IPL 2018: इस सीज़न के 4 कप्तान जिन्होंने की 4 बड़ी गलतियां

प्रत्येक गुज़रने वाले दिन के साथ, आईपीएल का रोमांच और बढ़ता जा रहा है। सबसे प्रतिष्ठित इस टी 20 लीग ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया है। अब जब यह लीग और ज़्यादा चुनौतीपूर्ण और प्लेऑफ में जगह बनाने की लड़ाई और तीव्र हो गई है, आईपीएल के कुछ दिलचस्प पहलुओं पर नज़र डालते हैं। आइये इस सीजन में अब तक 4 कप्तानों और उनकी गलतियों पर नज़र डालें:

अजिंक्य रहाणे (राजस्थान रॉयल्स): जोस बटलर का बल्लेबाज़ी क्रम

राजस्थान रॉयल्स में सलामी बल्लेबाज के रूप में पदोन्नति के बाद जोस बटलर ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इससे पहले सात मैचों में, इंग्लैंड के इस विकेटकीपर बल्लेबाज़ को 5वें या 6वें स्थान पर बल्लेबाजी करने के लिए भेजा जाता था। मैच के दौरान शीर्ष क्रम में खेलने वाले बल्लेबाज़ जैसे कि टीम डी आर्सी, राहुल त्रिपाठी और अजिंक्य रहाणे के ज़ल्दी आउट हो जाने के बाद सारा दवाब बटलर पर आता था, नतीजजनक वह अपना नैसर्गिक खेल खेलने में विफल रहे। हालांकि, वह ज्यादातर अवसरों पर 20 या 30 से ज़्यादा का स्कोर करने में कामयाब रहे लेकिन उनके अब शीर्ष क्रम में भेजने के बाद सारा परिदृश्य बदल गया है। शीर्ष क्रम पर बल्लेबाज़ी करते हुए जोस बटलर पिछले चार मैचों में शानदार प्रदर्शन करते हुए 67, 51, 82 और 95* रन बनाए हैं। निश्चित रूप से कप्तान अजिंक्य रहाणे को उनसे लीग की शुरुआत से ही शीर्ष क्रम पर बल्लेबाज़ी ना कराने का मलाल हो रहा होगा। फिर भी हम यही कहेंगे "देर आएद दुरुस्त आएद"।

गौतम गंभीर (दिल्ली डेयरडेविल्स): पृथ्वी शॉ को टीम से बाहर रखना

दिल्ली डेयरडेविल्स पिछले कुछ वर्षों से लगभग एक जैसा ही प्रदर्शन कर रहे हैं। वे अंडरडॉग के रूप में लीग में भाग लेते हैं, कुछ प्रतिभाशाली युवा बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं और अंत में वह प्लेऑफ में पहुंचने में नाकाम रहते हैं। हैदराबाद से हारने के बाद दिल्ली की टीम प्लेऑफ से पहले ही बाहर हो चुकी है। लेकिन हर क्रिकेट प्रशंसक इस बात को मानता है कि एक खिलाड़ी ऐसा है जिसके होने से टीम की दशा कुछ और हो सकती थी और यह वह खिलाड़ी हैं अंडर 19 विश्व कप विजेता टीम के कप्तान पृथ्वी शॉ गंभीर का सीज़न की शुरुआत से ही कॉलिन मुनरो के साथ सलामी बल्लेबाज के रूप में विफल रहना, टीम के लिए घातक साबित हुआ। भले ही मुनरो की जगह लेने वाले जेसन रॉय ने कुछ अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन वह भी अपने प्रदर्शन में निरंतरता नहीं ला पाए। वहीं 18 वर्षीय युवा बल्लेबाज़ पृथ्वी शॉ को जब भी मौका मिला उन्होंने अपनी उपयोगिता सिद्ध की। गौतम गंभीर के श्रेयस अय्यर को कप्तानी दिए जाने के बाद पृथ्वी को कुछ मैच खेलने का मौका मिला जिसमें उन्होंने श्रेयस अय्यर और ऋषभ पंत के साथ मिलकर टीम को दवाब से निकाला और जीत दिलाई, हालाँकि तब तक काफी देर हो चुकी थी और दिल्ली की टीम प्लेऑफ से बाहर हो चुकी थी।

