IPL 2018 : इन 3 वजहों से कोलकाता नाइट राइडर्स को गौतम गंभीर की कमी ज़रूर महसूस होगी

एक जुनूनी कप्तान

कोलकाता नाइट राइडर्स टीम ने पहले 3 आईपीएल सीज़न में काफ़ी निराशाजनक प्रदर्शन किया था, ये टीम शुरूआती साल में सेमीफ़ाइनल में पहुंचने में नाकाम रही थी। साल 2011 में गौतम गंभीर को केकेआर टीम का कप्तान बनाया गया और पहली बार टीम प्लेऑफ़ में पहुंची। इस प्लेऑफ़ राउंड के एलिमिनेटर मैच में केकेआर को मुंबई इंडियंस से हार का सामना करना पड़ा था। साल 2012 में केकेआर ने नाटकीय ढंग से ट्रॉफ़ी जीती थी जब टूर्नामेंट की सबसे पसंदीदा टीम चेन्नई सुपरकिंग्स को उन्हीं के घर में हराया था। साल 2014 में गंभीर की टीम ने इतिहास दोहराया और दूसरी बार आईपीएल का ख़िताब जीता। फ़ाइनल में उन्होंने किंग्स-XI पंजाब टीम को मात दी थी। गंभीर 2 बार आईपीएल ट्रॉफ़ी जीतने वाले दूसरे कप्तान बने थे। पिछले 7 सीज़न में गंभीर ने केकेआर टीम की कप्तानी की जिसमें 2 बार ट्राफ़ी हासिल हुई है। इसके अलावा साल 2011, 2016 और 2017 में केकेआर प्लेऑफ़ में पहुंची थी। आज केकेआर इंडियन प्रीमियर लीग की पावरहाउस बन चुकी है। इस साल केकेआर टीम में अंडर-19 के भी खिलाड़ी हैं जिन्हें गंभीर का साथ नहीं मिल पाएगा। गंभीर इन खिलाड़ियों के आर्दश गुरु हो सकते थे। इस टीम में गंभीर की जगह शायद ही कोई ले पाए। केकेआर टीम मैनेजमेंट के लिए नए कप्तान का चुनाव भी बेहद मुश्किल होगा। सबसे बेस्ट नतीजा : चैंपियन (2012, 2014) प्लेऑफ : (2011, 2016, 2017)