पिछले साल तक कोलकाता नाइटराइडर्स एक मज़बूत टीम मानी जाती थी, उस वक़्त टीम के कप्तान गौतम गंभीर थे। इस साल केकेआर टीम लगभग पूरी तरह बदल चुकी है, जिसकी वजह से टीम मैनेजमेंट को काफ़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। हांलाकि केकेआर ने इस सीज़न की शुरुआत आरसीबी के ख़िलाफ़ जीत से की थी, फिर उतार चढ़ाव देखने को मिला। पंजाब के ख़िलाफ़ मैच में केएल राहुल और क्रिस गेल ने केकेआर के मंसूबों पर पानी फेर दिया। कोलकाता टीम को विशलेषण करने कि ज़रूरत है कि ग़लती कहां हुई है, हो सकता है कि कुछ खिलाड़ियों का टीम से जाना घातक साबित हुआ है। हम यहां उन 4 खिलाड़ियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं जो पिछले साल केकेआर टीम के सदस्य थे लेकिन अब दूसरी टीम में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं, इन 4 खिलाड़ियों को खोने का अफ़सोस केकेआर को ज़रूर होगा।
#4 शाक़िब अल हसन (सनराइज़र्स हैदराबाद)
सनराइज़र्स हैदराबाद के मेंटर वीवीएस लक्ष्मण ने कहा था कि बांग्लादेश के हरफ़नमौला खिलाड़ी साक़िब-अल-हसन को हमेशा बेहद कम आंका गया है। साक़िब बेहद किफ़ायती गेंदबाज़ रहे हैं और बल्ले से भी कमाल दिखाने में माहिर हैं। इस साल उन्हें हैदराबाद टीम ने 2 करोड़ रुपये में ख़रीदा है। केकेआर टीम ने बड़े खिलाड़ियों के आगे साक़िब को नज़रअंदाज़ कर दिया। हांलाकि अब केकेआर टीम अपने इस फ़ैसले को लेकर ज़रूर अफ़सोस जता रही होगी, क्योंकि हैदराबाद टीम में वो लगातार जलवा बिखेर रहे हैं। 31 साल के इस खिलाड़ी ने कई मैच में ज़रूरी विकेट हासिल किए हैं। उनकी गेंदबाज़ी का औसत 7 रन प्रति ओवर है। उन्होंने 30 से ज़्यादा की औसत और 140 की स्ट्राइक रेट से 63 रन बनाए हैं।
#3 उमेश यादव (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर)
उमेश यादव को केकेआर टीम में दोबारा शामिल न करना सभी के लिए हैरान करने वाला था। इस साल वो आरसीबी टीम के सदस्य बन गए हैं और इस सीज़न में अब तक 8 रन प्रति ओवर के हिसाब से गेंदबाज़ी की है। वो बेहद किफ़ायती गेंदबाज़ हैं और अगर आज वो केकेआर के साथ होते तो शाहरूख़ की टीम में पेस अटैक की कमी को दूर कर देते। कोलकाता टीम के पास फ़िलहाल 3 भारतीय पेसर हैं, जिसमें से तेज गेंदबाज़ प्रसिद्ध कृष्ण को अब तक आज़माया नहीं गया है। विनय कुमार डेथ ओवर में गेंदबाज़ी करने के बाद विलेन साबित हो चुके हैं। ऐसे में केकेआर के कप्तान दिनेश कार्तिक के पास अंडर-19 के खिलाड़ी शिवम मावी को इस्तेमाल करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है। मावी एक शानदार खिलाड़ी हैं लेकिन अभी उनके पास आईपीएल में अनुभव की कमी है। मावी ने 4 मैच में 9 रन प्रति ओवर की दर से गेंदबाज़ी की है और महज़ 2 विकेट हासिल किए हैं। ऐसे में केकेआर टीम में उमेश यादव की कमी ज़रूर खल रही होगी।
#2 सूर्यकुमार यादव (मुंबई इंडियंस)
सूर्यकुमार यादव पहली बार तब चर्चा में आए थे जब साल 2014 में 30 की औसत से 164 रन बनाए थे। हांलाकि कंसिस्टेंसी इनकी मुख्य समस्या रही है। केकेआर मैनेजमेंट और पूर्व कप्तान को यादव पर पूरा भरोसा था और उन्हें टीम का उप-कप्तान भी बनाया था, लेकिन यादव उम्मीदों पर खरे उतरने में नाकाम रहे। इसका नतीजा ये हुआ कि केकेआर मैनेजमेंट ने इस साल की आईपीएल नीलामी में यादव को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। आख़िरकार उन्हें मुंबई इंडियंस ने 3.2 करोड़ की क़ीमत में ख़रीदा। यादव अब इस सीज़न में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। पहले 4 मैच में उन्होंने 31 की औसत और 130 की स्ट्राइक रेट से 124 रन बनाए हैं। सूर्यकुमार को केकेआर टीम और मौका देती तो ये उनके लिए मैच विनर साबित हो सकते थे।
#1 ट्रेंट बोल्ट (दिल्ली डेयरडेविल्स)
कोलकाता नाइट राइडर्स ने पिछले साल कीवी गेंदबाज़ को काफ़ी उम्मीदों से ख़रीदा था, लेकिन वो अपना करिश्मा दिखाने में नाकाम रहे। साल 2017 में उन्होंने केकेआर टीम की तरफ़ से 6 मैच खेले थे और 9 रन प्रति ओवर की दर से 5 विकेट हासिल किए थे। उन्हें केकेआर टीम से बाहर कर दिया गया क्योंकि उनकी जगह टीम में आए नाथन काउलटर-नाइल ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। बोल्ट अपने पुराने कप्तान गौतम गंभीर के साथ दिल्ली डेयरडेविल्स से जुड़ गए। गंभीर की नज़र में बोल्ट एक शानदार खिलाड़ी हैं। इसी उम्मीद के तहत उन्होंने इस कीवी गेंदबाज़ को मौका दिया। बोल्ट ने इस सीज़न में खेले गए 5 मैच में 8.54 की इकॉनमी रेट से 7 विकेट हासिल किए हैं। केकेआर टीम में फ़िलहाल विदेशी पेस गेंदबाज़ को लेकर परेशानी चल रही है। हांलाकि कोलकाता टीम के तेज़ गेंदबाज़ टॉम कुरन ने 4 मैच में 5 विकेट हासिल किए हैं, इनकी इकॉनमी रेट 12 से कम है। केकेआर टीम में मिचेल जॉनसन जैसे अनुभवी खिलाड़ी भी हैं लेकिन वो ज़्यादा विकेट निकालने में नाकाम रहे हैं। लेखक- शुवादित्य बोस अनुवादक- शारिक़ुल होदा