हार्ड हिटिंग बल्लेबाजी कर लेते हैं। ऐसे में उनको प्रमोट करने से झिझकना नहीं चाहिए। किंग्स इलेवन पंजाब maxwell-1491822333-800 खेले 2, जीते 2 पॉजिटिव- ग्लेन मैक्सवेल किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान ग्लेन मैक्सवेल ने अब तक अपने दोनों मैचों में कप्तानी पारी खेली है। पहले मैच में पुणे के खिलाफ जहां उन्होंने मैच जिताऊ रन बनाए तो दूसरे मैच में भी बैंगलोर की खिलाफ मैक्सवेल ने 22 गेंदों पर 43 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली। पंजाब की टीम के लिए ये काफी अच्छी खबर है, क्योंकि उसके ज्यादातर विदेशी खिलाड़ी सफल नहीं रहे। निगेटिव- अक्षर पटेल को बल्लेबाजी में प्रमोट करना अब तक दोनों मैचों में पंजाब की टीम ने अक्षर पटेल को बल्लेबाजी में प्रमोट किया है। पुणे के खिलाफ पहले मैच में टीम शायद लेफ्ट और राइट का कॉम्बिनेशन बनाए रखना चाहती थी। लेकिन छोटे से लक्ष्य का पीछा करने के लिए अक्षर को प्रमोट करना थोड़ा रिस्की है। दोनों ही मैचो में अक्षर पटेल रन नहीं बना पाए। इसलिए पंजाब को इससे अभी तक कोई फायदा नहीं हुआ है। अक्षर पटेल को तेजी से रन बनाने के लिए बल्लेबाजी में ऊपर भेजा गया, लेकिन उनका स्ट्राइक रेट 100 से भी कम रहा। बड़े स्कोर के मैचो में ये गेंदें काफी फर्क डाल सकती हैं। ऐसे में मैक्सवेल और मिलर को ही बल्लेबाजी में ऊपर आना चाहिए। किंग्स इलेवन पंजाब के लिए रणनीति- मैक्सवेल करें पारी की शुरुआत कोलकाता और मुंबई जैसी टीमों ने अपने विस्फोटक बल्लेबाजों क्रिस लिन और जोस बटलर से पारी की शुरुआत कराई है। किंग्स इलेवन की टीम भी ऐसा कर सकती है। मैक्सवेल एक तरफ से पारी की शुरुआत करने आ सकते हैं और टीम को तेज शुरुआत दे सकते हैं। वो श्रीलंका के खिलाफ मैच में ऐसा करते हुए शतक भी लगा चुके हैं। मैक्सवेल के पारी की शुरुआत करने से इयन मॉर्गन की मध्यक्रम में आसानी से जगह बन सकती है। हाशिल अमला को रेस्ट दिया जा सकता है। मुंबई इंडियंस rohit-sharma-1491822446-800 मैच-2, जीते-1, हारे-1 पॉजिटिव- भारतीय विस्फोटक बल्लेबाज नीतीश राणा और हार्दिक पांड्या जैसे युवा बल्लेबाज भारतीय टी-20 टीम की नई जेनरेशन हैं। ये बल्लेबाज मनीष पांडेय और लोकेश राहुल जितने कलात्मक तो नहीं हैं लेकिन गेंद को हिट काफी अच्छी से करते हैं। कोलकाता के खिलाफ नीतीश राणा की पारी और हार्दिक की पुणे और कोलकाता के खिलाफ पारी इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण हैं। इन दोनों बल्लेबाजों के अच्छे फॉर्म की वजह से मुंबई इंडियंस की बल्लेबाजी में और गहराई आ गई है। निगेटिव- पुणे के खिलाफ बॉलिंग रणनीति जिस टीम में जसप्रीत बुमराह, टिम साउदी और मिचेल मैक्लनेघन जैसे दिग्गज गेंदबाज हों वहां पर आखिरी ओवर किरोन पोलार्ड से करवाना सबसे बड़ी भूल है। यही वजह रही कि टीम को हार का सामना करना पड़ा। यहां पर रोहित शर्मा का गेम प्लान किसी को समझ में नहीं आया कि आखिर पोलार्ड को गेंद उन्होंने क्यों थमाई। टीम के लिए रणनीति-पार्थिव पटेल को ड्रॉप करें जिस टीम में एक से बढ़कर एक पावर हिटर बल्लेबाज हों वहां पर पार्थिव पटेल से ओपन करवाना सही रणनीति नहीं है। पटेल पावरप्ले का पूरा फायदा नहीं उठा पाते हैं, जिससे मध्यक्रम और निचले क्रम के