इंडियन प्रीमियर लीग 2018 अपना आधे से ज़्यादा पड़ाव पूरा कर चुका है। आईपीएल 2018 का आधा सीजन के बीत जाने के बाद कई युवा खिलाड़ियों ने अपना टैलेंट दिखाया है। इन युवा खिलाड़ियों में मयंक मार्कंडे, अंकित राजपूत, पृथ्वी शॉ जैसे कई खिलाड़ियों के नाम शामिल हैं। वहीं इस आईपीएल में कई सीनियर खिलाड़ियों ने भी अपनी फॉर्म में वापसी की है। इस आईपीएल में युवराज सिंह, गौतम गंभीर, महेंद्र सिंह धोनी और हरभजन सिंह जैसे सीनियर खिलाड़ियों के पास खुद को साबित करने का मौका था लेकिन इन सीनियर खिलाड़ियों में अगर सबसे आगे किसी का नाम है तो वो हैं महेंद्र सिंह धोनी। महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी बल्लेबाजी से इस बार सबको प्रभावित किया है। चेन्नई सुपर किंग्स ने दो साल के प्रतिबंध के बाद आईपीएल में वापसी की और फिर से महेंद्र सिंह धोनी को कप्तानी सौंपी गई। पिछले दो सीजन राइजिंग पुणे सुपरजाइंट के लिए खेलते हुए महेंद्र सिंह धोनी को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था लेकिन इस बार अपने प्रदर्शन से महेंद्र सिंह धोनी ने आलोचकों के मुंह पर तमाचा जड़ दिया है। महेंद्र सिंह धोनी आईपीएल सीजन 11 में जबरदस्त फॉर्म में हैं और कप्तानी के साथ-साथ बल्लेबाजी से भी कमाल दिखा रहे हैं। अपनी कप्तानी के दम पर महेंद्र सिंह धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स को आईपीएल अंकतालिका में शीर्ष टीम के रूप में स्थान दिला रखा है। वहीं अपनी बल्लेबाजी के दम पर धोनी टीम के स्कोर बोर्ड में मजबूती प्रदान कर रहे हैं। आइए जानते हैं इस सीजन महेंद्र सिंह धोनी के सफल होने के पीछे के बड़े राज़।
#4 बल्लेबाज़ी क्रम में बदलाव
महेंद्र सिह धोनी को नंबर 6 या नंबर 7 पर ही बल्लेबाज़ी करते हुए देखा जाता है लेकिन इस बार महेंद्र सिह धोनी ने अपने बल्लेबाजी क्रम में बदलाव किया। जिसका फायदा भी उन्हें आईपीएल में देखने को मिला है। धोनी मैच फिनिशर के तौर पर जाने जाते हैं लेकिन लेट बल्लेबाजी करने मैदान पर आने से उन्हें बल्लेबाजी के लिए अतिरिक्त समय नहीं मिल पाता था। इस कारण उन्होंने अपने बल्लेबाजी क्रम में बदलाव किया और इस सीजन महेंद्र सिह धोनी को ज्यादातर नंबर चार पर बल्लेबाजी करते हुए देखा गया। इससे उन्हें मैच में टिककर खेलने काफी वक्त मिल गया। नंबर चार पर खेलना का नतीजा ये हुआ कि धोनी ने इस सीजन अभी तक 159.86 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की है। वहीं पिछले साल धोनी की स्ट्राइक रे 116 थी।
#3 कप्तानी की ज़िम्मेदारी
महेंद्र सिंह धोनी लगभग दो सालों के बाद कप्तानी कर रहे हैं। आईपीएल 2017 में राइजिंग पुणे सुपरजाइंट ने बड़ी घोषणा करते हुए ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ को धोनी की बजाय टीम का कप्तान नियुक्त किया था। कप्तानी से हटाए जाने के बाद पूर्व भारतीय कप्तान धोनी को बल्लेबाजी में संघर्ष करते हुए देखा गया। लेकिन अब चेन्नई सुपर किंग्स के दो साल के निलंबन के बाद वापसी करने से धोनी को फिर से टीम का कप्तान नियुक्त किया गया है। चेन्नई की कप्तानी करने से धोनी को बिल्कुल ही अलग क्षेत्र में देखा जा रहा है। 160 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हुए धोनी 8 मैचों में 286 रन बना चुके हैं। कप्तानी की अतिरिक्त जिम्मेदारी से धोनी की बल्लेबाजी में भी निखार आया है।
#2 स्पिनरों पर काउंटर अटैक
अतीत में महेंद्र सिंह धोनी को स्पिन के खिलाफ संघर्ष करते हुए देखा गया है। बल्लेबाजी में धोनी की मुख्य चिंता स्पिन के खिलाफ खेलने की क्षमता थी। विशेष रूप से बाएं हाथ के स्पिनर या कलाई के स्पिनर के खिलाफ खेलने में धोनी असहज महसूस करते थे। स्पिनरों के खिलाफ धोनी ने या तो काफी संघर्ष किया है या अपना विकेट गंवा दिया है। पिछले साल कुलदीप यादव, पियूष चावला और दूसरे कलाई स्पिनरों के आगे धोनी एकदम शांत रहे। लेकिन इस साल धोनी में बिल्कुल बदलाव नजर आ रहा है। इस बार का आईपीएल सीजन जैसे-जैसे आगे बढ़ता जा रहा है, धोनी स्पिन के खिलाफ और बेहतर होते जा रहे हैं। इसके साथ ही उनकी स्ट्राइक रेट भी काफी सुधर गई है। इस सीजन में बैंगलोर के खिलाफ मैच जीतऊ पारी में धोनी ने पवन नेगी की गेंद पर बैक-टू-बैक छक्के लगाए थे और वहीं युजवेंद्र चहल के खिलाफ भी शानदार बल्लेबाजी की थी। स्पिन खेलने को लेकर धोनी की अपनाई गई रणनीति रंग ला रही है और उनकी बल्लेबाजी में काफी सुधार देखने मिल रहा है।
#1 अपनी कमज़ोरियों पर काम किया
महेंद्र सिंह धोनी को शॉर्ट डिलिवरी और वाइड ऑउटसाइड ऑफ स्टंप खेलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इसके अलावा महेंद्र सिंह धोनी पारी की शुरुआत में स्ट्राइक रोटेट करने में भी असमर्थ थे और कई गेंदों को डॉट बॉल के तौर पर ही बेकार कर देते थे। लेकिन अब धोनी ने अपनी कमजोरियों पर काम किया है। इस बार के आईपीएल सीजन में महेंद्र सिंह धोनी को स्ट्राइक रोटेट करते हुए आसानी से देखा जा सकता है। इसके अलावा धोनी तेज गेंदबाजों का भी बखूबी सामना कर रहे हैं। वहीं शॉर्ट डिलिवरी और वाइड ऑउटसाइड ऑफ स्टंप खेलने में भी धोनी को मजबूती हासिल हुई है। मोहम्मद सिराज के जरिए फेंकी गई वाइड यॉर्कर पर छक्का लगा देना इस बात की गवाही देता है कि धोनी अपनी कमजोरियों से पार पा चुके हैं। अब वो मैच में एक बार फिर से फिनिशर की भूमिक अदा कर रहे हैं। लेखक: प्रथमेश पाटिल अनुवादक: हिमांशु कोठारी