#2 शीर्षक्रम पर अधिक निर्भरता और कमजोर मध्यक्रम
ये बात छिपी नहीं है कि वर्तमान में हैदराबाद की बल्लेबाजी उसकी एक कमजोर कड़ी है। बल्ले के साथ उनका औसतन स्कोर 146 रन का रहा है। इसके अलावा उनकी जीत में उनका औसत स्कोर 134 रहा है, जो बेहद निराशजनक है। पिछले सालों की तरह इस साल भी उनका मध्य क्रम असफल साबित हुआ है। मनीष पांडे और दीपक हुड्डा पर इतना खर्च करने के बावजूद यह क्रिकेटर उम्मीदों पर खरे उतरने में नाकामयाब रहे हैं। वे अच्छी शुरुआत के लिए धवन और पूरी पारी में अच्छी बल्लेबाजी करने लिए विलियम्सन पर अधिक भरोसेमंद हैं। विलियमसन आउट हो जाने के बाद पांडे को मध्य ओवर को तुरंत गति प्रदान करनी है जो 112.8 के नीचे की स्ट्राइक दर पर बल्लेबाजी कर रहे है। यह देखना निराशाजनक है कि आर अश्विन जैसे गेंदबाज का स्ट्राइक रेट पांडे की तुलना में बेहतर है। इस सीजन में सबसे अधिक रन बनाने वाले टॉप 30 बल्लेबाजों के बीच उनकी स्ट्राइक रेट सबसे कम है। इसके कारण शाकिब अल हसन पर पहली गेंद से तेज पारी खेलने का दबाव होता है। हालांकि यूसुफ पठान ने निचले मध्यक्रम में अच्छा किया है और यहां तक कि राशिद ख़ान भी बड़े शॉट लगा रहे हैं।