12 मई, 2008 को, इंडियन प्रीमियर लीग ने 'पर्पल कैप' की अवधारणा पेश की थी। सीज़न के प्रत्येक दिन सबसे ज्यादा विकेट वाले खिलाड़ी इस टोपी को पहन कर मैदान में उतरते हैं। टूर्नामेंट के अंत में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ को यह 'पर्पल कैप' दी जाती है और अगर दो गेंदबाज़ों में टाई होता है तो दोनों में से सबसे बेहतर इकोनॉमी रेट से विकेट लेने वाले गेंदबाज़ को यह सम्मान मिलता है। एंड्रयू टाई वर्तमान सत्र में सर्वाधिक विकेट लेकर पर्पल कैप को धारण किये हुए हैं, उन्होंने 11 मैचों में 20 विकेट चटकाये हैं। तो आइए जानते हैं 'पर्पल कैप के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य।
इन्होंने जीती है पर्पल कैप
अब तक, आईपीएल के इतिहास में केवल आठ अलग-अलग खिलाड़ियों को 'पर्पल कैप' के सम्मान से नवाज़ा गया है। ड्वेन ब्रावो और भुवनेश्वर कुमार इस पुरस्कार को दो बार जीतने में सफल रहे हैं। यह सम्मान पाने वाले आठ खिलाड़ियों में से चार खिलाड़ी भारतीय थे। सोहेल तनवीर इस पुरस्कार को जीतने वाले एकमात्र पाकिस्तानी खिलाड़ी हैं। वहीं भारत के प्रज्ञान ओझा एकमात्र ऐसे स्पिनर हैं जिनको यह सम्मान मिला है। हैरानी की बात है कि कोलकाता नाइट राइडर्स के शानदार गेंदबाज़ सुनील नरेन ने अभी तक पर्पल कैप अपने नाम नहीं की है।
अंकों का खेल
चेन्नई सुपर किंग्स के ड्वेन ब्रावो ने इंडियन प्रीमियर लीग सीज़न 2013 में 32 विकेट लेकर पर्पल कैप जीती थी। जबकि इसके विपरीत, डेक्कन चार्जर्स के प्रज्ञान ओझा ने तीसरे सीज़न में केवल 21 विकेट लेकर यह पुरस्कार जीता। मौजूदा टीमों में से, सीएसके के खिलाड़ियों ने सबसे अधिक बार (तीन बार) और सनराइज़र्स हैदराबाद के खिलाड़ियों ने दो बार पुरस्कार जीता है। किंग्स इलेवन पंजाब, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाड़ियों को छोड़कर, बाकी सभी टीमों ने कम से कम एक बार यह पुरस्कार जीता है।
कैप को रिटेन करना
भुवनेश्वर कुमार कैप को सफलतापूर्वक बनाए रखने वाले पहले और आखिरी खिलाड़ी हैं। आईपीएल सीज़न 2016 में, सनराइज़र्स हैदराबाद के तेज गेंदबाज ने 17 मैचों में 23 विकेट लेकर यह सम्मान प्राप्त किया। भुवी को सही मायनों में पहचान इसी सीज़न से मिली थी। उन्होंने आईपीएल 2017 में अपना अच्छा फॉर्म बनाए रखा और 14 मैचों में 26 विकेट लिए। वह एक ही सत्र में 25 से ज़्यादा विकेट लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बने। इसके अलावा वह 'पर्पल कैप' को रिटेन करने वाले एकमात्र गेंदबाज़ भी बन गए। लेकिन इस सीज़न में चोट के कारण भुवी चार मैचों में नहीं खेल पाए। नतीजतन, वह इस पुरस्कार को लगातार तीन बार जीतने वाला एकमात्र खिलाड़ी बनने का रिकार्ड नहीं बना पाएंगे।
पर्पल कैप के साथ जीता ख़िताब
टी-20 प्रारूप में गेंदबाज़ किसी भी मैच के परिणाम को बदलने का माद्दा रखते हैं। इंडियन प्रीमियर लीग के वर्तमान सीज़न में हैदराबाद की टीम इसका एक अच्छा उदाहरण है। आईपीएल के दस सत्रों में, केवल तीन बार ऐसा हुआ है जब पर्पल कैप जीतने वाले खिलाड़ी की टीम ने ख़िताब पर भी कब्ज़ा जमाया हो। सोहेल तनवीर (2008 में राजस्थान रॉयल्स), आरपी सिंह (2009 में डेक्कन चार्जर्स), और भुवनेश्वर कुमार (2016 में एसआरएच) ऐसा करने वाले तीन खिलाड़ी हैं। लेखक: सुयांबू लिंगम अनुवादक: आशीष कुमार