बल्लेबाजों पर दबाव ज्यादा आ जाता है। पिछले सीजन के शुरुआत से ही पार्थिव ने महज 6.08 की इकॉनामी रेट से रन बनाए हैं। मुंबई की टीम को जोस बटलर के साथ रोहित शर्मा से ओपनिंग करवानी चाहिए और पार्थिव की जगह पर किसी युवा बल्लेबाज को टीम में लेना चाहिए। जब तक अंबाती रायडू फिट होकर टीम में नही आते तब तक कृष्णप्पा गौथम को आजमाया जा सकता है। राइजिंग पुणे सूपरजाएंट dhoni-1491822576-800 मैच-3, जीते-1, हारे-2 पॉजिटिव- फॉफ डू प्लेसी को टीम में अभी तक नहीं लिया पुणे की टीम 2 विदेशी बल्लेबाजों को एक साथ नहीं खिला सकती है, क्योंकि टीम की गेंदबाजी कमजोर है। ऐसे में टीम पहले अपनी गेंदबाजी को मजबूत करना चाहती है। पहले 2 मैचो में टीम की ये रणनीति साफ दिखी। वहीं डेनियल क्रिस्चियन के टीम में आ जाने से बल्लेबाजी और मजबूत होगी। निगेटिव- पहले बल्लेबाजी पुणे की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए अब तक 8 मैच हार चुकी है। लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम का रिकॉर्ड अच्छा रहा है। लेकिन अगर पुणे को अंतिम 4 में जगह बनानी है तो उसे अपनी इस कमजोरी से पार पाना होगा। टीम में कई अच्छे बल्लेबाज हैं, इसलिए वो इस मिथक को तोड़ सकते हैं। टीम के लिए रणनीति- लगातार एक लेग स्पिनर को जरुर खिलाएं पुणे की टीम में एडम जम्पा और इमरान ताहिर जैसे दिग्गज स्पिनर हैं। ऐसे में उनको इन दोनों गेंदबाजों में से किसी को भी ड्रॉप नहीं करना चाहिए। कम से कम ताहिर को तो पुणे की टीम को हर मैच में रखना चाहिए। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर shane-watson-afp_806x605_81491557336 मैच-3, जीते-1, हारे-2 पॉजिटिव-केदार जाधव पहले 2 मैचो में एबी डिविलियर्स और विराट कोहली की अनुपस्थिति में केदार जाधव ने शानदार पारी खेली। पहले मैच में उन्होंने 16 गेंद पर 31 रन बनाए तो दूसरे मैच में दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ 37 गेंदों पर ताबड़तोड़ 69 रन बनाए। हालांकि तीसरे मैच में दुर्भाग्यवश वो जल्द आउट हो गए। कोहली और डिविलियर्स के एक साथ खेलने पर टीम की बल्लेबाजी में और गहराई आ जाएगी। निगेटिव- टीम में अस्थिरता पहले मैच में हार मिलने के बाद बैंगलोर की टीम ने दूसरे मैच में टीम में 4 बदलाव किए। हालांकि दिल्ली के खिलाफ दूसरे मैच में टीम को जीत मिली, लेकिन ज्यादा बदलाव से टीम के प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है। इससे टीम के खिलाड़ी कन्फूयज हो जाते हैं कि टीम में उनका रोल क्या है। टीम के लिए रणनीति- 2 विदेशी गेंदबाजों को टीम में शामिल करें दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ आरसीबी की जीत ने गेंदबाजी की अहमियत को बता दिया। ट्रेविस हेड को ड्रॉप करके टीम ने तेज गेंदबाज बिली स्टेनलेक को टीम में शामिल किया। स्टेनलेक ने अपने 4 ओवरो में 29 रन देकर 2 अहम विकेट चटकाए। इसकी वजह से आरसीबी 157 रनों का स्कोर डिफेंड करने में कामयाब रही। डिविलियर्स के वापस आने के बाद भी आरसीबी को अपनी इसी रणनीति से मैदान में उतरना चाहिए। दिल्ली डेयरडेविल्स dd मैच- 2, जीते- 1, हारे-1 पॉजिटिव-ऋषभ पंत रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ ऋषभ पंत की पारी आईपीएल की सबसे बेस्ट