इस आईपीएल सीज़न में हर उम्र के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं, कुछ खिलाड़ियों में उम्र का फ़र्क ज़मीन-आसमान का है। एक तरफ़ 17 साल के अफ़ग़ानी खिलाड़ी मुजीब-उर-रहमान हैं जो अपनी जादुई कलाइयों से स्पिन गेंदबाज़ी का कमाल दिखा रहे हैं। दूसरी तरफ़ कैरीबियाई सरज़मीं से आए क्रिस गेल हैं जिनकी उम्र मुजीब से दोगुनी से भी ज़्यादा है, लेकिन उनका जलवा अब तक बरक़रार है। हर उम्रदराज़ खिलाड़ियों का खेल क्रिस गेल जितना ज़बरदस्त नहीं रहा है। इस आईपीएल में कई बुज़ुर्ग खिलाड़ियों प्रदर्शन काफ़ी बुरा रहा है। इन क्रिकेटर्स पर उनकी उम्र का बोझ काफ़ी ज़्यादा है। अब ऐसे खिलाड़ी उतने फुर्तीले और आक्रामक नहीं रहे जितना कि पहले हुआ करते थे। बढ़ती उम्र का असर इन खिलाड़ियों के खेल पर साफ़ देखा जा सकता है।
#4 ब्रेंडन मैकुलम (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर)
ब्रेंडन मैकुलम ने अपने और आईपीएल के पहले ही मैच में शानदार 158 रन बनाए थे और इस टूर्नामेंट का स्तर तय कर दिया था। पिछले कई सालों में मैकुलम ने अपनी शानदार बल्लेबाज़ी से दर्शकों को रोमांच से भर दिया है। लेकिन अब वो 36 साल के हो गए हैं, हांलाकि कि फ़िटनेस के लिहाज़ से ये उम्र उतनी ज़्यादा नहीं है, लेकिन उनकी बल्लेबाज़ी में अब वो बात नहीं रही जो पहले हुआ करती थी। ऐसा लगता है कि मैकुलम की आक्रामक बल्लेबाज़ी कहीं खो सी गई है, अब वो पिच पर जद्दोजहद करते हुए देखे जा सकते हैं। आरसीबी टीम ने इस आईपीएल सीज़न में 3 मौके दिए हैं लेकिन वो इन सभी मौकों का फ़ायदा उठाने में पूरी तरह नाकाम रहे। इस सीज़न के 3 मैच में उन्होंने क़रीब 15 की औसत से 47 महज़ 47 रन बनाए हैं। अब वक़्त आ गया है कि वो अब अपने संन्यास के बारे में विचार करें।
#3 हरभजन सिंह (चेन्नई सुपर किंग्स)
ब्रेंडन मैकुलम की तरह हरभजन सिंह भी अपने खेल से दर्शकों में रोमांच भर देते हैं। अपने सटीक बॉलिंग एक्शन और विस्फोटक बल्लेबाज़ी से अपने फ़ैंस का दिल जीतते आए हैं। लोग उन्हें प्यार से ‘भज्जी’ बुलाते हैं। हरभजन इस साल जुलाई महीने में 38 साल के हो जाएंगे। अब उन्हें अपने अब उन्हें अपने भविष्य के बारे में सोचने की ज़रूरत है। भज्जी ने भारतीय क्रिकेट के लिए वो सब कुछ किया है जो वो कर सकते थे। आईपीएल की शुरुआत से वो मुंबई इंडियंस टीम का हिस्सा थे, इस साल उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स ने अपनी टीम में शामिल किया है। 4 मैच में उन्होंने 9 की इकॉनमी रेट से महज़ 2 विकेट हासिल किए हैं। इस उम्र में उनसे ज़्यादा उम्मीद करना बेमानी होगी, ऐसे में भज्जी को अपने करियर को विराम देना चाहिए।
#2 गौतम गंभीर (दिल्ली डेयरडेविल्स)
आईपीएल सीज़न 2018 में गौतम गंभीर एक बार फिर दिल्ली की टीम से जुड़ गए हैं, लेकिन वो इस सीज़न में कोई कमाल नहीं दिखा पाए। इस साल उनकी कप्तानी में दिल्ली डेयरडेविल्स को 6 में 5 मैच में हार का सामना करना पड़ा। नतीजा ये हुआ कि गंभीर ने अपनी कप्तानी से इस्तीफ़ा दे दिया और टीम की कमान युवा खिलाड़ी श्रेयष अय्यर को सौंप दी। 36 साल के गंभीर ने इस साल 6 आईपीएल मैच में 17 की औसत से महज़ 85 रन बनाए हैं। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट काफ़ी बुरा रहा था। अब गौतम ने कप्तानी छोड़ने के बाद ये भी फ़ैसला किया है कि अपने बुरे प्रदर्शन को देखते हुए वो टीम मैनेजमेंट से तनख़्वाह भी नहीं लेंगे। पिछले साल तक गंभीर को एक शानदार खिलाड़ी के तौर पर देखा जाता था, वो पिछले कई सालों तक केकेआर टीम के कप्तान थे और अपनी कप्तानी में उन्होंने कोलकाता टीम को 2 बार आईपीएल ख़िताब दिलाया है। इस सीज़न में दिल्ली के 7वें मैच में वो मैदान से बाहर थे। ऐसा लग रहा है कि अब उन्हें आईपीएल से संन्यास ले लेना चाहिए।
#1 युवराज सिंह (किंग्स-XI पंजाब)
गौतम गंभीर की तरह युवराज सिंह भी अपनी पुरानी आईपीएल टीम में लौट चुके हैं। युवी पर एक बार फिर भरोसा जताते हुए प्रीति ज़िंटा ने उन्हें अपनी पंजाब टीम में शामिल किया है, लेकिन ये फ़ैसला काफ़ी महंगा पड़ गया। युवराज ने इस सीज़न के 6 मैच में 12 की औसत और 90 से कम की स्ट्राइक रेट से 50 रन बनाए हैं। अगर गेंदबाज़ी की बात करें तो युवी ने सिर्फ़ 2 ओवर फेंके हैं और 23 रन लुटाए हैं। बुरे प्रदर्शन की वजह से वो सोशल मीडिया में हंसी के पात्र बन चुके हैं, इसके अलावा वो क्रिकेट के गलियारों में आलोचनाओं के शिकार हो रहे हैं। हांलाकि वो साल 2019 तक क्रिकेट खेलना चाहते हैं, लेकिन ऐसा लग नहीं रहा है कि वो टीम को फ़ायदा पहुंचा पाएंगे। ऐसे में उन्हें संन्यास का कड़ा फ़ैसला ले लेना चाहिए। लेखक- शुवादित्य बोस अनुवादक- शारिक़ुल होदा