किसी भी खेल में कप्तान का होना काफी आवश्यक माना जाता है। एक कप्तान के जरिए ही टीम का संतुलन बनाए रखा जा सकता है। क्रिकेट के खेल में भी कप्तान की भूमिका काफी अहम होती है। खासकर अंतर्राष्ट्रीय टी20 क्रिकेट में वर्तमान के दौर में एक अच्छे कप्तान की जरूरत काफी बढ़ गई है। इंडियन प्रीमियर लीग में अलग-अलग देशों के खिलाड़ी एक साथ एक ही टीम में खेलते हुए दिखाई देते हैं। इसके कारण आईपीएल में भी एक संयमित कप्तान की आवश्यकता बढ़ जाती है। आईपीएल में एक बेहतर कप्तान ही अलग-अलग देशों के खिलाड़ियों में सामंजस्य बैठा सकता है। क्रिकेट के खेल में यह एक कप्तान पर ही निर्भर करता है कि वो बेहतरीन प्लेइंग इलेवन का निर्माण कर जीत हासिल करे। आईपीएल में दबाव के चलते एक कप्तान की जिम्मेदारियां काफी मायनों में बढ़ भी जाती है। इसलिए फ्रैंचाइजियां आमतौर पर नीलामी के वक्त एक बेहतरीन कप्तान के चयन के लिए कई बार मोटी रकम खर्च करती है तो वहीं कुछ नहीं करती हैं। जिसका कई बार उन्हें खामियाजा भी उठाना पड़ता है। आइए यहां नजर डालते हैं उन चार खिलाड़ियों पर जिन्हें आश्चर्यजनक रूप से आईपीएल में कप्तान नियुक्त किया गया था।
#4 ज़हीर ख़ान
जहीर खान को भारतीय टीम के एक शानदार तेज गेंदबाज के तौर पर देखा जाता है, लेकिन आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स के कप्तान के रूप में जहीर खान की नियुक्ति ने सभी को चौंका दिया। जहीर खान अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके थे और दिल्ली के जरिए 38 साल की उम्र में जहीर को कप्तानी सौंपी गई। हालांकि कप्तान के तौर पर जहीर खान कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए और दिल्ली के लिए 23 मैचों की कप्तानी करते हुए जहीर खान ने सिर्फ 10 मैच ही जीतने में कामयाबी हासिल की।
#3 आरोन फ़िंच
साल 2013 के आईपीएल सीजन में पुणे वाॉरियर्स की टीम ने कई फैसलों से लोगों को हैरान कर दिया था। इन फैसलों में आरोन फिंच को कप्तान बनाए जाने का फैसला भी शामिल था। पुणे की टीम ने एक ऐसे खिलाड़ी को कप्तानी सौंपी थी, जो युवा है लेकिन उसके पास कप्तान के तौर पर अनुभव नहीं है। हालांकि शुरुआत में माइकल क्लार्क को पुणे वाॉरियर्स की कमान सौंपी गई थी लेकिन चोटिल हो जाने की वजह से माइकल इस सीजन से बाहर हो गए थे। इसके बाद एंजेलो मैथ्यूज को पुणे वारियर्स इंडिया का कप्तान नियुक्त किया गया। मैथ्यूज की कप्तानी में टीम ने कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया, जिसके बाद फिर से नए कप्तान की तलाश की गई और युवा आरोन फिंच को कप्तान बनाया गया। फिंच उस वक्त एक ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने हाल ही में एकदिवसीय करियर की शुरुआत की थी और वह अब भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी जगह तलाश रहे थे। ऐसे में उनको बगैर कप्तानी के अनुभव के पुणे की कप्तानी सौंपने का फैसला काफी हैरान करने वाला था। आखिरकार, कप्तान के तौर पर फिंच ज्यादा सफलता अर्जित नहीं कर पाए। पुणे के कप्तान के तौर पर उनका प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। उनकी कप्तानी में पुणे ने 10 मैच खेले। इनमें से सिर्फ दो मैचों में टीम ने जीत हासिल की।
#2 पार्थिव पटेल
पार्थिव पटेल भारतीय टीम के लिए एक विकेटकीपर/बल्लेबाज के तौर पर देखे जाते हैं। इंडियन प्रीमियर लीग में पार्थिव पटेल को कप्तान के तौर पर भी नियुक्त किया जा चुका है। नियमित रूप से कप्तान महेला जयवर्धने की अनुपस्थिति के कारण कोच्चि टस्कर्स केरल ने कप्तान के तौर पर पार्थिव पटेल को चुना। कोच्चि टस्कर्स का ये हैसला काफी चौंका देने वाला था क्योंकि टीम के पास ब्रेन्डन मैकुलम और ब्रैड हॉज जैसे अन्य अनुभवी दावेदार कप्तानी के लिए मौजूद थे। इनके बावजूद कोच्चि की टीम ने पार्थिव पटेल को कप्तान बनाया। पार्थिव पटेल ने चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ कप्तान के तौर पर अपनी टीम का नेतृत्व किया। हालांकि इस मैच में कोच्चि की टीम को हार का सामना करना पड़ा। कप्तानी में पार्थिव पटेल का रिकॉर्ड भी काफी निराशाजनक रहा। पार्थिव पटेल 6 अलग-अलग आईपीएल फ्रेंचाइजी के लिए खेले हैं, लेकिन कोच्चि की ओर से कप्तानी करने के बाद पार्थिव ने कभी आईपीएल में कप्तान के तौर पर भूमिका अदा नहीं की।
#1 रोहित शर्मा
बेशक रोहित शर्मा वर्तमान में मुंबई इंडियंस के कप्तान के तौर पर महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं, लेकिन अगर पीछे देखा जाए तो साल 2013 के सीजन में रोहित शर्मा को मुंबई इंडियंस की कप्तानी सौंपना काफी चौंकाने वाला फैसला था। हालांकि साल 2013 में रोहित शर्मा को कप्तानी सौंपना मुंबई इंडियंस के लिए मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ। रोहित शर्मा आज मुंबई के लिए किसी हीरे से कम नहीं है। साल 2013 में रिकी पॉन्टिंग को वास्तविक तौर पर मुंबई इंडियंस का कप्तान नियुक्त किया गया था। हालांकि कम स्कोर के चलते पॉन्टिंग ने आधे सीजन में ही बाहर होने का फैसला किया। जिसके बाद मुंबई ने रोहित शर्मा पर दांव खेला। रोहित शर्मा को मुंबई की कप्तानी सौंपे जाने का ये दांव आखिर में निशाने पर लगा। रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अंकतालिका में नंबर 2 का स्थान हासिल किया और आखिर में आईपीएल के खिताब को भी जीतने में कामयाबी हासिल की। रोहित की कप्तानी का बोलबाला यहीं नहीं रुका और रोहित ने अपनी कप्तानी में दो बार और मुंबई को खिताब जीतवा दिया। आईपीएल में अब तीन खिताब किसी टीम को जिताने के मामले में रोहित शर्मा एक सफल कप्तान के तौर पर देखे जाते हैं। रोहित शर्मा का कप्तान के तौर पर जीत का रिकॉर्ड 60 फीसदी के करीब है। लेकख: अथर्वा आप्टे अनुवादक: हिमांशु कोठारी