दिल्ली डेयरडेविल्स मौजूदा 8 टीम में से इकलौती ऐसी टीम है जिसने फ़ाइनल का सफ़र तय नहीं किया है। इस साल दिल्ली टीम ने नए कप्तान और कोच का चयन किया था लेकिन उसके हालात में कोई बदलाव नहीं हुआ। दिल्ली ने इस सीज़न में अपने पहले 6 मैच में से सिर्फ़ 1 में जीत दर्ज की है। नतीजा ये हुआ कि कप्तान गौतम गंभीर को अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा और श्रेयस अय्यर को टीम की ज़िम्मेदारी सौंपी गई। हम यहां उन 3 तकनीकी ग़लतियों पर चर्चा कर रहे हैं जिसकी वजह से दिल्ली टीम की हालत ख़राब हुई है।
#3 राहुल तेवतिया को ऊपरी क्रम में भेजना
दिल्ली के ज़्यादातर मैच में ये देखा गया है कि राहुल तेवतिया को कुछ टॉप बल्लेबाज़ों से पहले बैटिंग के लिए भेजा गया है। वो डेनियल क्रिश्चियन और क्रिस मॉरिस से पहले बल्लेबाज़ी के लिए भेजे गए हैं। मॉरिस और क्रिश्चियन तेवतिया से कहीं बेहतर स्ट्राइकर हैं, ऐसे में राहुल को तरजीह देना समझ से परे है। हो सकता है कि टीम के कप्तान दाएं और बाएं हाथ के बल्लेबाज़ को एक साथ पिच पर भेजना चाहते हों इसलिए तेवतिया को पहले बल्लेबाज़ी के लिए भेजा जाता हो। टी-20 क्रिकेट में शुरुआती ओवर की गेंद सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ों को खेलने दिया जाना चाहिए। टीम में क्रिस मॉरिस विस्फोटक बल्लेबाज़ हैं उन्हें देर से बैटिंग करना सही फ़ैसला नहीं हो सकता, ऐसे में ये उनके हुनर की बर्बादी माना जाएगा। हांलाकि दिल्ली टीम के कप्तान को ये बात समझ में आ गई और बाद के मैचों में राहुल तेवतिया को मॉरिस के बाद बल्लेबाज़ी कराई गई।
#2 विजय शंकर – इस टीम में उनकी अहमियत क्या है ?
ये सवाल हर किसी के दिमाग़ में दौड़ रहा है कि विजय शंकर आख़िर दिल्ली की टीम में क्या कर रहे हैं। उनसे न तो ज़्यादा बॉलिंग कराई जा रही है, न ही उन्हें ज़्यादा बल्लेबाज़ी का मौका मिल रहा है। हो सकता है कि टीम के कप्तान को उनकी बॉलिंग पर ज़्यादा भरोसा न हो। अगर ऐसा है तो उन्हें प्लेइंग-XI में शामिल करने की वजह क्या है ? अगर विजय शंकर को पूर्ण रूप से बल्लेबाज़ के तौर पर खिलाया जा रहा है, तो उन्हें टॉप ऑर्डर में बल्लेबाज़ी के लिए भेजा जाना चाहिए। आईपीएल सीज़न 11 से ठीक पहले वो निदहास ट्रॉफ़ी में टीम इंडिया का हिस्सा थे जहां वो हर मैच में 4 ओवर फेंक रहे थे। पहले 5 मैच में उन्होंने सिर्फ़ 1 ओवर फेंका था और 12 रन लुटाए थे। दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम में विजय की जगह किसी बेहतर खिलाड़ी को मौका दिया जाना चाहिए।
#1 अमित मिश्रा – एक आईपीएल स्टार को ज़्यादातर मौक़ों पर बेंच पर बैठाना
अमित मिश्रा आईपीएल के धरोहर हैं। वो इस टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज़ हैं। उन्होंने 7.45 की इकॉनमी रेट से 134 विकेट हासिल किए हैं जो किसी भी लेग स्पिनर के लिए बड़ी बात है। वो आईपीएल इतिहास के इकलौते ऐसे गेंदबाज़ हैं जिन्होंने 3 हैट्रिक अपने नाम की है। दिल्ली डेयरडेविल्स ने उन पर भरोसा करते हुए एक बार फिर नीलामी में ख़रीदा है। लेकिन उन्हें शुरुआत के कई मुक़ाबलों में मौका नहीं दिया जाना सवाल खड़े करता है। ये बात सच है कि किंग्स-XI पंजाब के ख़िलाफ़ उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया था। उनकी गेंद पर केएल राहुल ने कई शानदार शॉट लगाए। फिर भी अमित से उम्मीद की जा सकती है कि वो इस सीज़न में ज़्यादा विकेट हासिल करेंगे। हालांकि अपनी इस ग़लती से सबक़ लेते हुए दिल्ली ने पिछले मैच में अमित मिश्रा को वापस अंतिम एकादश में शामिल किया था। लेखक- शुभम कुलकर्णी अनुवादक- शारिक़ुल होदा