रविचंद्रन अश्विन (किंग्स-XI पंजाब): पहले दो मैचों में क्रिस गेल को बाहर बैठाना

7 मैचों में तीन अर्धशतक और एक शतक के साथ, गेल पंजाब टीम के सबसे विस्फोटक बल्लेबाज़ हैं और निश्चित रूप से उन्होंने क्रिकेट प्रंशसकों का भरपूर मनोरंजन किया है। पिछले साल खराब आईपीएल में खराब प्रदर्शन के बाद इस साल की आईपीएल नीलामी ने सभी टीमों ने उन्हें अनदेखा कर दिया था। नीलामी के अंतिम दिन उन्हें किंग्स XI पंजाब ने अपनी टीम में शामिल किया था अब प्रीटी जिंटा निश्चित रूप से अपने फैसले पर गर्व कर रही होंगी। हालांकि, गेल को पहले दो मैचों में बाहर बैठना पड़ा था और कप्तान अश्विन ने आरोन फिंच और मयंक अग्रवाल को उनपर तरजीह दी थी। लोकेश राहुल के रूप में एक आक्रमक सलामी बल्लेबाज होने के कारण, अश्विन को गेल की ज़रूरत नहीं पड़ी थी। लेकिन अब, गेल टीम के अभिन्न अंग बन गए हैं और टीम को धमाकेदार शुरुआत दिलाने की जिम्मेवारी उनपर होती है। अब तक खेले गए अपने 7 मैचों में गेल ने केएल राहुल के साथ मिलकर विरोधी गेंदबाज़ों को जमकर पीटा है। निश्चित रूप से कप्तान आश्विन को गेल से टीम को पहला ख़िताब जिताने की उम्मीद होगी।

विराट कोहली (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर): टीम में निरंतर बदलाव

एक और साल जब आरसीबी ने निराशाजनक प्रदर्शन किया है। कप्तान विराट कोहली के नेतृत्व में टीम प्लेऑफ की दौड़ में बने रहने के लिए संघर्ष कर रही है। ब्रेंडन मैकुलम, क्विंटन डी कॉक, एबी डीविलियर्स और विराट कोहली जैसे विश्वस्तरीय खिलाडियों की मौजूदगी में आरसीबी को पूरे सत्र में जीतना चाहिए था लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। शायद विराट ने विदेशी बल्लेबाजों पर बहुत अधिक भरोसा दिखाया। वास्तव में एक नज़र डालें तो मैकुलम, डी कॉक या डीविलियर्स जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों ने किसी भी मैच में कुछ खास नहीं किया है। हालांकि व्यक्तिगत रूप से इन्होंने कुछ अच्छी परियां खेली हैं लेकिन कुल मिलाकर यह खिलाड़ी टीम को जीत दिलाने में नाकाम रहे हैं। कप्तान कोहली ने इस सीज़न में अपनी टीम में निरंतर बदलाव किये हैं। कुछ नियमित खिलाड़ियों को छोड़कर, किसी ने भी टीम में नियमित रूप से नहीं खेला है। हमने क्रिस वोक्स, वाशिंगटन सुंदर, कुलवंत खेजरोलिया, पवन नेगी, मैकुलम, सरफराज खान, मोईन अली, डी ग्रैंडहोम, पार्थिव पटेल, मनन वोहरा, मोहम्मद सिराज, मुरुगन अश्विन जैसे खिलाड़ियों को टीम से अंदर-बाहर होते देखा है। इसके अलावा कोहली का देर से पार्थिव पटेल को टीम में शामिल करने का फैसले भी चौंकाने वाला है। पार्थिव ने चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ अर्धशतक लगाकर अपनी क्षमता का परिचय दिया है। ऐसे में कोहली का एक आदर्श टीम संयोजन ना बना पाना, टीम के निराशाजनक प्रदर्शन का कारण बना है। लेखक: शरण पिल्लई अनुवादक: आशीष कुमार