पारियों में से एक थी। कुछ ही दिन पहले उनके पिता का निधन हो गया। इसके बावजूद जिस तरह से उस सदमे से उबरते हुए उन्होंने आरसीबी के खिलाफ बल्लेबाजी की वो काबिलेतारीफ है। महज 19 साल की उम्र में ये परिपक्कवता दिखाता है कि वो कितने बड़े प्लेयर हैं। इससे पता चलता है कि वो मानसिक रुप से कितने मजबूत हैं। निगेटिव- डुमिनी का सही रिप्लेसमेंट जेपी डुमिनी इस सीजन में नहीं खेल रहे हैं। ऐसे में दिल्ली की टीम ने उनकी जगह गेंदबाज बेन हिल्फेनहास को टीम में शामिल किया है। ये रिप्लेसमेंट बिल्कुल भी मेल नहीं खाता है। क्योंकि डुमिनी एक अच्छे हार्ड हिटर बल्लेबाज हैं और हिल्फेनहास गेंदबाज हैं। हिल्फेनहास एक विश्वस्तरीय गेंदबाज हैं ऐसे में उनको टीम में शामिल करना बुरी बात नहीं है। लेकिन उनको किसी बल्लेबाज की जगह टीम में लाना कहीं से भी सही रणनीति नहीं है। खासकर तब जब टीम में अच्छे तेज गेंदबाज पहले से ही मौजूद हों। दिल्ली की टीम के पास पहले से ही अनुभवी बल्लेबाजों की कमी है, ऐसे में डुमिनी की जगह किसी बल्लेबाज को लेना ही दिल्ली के लिए सही होगा। टीम के लिए रणनीति- ओवरसीज कॉम्बिनेशन चेंज करना पड़ेगा दिल्ली के पास बल्लेबाजी में गहराई नहीं है। फिर भी पहले मैच में क्रिस मॉरिस के साथ कार्लोस ब्रेथवेट औऱ पैट कमिंस के साथ टीम उतरी। अगर इनकी जगह कोरी एंडरसन और एंजेलो मैथ्यूज को टीम में शामिल किया जाता तो बल्लेबाजी में ज्यादा गहराई आ जाती। इन दोनों खिलाड़ियों के पास अनुभव भी अच्छा-खासा है। गुजरात लायंस raina-1489249192-800 (1) मैच-2, जीते-0, हारे-2 पॉजिटिव-जेसन रॉय की बल्लेबाजी गुजरात लायंस के पास विस्फोटक बल्लेबाजों की पूरी फौज है। ऐसे में अब वो किन बल्लेबाजों के साथ मैदान पर उतरेंगे ये देखने वाली बात होगी। अभी तक टीम ने अपने लगभग सभी बल्लेबाजों को टीम में जगह दी है। सलामी बल्लेबाज जेसन रॉय अच्छे टच में लग रहे हैं। हालांकि टीम की गेंदबाजी कमजोर है। ऐसे में बल्लेबाजों के ऊपर अतिरिक्त दबाव आ जाता है। निगेटिव- टीम सेलेक्शन और गेंदबाजी रविंद्र जडेजा और ड्वेन ब्रावो जैसे दिग्गज गेंदबाज चोटिल हैं। फिर भी गुजरात लायंस ने किसी भी विदेशी गेंदबाज को टीम में शामिल नहीं किया। पिछले सीजन में ड्वेन स्मिथ ने अच्छी गेंदबाजी नहीं की थी। इसके बावजूद टीम ने इस सीजन में भी उन पर भरोसा जताया। लेकिन वो अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे। पिछले सीजन में उन्होंने 9 की इकॉनामी रेट से रन दिए थे और उनका औसत 41 का था। इस सीजन में 2 मैचो में वो मात्र 1 ही विकेट ले पाए हैं और 10 से ज्यादा की औसत से रन दे दिए हैं। हालांकि सिर्फ ड्वेन स्मिथ ने ही खराब गेंदबाजी नहीं की बल्कि गुजरात लायंस के बाकी गेंदबाजो ने भी खराब गेंदबाजी की। टीम के लिए रणनीति- एक विदेशी गेंदबाज के साथ उतरना अगर रविंद्र जडेजा टीम में वापस आ भी जाएं तो भी गुजरात लायंस को एक विदेशी गेंदबाज के साथ उतरना चाहिए। एंड्र्यू टाई और जेम्स फॉकनर में से किसी एक गेंदबाज को टीम में जरुर शामिल करना चाहिए। फॉकनर का रिकॉर्ड अच्छा रहा है। अगर ब्रावो फिट होकर टीम में आ गए तो गेंदबाजी में गहराई आ जाएगी। लेखक-फ्रेडी विल्डे अनुवादक-सावन गुप्ता

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