इंडियन प्रीमियर लीग 2018 के प्लेऑफ के लिए जारी जंग से दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम बाहर हो चुकी है। सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ खेला गया मुकाबला दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए करो या मरो के समान था। लेकिन इस मुकाबले में आखिरकार दिल्ली डेयरडेविल्स को हार का सामना ही करना पड़ा और इस हार के साथ ही दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम आईपीएल के प्लेऑफ की दौड़ से भी बाहर हो गई। दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए यह सीजन कुछ खास नहीं रहा। दिल्ली डेयरडेविल्स ने शुरुआती 6 मैचों में से पांच में हार का सामना किया। इसके साथ गौतम गंभीर ने भी कप्तानी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद आईपीएल सीजन का अगला आधा सीजन दिल्ली के लिए काफी अहम रहने वाला था। हालांकि इसमें भी दिल्ली का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा और हर मैच में दिल्ली की टीम संघर्ष करती हुई नजर आई। वहीं अगर दिल्ली डेयरडेविल्स का पूरे सीजन में प्रदर्शन देखा जाए तो टीम के कुछ खिलाड़ियों ने हर मोर्चे पर टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया है। इनमें पृथ्वी शॉ, श्रेयस अय्यर, अमित मिश्रा और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ियों का नाम काफी आगे है। इन खिलाड़ियों ने हर मुकाबले में मैच जीताने लायक योगदान दिया, तो वहीं दूसरी तरफ बाकि खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे। जिसके कारण दिल्ली डेयरडेविल्स को इस टूर्नामेंट में बाहर होना पड़ा। आइए जानते हैं उन खिलाड़ियों के बारे में जो दिल्ली डेयरडेविल्स के इस टूर्नामेंट में बाहर होने के प्रमुख कारण रहे।
#1 ग्लेन मैक्सवेल
इंडियन प्रीमियर लीग के 11वें सीजन के लिए नीलामी प्रक्रिया में दिल्ली डेयरडेविल्स ने ग्लेन मैक्सवेल को बड़ी रकम देकर अपनी टीम में शामिल किया था। हालांकि पूरे सीजन ग्लेन मैक्सवेल नाकाम साबित हुए और अपने प्राइज टैग को भुनाने में असफल रहे। आईपीएल की नीलामी प्रक्रिया में ग्लेन मैक्सवेल को दिल्ली डेयरडेविल्स ने 9 करोड़ रुपये की बोली लगाकर खरीदा था। लेकिन सब बेकार गया। इस पूरे सीजन में ग्लेन मैक्सवेल संघर्ष करते हुए दिखाई दिए। 29 वर्षीय खिलाड़ी ने 14.2 की औसत से बल्लेबाजी करते हुए 10 मैचों में सिर्फ 142 रन ही बना पाए। उनकी खराब बल्लेबाजी ने दिल्ली के मध्य क्रम को परेशानी में डाल दिया और कोई भी इस परेशानी की भरपाई नहीं कर पाया। ग्लेन मैक्सवेल को मैचों में एकल प्रदर्शन के लिए खरीदा गया था ताकि अपने बल्लेबाजी का प्रदर्शन कर ग्लेन मैक्सवेल मैच जिताऊ पारियों को अंजाम दे सके। लेकिन मैक्सवेल नाकाम रहे और दिल्ली के लिए अपना योगदान नहीं दे पाए। इस आईपीएल सीजन में मैक्सवेल का उच्चतम स्कोर 47 रन रहा है।
#2 गौतम गंभीर
गौतम गंभीर आईपीएल के शानदार बल्लेबाजों में से एक हैं। आईपीएल के 11वें सीजन की शुरुआत से पहले गौतम गंभीर के नाम आईपीएल में 4000 से ज्यादा रन दर्ज थे और सबसे ज्यादा आईपीएल रन बनाने वाले खिलाड़ियों की सूची में तीसरे पायदान पर जगह बनाए हुए थे। इसके साथ ही इंडियन प्रीमियर लीग 2018 से पहले गौतम गंभीर आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम से जुड़े थे और टीम की कप्तानी कर रहे थे। अपनी कप्तानी में गौतम गंभीर ने कोलकाता को दो बार खिताब जीतवाने में अहम भूमिका निभाई है। वहीं आईपीएल के 10वें सीजन में गौतम गंभीर ने 498 रन बनाए थे, लेकिन इस सीजन की नीलामी प्रक्रिया में गौतम गंभीर को दिल्ली डेयरडेविल्स ने खरीदा और टीम की कप्तानी भी सौंपी। आईपीएल 2018 के शुरुआती मैचों में दिल्ली की टीम गौतम गंभीर की कप्तानी में कोई भी कमाल नहीं दिखा पाई और शुरुआती 6 मैचों में टीम को पांच मैचों में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद गौतम गंभीर ने दिल्ली डेयरडेविल्स की कप्तानी छोड़ दी। गौतम गंभीर का इस सीजन बल्लेबाजी में भी प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। 36 वर्षीय गौतम गंभीर ने 6 मैच खेलते हुए 17 की औसत से केवल 85 रन ही बनाए। पॉवर प्ले के ओवरों में 100 से कम की स्ट्राइक रेट के साथ खेलते हुए उन्होंने मध्य क्रम पर बहुत दबाव भी डाला। कुल मिलाकर गंभीर की विफलता ने सीजन के शुरुआत में ही दिल्ली को भारी दबाव में डाल दिया था।
#3 मोहम्मद शमी
इंडियन प्रीमियर लीग सीजन 2018 के लिए दिल्ली डेयरडेविल्स ने मोहम्मद शमी को तीन करोड़ रुपये की बड़ी रकम देकर अपने साथ शामिल किया था। उम्मीद थी कि मोहम्मद शमी दिल्ली के लिए तेज गेंदबाजी की अगुवाई करेंगे क्योंकि मोहम्मद शमी दिल्ली की टीम में एकमात्र फेमस भारतीय मध्यम तेज गेंदबाज थे, लेकिन इस सीजन मोहम्मद शमी काफी नाकाम रहे। हालांकि, इस सीजन में भारतीय तेज गेंदबाज के लिए चीजें काफी खराब रहीं। मोहम्मद शमी मैदान के बाहर हुए विवाद के चलते काफी परेशान थे। दरअसल, शमी की पत्नी ने उनके खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज करा दी थी और आरोपों की एक झड़ी ही लगा दी थी, इसका असर टूर्नामेंट में साफ तौर पर शामी के प्रदर्शन पर देखने को मिला। शमी के निजी मुद्दों और खराब फॉर्म ने दिल्ली डेयरडेविल्स को काफी परेशानी में डाल दिया। उन्होंने इस सीजन में केवल 4 मुकाबले खेले और 10.4 की इकॉनोमी रेट से तीन विकेट हासिल किए। वह अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म हासिल करने में सक्षम नहीं थे और मैदान पर रन लुटाते गए। शमी पर निर्भरता के कारण भी दिल्ली की टीम को इस सीजन से बाहर होने पड़ा। लेखक: सुजीथ मोहन अनुवाद: हिमांशु कोठारी