IPL 2018: 3 बदलाव जो कोलकाता नाइट राइडर्स के प्रदर्शन में ला सकते हैं और निखार

इंडियन प्रीमियर लीग की इस बार की नीलामी प्रक्रिया कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए कुछ खास नहीं रही। कोलकाता की टीम ने नीलामी प्रक्रिया में अपने बजट की अधिकतम राशि का इस्तेमाल तो किया लेकिन एक बेहतर टीम खड़ी करने में नाकाम रही। कोलकाता ने लंबे समय से टीम की कप्तानी करने वाले खिलाड़ी गौतम गंभीर को भी दिल्ली डेयरडेविल्स के हाथों गंवा दिया। इसके बाद क्रिस लिन, आंद्रे रसेल की चोटों की खबर और मिचेल स्टार्क की चोट भी कोलकाता के लिए मुसीबत के तौर पर सामने आई। हालांकि आंद्रे रसेल और क्रिस लिन दोनों ने ही चोट से वापसी करते हुए कोलकाता के साथ जुड़े और प्रदर्शन भी अच्छा कर रहे हैं। उम्मीद थी कि कोलकाता की टीम को इस टूर्नामेंट में काफी संघर्ष करना पड़ेगा लेकिन शुरुआती दो मैचों में कोलकाता की टीम ने सराहनीय खेल का प्रदर्शन किया है। टीम का प्रदर्शन दिनेश कार्तिक की कप्तानी में शुरुआती दो मैचों के नजरिए से काफी अच्छा रहा है। दिनेश कार्तिक की अगुवाई वाली टीम कोलकाता ने अपना पहला मैच टूर्नामेंट की पसंदीदा रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ जीता। हालांकि अपने दूसरे मुकाबले में कोलकाता की टीम शानदार प्रदर्शन के बावजूद चेन्नई सुपर किंग्स के हाथों हार गई। अब तक का खेल कोलकाता के लिए काफी सही रहा है और टीम के खिलाड़ी भी एक लय में नजर आ रहे हैं। हालांकि अच्छे प्रदर्शन के बावजूद कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम में कुछ कमजोरियां भी देखने को मिली है। अगर कोलकाता की टीम इन कमजोरियों पर ध्यान दे तो आगे के लिए टीम को फायदा हो सकता है।

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#3 विपक्ष के आधार पर बल्लेबाज़ी क्रम को बदलना

सुनील नारेन ने कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए बैंगलोर और चेन्नई दोनों के खिलाफ मैचों में ओपनिंग की। पहले मैच में बेंगलोर के खिलाफ नरेन ने जहां अर्धशतकीय पारी को अंजाम दिया तो दूसरे मैच में चेन्नई के खिलाफ नारेन नाकाम साबित हुए। इसके पीछे का कारण दोनों विरोधी टीमों की गेंदबाजी में अंतर होना है। बैंगलोर के पास लेग स्पिनर युजवेन्द्र चहल हैं, जिनको खेलना बाएं हाथ के बल्लेबाज सुनील नारेन के लिए काफी आसान रहता है। वहीं दूसरी ओर चेन्नई की टीम में नारेन को ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का सामना करना पड़ा था। अब दो मैचों से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि नारेन तेज गेंदबाजी और लेग स्पिनरों के प्रति सहज खेल दिखा सकते हैं, लेकिन ऑफ स्पिनर के आगे वो असहज नजर आते हैं। इसलिए अच्छा रहेगा कि कार्तिक स्थिति के आधार पर शुरुआती संयोजन को बदले। केकेआर को दिल्ली डेयरडेविल्स, सनराइजर्स हैदराबाद, राजस्थान रॉयल्स और मुंबई इंडियंस जैसी कम गुणवत्ता वाले ऑफ स्पिनरों वाली टीम के खिलाफ नारेन को ओपनिंग करने के लिए उतारना चाहिए, जबकि उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स और किंग्स-XI पंजाब जैसी टीमों के खिलाफ रॉबिन उथप्पा के साथ ओपनिंग करनी चाहिए।

#2 पॉवरप्ले और डेथ ओवरों में सुनील नारेन का इस्तेमाल

शुरुआती दोनों मैचों में कोलकाता की टीम को डेथ ओवरों में कठिनाई का सामना करना पड़ा है। कोलकाता नाइट राइडर्स के विनय कुमार दोनों खेलों में डेथ ओवर में महंगे साबित हुए हैं। वहीं सुनील नारेन पहले दो मैचों में केकेआर के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज रहे हैं। नारेन टीम के सबसे किफायती गेंदबाज रहे हैं और इसलिए कार्तिक को डेथ ओवर में उनसे गेंदबाजी कराने का प्रयोग करना चाहिए। वेस्टइंडीज के गेंदबाज सुनील नारेन को डेथ ओवरों में गेंदबाजी करने का अनुभव भी है। ऐसे में कोलकाता के लिए नारेन डेथ ओवरों में भी कमाल दिखा सकते हैं। इसके अलावा पॉवरप्ले के ओवरों में भी नारेन का इस्तेमाल किया जा सकता है। सुनील नारेन उन स्पिनर में गिने जाते हैं जो पॉवरप्ले के दौरान भी टीम के लिए शानदार प्रदर्शन करने माहिर हैं। पॉवरप्ले में भी सुनील नारेन काफी किफायती गेंदबाजी करते हैं और विकेट झटकने में भी कामयाब रहते हैं। दिनेश कार्तिक ने चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ पॉवरप्ले के ओवर में नारेन का इस्तेमाल नहीं किया था। जिसके कारण चेन्नई की टीम ने शानदार शुरुआत की थी। जबकि नारेन से बैंगलोर के खिलाफ पॉवरप्ले के ओवर में गेंदबाजी कराई गई थी और उन्होंने केकेआर के लिए शुरुआती विकेट लेने में मदद की थी।

#1 अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम के खिलाड़ियों प्लेइंग-XI में शामिल करना

भारतीय क्रिकेट टीम ने अंडर-19 विश्व कप 2018 का खिताब अपने नाम किया था। हालांकि इस विजेता टीम के खिलाड़ी अब भी इंडियन प्रीमियर लीग में खेले जाने के लिए प्लेइंग इलेवन में जगह की तलाश कर रहे हैं। इंडियन प्रीमियर लीग में नीलामी में टीमों ने अंडर-19 विश्व कप 2018 का खिताब जीताने वाले इन खिलाड़ियों को एक बड़ी कीमत देकर खरीदा था लेकिन उन्हें अभी मैदान पर नहीं उतारा गया है। कोलकाता नाइट राइडर्स एक ऐसी टीम हैं जिनके पास अंडर-19 विश्वकप विजेता टीम के खिलाड़ियों की भरमार है लेकिन कोलकाता ने अभी तक इन खिलाड़ियों को प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया है। कार्तिक ने कमलेश नागरकोटी, शिवम मावी और शुबमन गिल की बजाय अनुभवी विनय कुमार और युवा रिंकु सिंह को टीम में शामिल करना पसंद किया है। हालांकि विनय कुमार दोनों मैचों में एक महंगे गेंदबाज साबित हुए हैं। इसके चलते दिनेश कार्तिक के पास अगले मैच में शिवम मावी या कमलेश नागरकोटी में से किसी को एक मौका देने का यह सही समय है। वहीं रिंकू सिंह भी दोनों अवसरों पर असफल रहे हैं, जिसके चलते शुबमन गिल को अपना कौशल दिखाने का एक मौका दिया जाना चाहिए। लेखक: वरुण देवानाथन अनुवादक: हिमांशु कोठारी

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