कहा जाता है कि आईपीएल का ताज उस दिन नहीं जीता जाता है जिस दिन उसका आखिरी दिन होता है बल्कि आईपीएल का टाइटल उसके नीलामी के दिन ही जीत लिया जाता है। आईपीएल 2018 की नीलामी कुछ ऐसा ही ब्लॉकबस्टर इंवेंट था। जहां आईपीएल के 11वें संस्करण के लिए 169 खिलाड़ियों की बोली लगी। कुछ टीम के मालिक उत्साह में ज्यादातर खिलाड़ियों के लिए बोली लगा रहे थे, जबकि कुछ अपना होमवर्क पहले से ही करके आये थे और वे सिर्फ बैठकर आराम कर रहे थे क्योंकि वे उन खिलाड़ियों के लिए इंतजार कर रहे थे जिनपर उन्हें बोली लगानी थी। आईपीएल नीलामी में टीम के मालिकों के एक सोची समझी रणनीति बनानी होती है। फ्रेंचाइजियों के लिए यह एक दिमाग का खेल होता है जिसके तहत उन्हें टीम के हर हिस्से को संतुलित करना होता है। ऐसे में आईपीएल 2018 के लिए हुई नीलामी के दौरान ज्यादातर टीम एक ठोस दस्ते को बनाने में कामयाब रही, हालांकि कुछ टीमों ने कुछ गलतियां जरूर की जो उनके लिए आईपीएल के 11वें संस्करण के दौरान काफी मंहगी साबित हो सकती हैं। यहाँ ऐसे 4 उदाहरणों पर एक नज़र डालते हैं जब कुछ टीमों ने सही संयोजन बनाने में कुछ गलती कर दी है-
#3 मोइन अली
आईपीएल 2018 की नीलामी के दौरान रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर द्वारा मोईन अली को तब खरीदा गया, जब आरसीबी के स्पिन खाते में यजुवेंद्र चहल, पवन नेगी, वाशिंगटन सुंदर और मुरुगन अश्विन का नाम पहले ही शामिल था। इससे एक सवाल उठता है कि अपने खाते में इतने सारे स्पिनरों के होने के बावजूद उन्होंने आखिर मोइन अली का चुनाव क्यों किया। इसके अलावा आरसीबी की मजबूत बल्लेबाजी लाइन-अप पर विचार करते हुए भी यह कहना काफी मुश्किल होगा कि अली को आईपीएल में अपनी बल्लेबाजी क्षमता को दिखाने का पर्याप्त मौका मिलेगा। एबी डी विलियर्स, ब्रेंडन मैकुलम, क्विंटन डी कॉक के साथ पहले से ही तीन विदेशी स्लॉट पहले से ही निर्धारित है और एक विदेशी तेज गेंदबाज (नाथन कुल्टर- नाइल / क्रिस वॉक्स / टिम साउथी) के चुनाव की संभावना होगी, ऐसे में यह विश्वास करना मुश्किल है कि अली को अंतिम एकादश में खेलने का मौका मिल पायेगा। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के पास हमेशा से ही बड़े नामों की भरमार रही है जो कि आईपीएल के 11वें संस्करण में भी देखने को मिलेगी। एक क्षेत्र जहां अनुभव की कमी है वह है भारतीय बैटिंग लाइनअप जिसमें विराट कोहली को छोड़कर संभावनाएं कम दिखती हैं। आरसीबी नीलामी के दौरान भारतीय बल्लेबाजी पर और अधिक निवेश कर सकती थी। वास्तव में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को समय के अनुसार इस स्पिन गेंदबाज ऑलराउंडर की जरूरत नहीं है और शायद अली को पूरे सीजन में बेंच पर आराम करना पड़ सकता है।
#2 जेसन रॉय
नीलामी के दिन दिल्ली डेयरडेविल्स सबसे उत्साही टीम थी, अच्छे खासे खिलाड़ियों का चुनाव करके सभी बेसप्राइज़ को पूरा कर लिया गया था। दिल्ली की टीम ने गौतम गंभीर, कॉलिन मुनरो, पृथ्वी शॉ, ऋषभ पंत और श्रेयस अय्यर जैसे विशेषज्ञ सलामी बल्लेबाज होने के बाद भी जेसन रॉय को टीम में शामिल किया। रॉय को ओपनिंग से मध्यक्रम में स्थानांतरित करना एक अच्छा विकल्प नहीं होगा क्योंकि वह पिछले सत्र में गुजरात लांयस के लिए मध्यक्रम में खेल चुके थे और उन्हें उस स्थान पर कुछ खास सफलता हासिल नहीं हुई थी। कुल मिलाकर रॉय दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम में सही संतुलन प्रदान नहीं करते हैं और शायद किसी अन्य फ्रेंचाइजी के लिए उपयोगी खिलाड़ी हो सकते थे।
#1 क्रिस गेल
वह टीम जो एरॉन फिंच, युवराज सिंह, डेविड मिलर और केएल राहुल जैसे दमदार बैटिंग लाइनअप से भरी हो, वह अगर एक और बल्लेबाज को टीम में शामिल करती है तो यह आश्चर्यजनक लगता है। यह देखना मजेदार होगा कि गेल अपना क्या प्रभाव मैच में छोड़ेंगे लेकिन देखने वाली बात यह कि वह कितने मैच खेल पाते हैं। पहले से ही अच्छी बैटिंगलाइन अप होने के बाद आउट ऑफ फॉर्म चल रहे गेल को किंग्स इलेवन पंजाब के अंतिम एकादश में उन्हें देख पाना काफी मुश्किल लग रहा है। किंग्स इलेवन पंजाब ने गेल को खरीद कर व तेज गेंदबाजी में समझौता करके एक बड़ा जोखिम लिया है क्योंकि अनुभव के अनुसार टीम की तेज गेंदबाजी काफी कमजोर नजर आ रही है। केवल एंड्रयू टाए इकलौते विदेशी अनुभवी गेंदबाज हैं। टीम का यह निर्णय कैसा साबित होगा ये तो समय बताएगा, लेकिन लगता है कि प्रीति जिंटा और कंपनी ने सही समीकरण बैठाने में कुछ गलती कर दी है। लेखक- अर्थव आप्टे अनुवादक- सौम्या तिवारी