किंग्स-XI पंजाब का इस आईपीएल में प्रदर्शन समय के साथ बुरे से बदतर होता चला गया। जिसका नतीजा अश्विन और उनकी टीम को आईपीएल 2018 के प्लेऑफ से बाहर हो भुगतना पड़ा है। एक बेहतरीन शुरुआत के बाद जहाँ अपने पहले 6 मैच में से 5 जीते थे, उनका प्रदर्शन ख़राब होता चला गया और अंतिम 8 में से 7 मैच वो हारकर इस टूर्नामेंट से बाहर हो गये।
एक बेहतरीन शुरुआत के बाद पंजाब के फ़ॉर्म के साथ क्या हुआ?
जब क्रिस गेल और केएल राहुल ने एक साथ लगातार कुछ अच्छी पारियां खेली तो पंजाब को अपने मध्य क्रम के बल्लेबाजों की सेवाओं की आवश्यकता नहीं पड़ी थी। जब गेल सीजन के दूसरे भाग में विफल रहे, अश्विन को करुण नायर और युवराज सिंह से उम्मीदें रही होंगी लेकिन दोनों ही विफल रहे थे। इसके अलावा एंड्र्यू टाई और मुजीब उर रहमान के अलावा, उनके किसी भी गेंदबाज ने कोई विशेष प्रदर्शन कर के नहीं दिखाया। मुजीब के घायल होने के बाद पंजाब को एक अच्छा गेंदबाज नहीं मिला। उनकी बेंच स्ट्रेंथ कमजोर थी और मार्कस स्टोइनिस, मनोज तिवारी और मयंक अग्रवाल जैसे खिलाड़ी टीम के लिए कुछ ख़ास योगदान नही दे सके। ऐसे में आइये यहाँ एक नज़र उन 3 बिना बिके खिलाड़ियों पर, जो किंग्स-XI पंजाब में होते तो शायद उन्हें प्लेऑफ में पंहुचा सकते थे।
# 1 जो रूट
कई अन्य क्रिकेटरों के विपरीत, रूट उन खिलाड़ियों में से एक है जो खेल के सभी तीन प्रारूपों में खुद को आसानी से ढाल सकते हैं। जो रूट का अंतर्राष्ट्रीय टी -20 औसत 39.10 का है और 128.76 की स्ट्राइक रेट है लेकिन किसी भी आईपीएल फ़्रैंचाइज़ी ने इस सीजन में इस अंग्रेज खिलाड़ी की सेवाओं में दिलचस्पी नही दिखाई। केन विलियम्सन को आईपीएल 2018 में अपने गुणवत्ता वाले स्ट्रोक प्ले के साथ ढेरों रन बनाते हुए देखकर, कई क्रिकेट प्रशंसकों को आश्चर्य होगा कि कैसे फ़्रैंचाइजियों ने रूट को नजरअंदाज़ किया, जो उसी क्षमता वाले खिलाड़ी हैं। यह अंग्रेज़ खिलाड़ी पंजाब के लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता था। यह पंजाब का मध्य क्रम ही था जिसके चलते उन्हें इस सीज़न में कई मैच गवाने पड़े। आरोन फिंच और युवराज सिंह मध्य क्रम में रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, और वही मध्यक्रम में बल्लेबाज़ी जो रूट की बल्लेबाजी का सबसे मजबूत पहलू है। उनकी स्थिरता और स्पिन खेलने की क्षमता ने 7 से 15 ओवरों के दौरान निश्चित रूप से किंग्स-XI पंजाब की मदद की होती।
# 2 मोइसेस हेनरिक्स
मोइसेस हेनरिक्स आईपीएल के सबसे सफल ऑलराउंडर्स में से एक थे। इस ऑस्ट्रेलियाई ने 130 के स्ट्राइक रेट से आईपीएल में लगभग 1000 रन बनाए हैं और 8.38 की इकॉनमी से 37 विकेट लिए हैं। 46 के औसत से 277 रन और 136 की स्ट्राइक रेट के साथ, यह 31 वर्षीय खिलाड़ी सनराइज़र्स हैदराबाद के लिए पिछले सीजन में एक निरंतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी थे। उन्होंने मध्य ओवरों में बहुत सारे रन बनाए और कुछ उपयोगी गेंदबाजी भी की। इस सीजन में पंजाब के पास एक अच्छे ऑलराउंडर की कमी थी। उन्होंने 2018 नीलामी में मार्कस स्टोइनिस के लिए 6.2 करोड़ रुपये का भुगतान किया और वह असफल रहे। 7 मैच में केवल 99 रन और तीन विकेट लेकर, इस सीजन में स्टोइनिस पूरी तरह से विफल रहे थे। इसके अलावा, उन्होंने अपनी गेंदबाजी में 11 रन प्रति ओवर की दर से रन भी लुटाये। जो पंजाब के लिए भारी भी पड़े।
# 3 पीटर सिडल
पीटर सिडल इन दिनों अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भुला दिए गये नामों में से एक खिलाड़ीहैं। हालांकि, इस मेहनती ऑस्ट्रेलियाई तेज़ गेंदबाज़ ने 2017/18 बिग बैश लीग में एडीलेड स्ट्राइकर्स के लिए खिताब जीताने वाली असाधारण गेंदबाजी की थी। इस सीजन में 11 बीबीएल खेलों में, 33 वर्षीय खिलाड़ी ने 11 विकेट लिए। टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से रहे और उनकी इकॉनमी रेट भी लाज़वाब रही। राशिद खान के बाद वह 6 रन से कम की इकॉनमी वाले शीर्ष 10 विकेट लेने वालों के बीच एकमात्र गेंदबाज थे। ऐसे में जब पंजाब के सभी भारतीय तेज़ गेंदबाज़ (मोहित शर्मा - 11.09 / ओवर और बारिंदर सरान - 10.40/ओवर), काफी महंगे साबित हो रहे थे, सिडल पंजाब टीम के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प होते। गेंद से टाई इस सीजन में पंजाब के लिए एकमात्र योद्धा थे और उन्होंने निश्चित रूप से उन्हें समर्थन देने के लिए एक अच्छे तेज़ गेंदबाज़ की कमी महसूस की होगी। सिडल निश्चित रूप से उनकी मदद कर सकते थे। लेखक: सुजीत मोहन अनुवादक: राहुल पांडे