आईपीएल 2018 धीरे-धीरे नज़दीक आ रहा है और इसको लेकर क्रिकेट फ़ैस में अच्छा ख़ासा रोमांच है। सभी को आईपीएल के 11वें सीज़न के शुरु होने का इंतेज़ार है। इस टूर्नामेंट की सबसे कामयाब टीमों में से एक चेन्नई सुपरकिंग्स की आईपीएल में 2 साल बाद वापसी हो रही है। चेन्नई टीम के मालिकों ने 5 पुराने खिलाड़ियों को नीलामी से पहले और राइट टू मैच कार्ड के ज़रिए रिटेन किया है। सिर्फ़ उन खिलाड़ियों को चेन्नई टीम में रिटेन किया जा सकता था जो साल 2015 में चेन्नई टीम के सदस्य थे और उनमें से जो आईपीएल 2017 में राइज़िंग पुणे सुपरजायंट और गुजरात लॉयंस टीम के सदस्य थे। चेन्नई सुपर किंग्स के मालिकों ने 3 पुराने खिलाड़ियों को सीधे रिटेन किया है, उनमें महेंद्र सिंह धोनी, सुरेश रैना और रविंद्र जडेजा शामिल हैं। धोनी साल 2017 में राइज़िंग पुणे सुपरजायंट टीम के सदस्य थे। रैना और जडेजा पिछले 2 साल से गुजरात लॉयंस टीम में शामिल थे। टीम मैनेजमेंट ने राइट टू मैच कार्ड के ज़रिए फ़ॉफ़ डुप्लेसी और ड्वेन ब्रावो को टीम बरक़रार रखा है। हम यहां उन 5 पुराने चेन्नई सुपरकिंग्स टीम के खिलाड़ियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं जिनकी कमी इस टीम को ज़रूर खलेगी और जिन्हें वापस न ख़रीदना महंगा साबित हो सकता है।
#1 ब्रेंडन मैकुलम
न्यूज़ीलैंड टीम के पूर्व ओपनिंग खिलाड़ी ब्रेंडन मैकुलम विश्व क्रिकेट का सबसे विस्फोटक बल्लेबाज़ों में से एक हैं। उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स टीम की तरफ़ से आईपीएल 2008 में डेब्यू किया था। बैंगलौर के ख़िलाफ़ अपने और आईपीएल के पहले ही मैच में उन्होंने 158 रन की पारी खेली थी। साल 2017 के आईपीएल सीज़न में उन्होंने 145.45 के स्ट्राइक रेट और 29.09 की औसत से कुल 320 रन बनाए थे। वो साल 2017/18 के बिग बैश लीग और 2018 के पाकिस्तान सुपर लीग में शामिल हुए थे। जहां उन्होंने क्रमश: 248 और 218 रन की बनाए थे। वो भले ही कीवी टीम से रिटायर रो चुके हैं लेकिन उनका ख़ौफ़ विपक्षी गेंदबाज़ों के दिलों में अब तक बरक़रार है। वो फ़िलहाल शानदार फ़ॉम में चल रहे हैं अगर वो चेन्नई सुपरकिंग्स टीम में दोबारा चुने जाते तो शायद इस के टॉप ऑर्डर बल्लेबाज़ी को और ज़्यादा मज़बूती मिल जाती। चेन्नई से मैक्कुलम का जाना किसी नुक़सान से कम नहीं है। आईपीएल के 11वें सीज़न में वो आरसीबी टीम के लिए खेलते हुए नज़र आएंगे।
#2 एंड्रयू टाई
एंड्रयू टाई को टी-20 की दुनिया के सबसे कामयाब गेंदबाज़ों में गिना जाता है। उनकी गेंदबाज़ी की धार कई बल्लेबाज़ों को धराशायी कर देती है। उन्होंने साल 2017 के आईपीएल सीज़न में गुजरात लॉयंस की तरफ़ से डेब्यू किया था। गुजरात टीम की तरफ़ से उन्होंने 6 मैच खेले थे जिस में उन्होंने 6.71 की औसत से 12 विकेट हासिल किए थे। वो साल 2017/18 की बिग बैश लीग में पर्थ स्कॉर्चर्स टीम के सदस्य थे जहां उन्होंने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया था। उन्होंने 6 पर्थ टीम की तरफ़ से खेले गए 6 मैच में 12 की औसत और 8.8 के स्ट्राइक रेट से 16 विकेट हासिल किए थे। हाल में ही ख़त्म हुई ट्रांस-तस्मान टी-20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज़ 2017/18 में उन्होंने 12 की स्ट्राइक रेट से 10 विकेट हासिल किए थे। वो अलग-अगल तरह की गेंद फेंकने में माहिर हैं, उनकी गेंदबाज़ी में विविधता साफ़ देखी जा सकती है जो किसी भी विपक्षी बल्लेबाज़ को चकमा देने के लिए काफ़ी है। इसके साथ ही साथ वो ज़रूरत पड़ने पर एक माहिर बल्लेबाज़ भी साबित हो सकते थे लेकिन अब चेन्नई पास ये मौका भी नहीं रहा।
#3 रविचंद्रन अश्विन
रविचंद्रन अश्विन ने दिल-ओ-जान से चेन्नई सुपरकिंगस टीम की अब तक की कामयाबी में योगदान दिया है। आईपीएल के दूसरे सीज़न यानी साल 2009 में उन्होंने इसी टीम के लिए अपना पहला आईपीएल मैच खेला था। उन्होंने चेन्नई टीम के लिए 97 मैच खेले हैं जिस में 6.5 की औसत से 90 विकेट हासिल किए हैं। चोट की वजह से अश्विन आईपीएल 2017 का सीज़न खेलने में नाकाम रहे थे। इसी चोट की वजह से वो भारत की वनडे और टी-20 टीम से भी बाहर हो गए थे। उनकी जगह कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल टीम इंडिया में शामिल हो गए। साल 2018 की आईपीएल नीलामी में चेन्नई टीम के मालिकों ने उन्हें नहीं ख़रीदा। इस साल अश्विन को इस साल पंजाब टीम में शामिल किया गया है जहां उन्हें कप्तानी की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। चेन्नई टीम के लिए अश्विन को न चुनना घातक साबित हो सकता है, क्योंकि वो चेपक मैदान में शानदार गेंदबाज़ी करने में माहिर हैं। पंजाब टीम अब अश्विन का इस्तेमाल धोनी की टीम के ख़िलाफ़ करेगी। उनका अनुभव प्रीति ज़िंटा के टीम के काम आएगा। पंजाब को अब तक पहली आईपीएल ट्रॉफ़ी जीतने का इंतज़ार है। लेखक- सुजिथ मोहन अनुवादक- शारिक़ुल होदा