किसी भी टीम के दो अहम सदस्य होते हैं, एक होता है कप्तान, जो अपनी टीम के लिए मैदान में फ़ैसला लेता है, दूसरा होता है कोच, जो पर्दे के पीछे रह कर खिलाड़ियों का साथ देता है। पिछले कुछ सालों में हमने कई बेहतरीन कप्तान और कोच की जोड़ियां देखीं हैं। गैरी कर्सटन और एमएस धोनी, रिकी पोंटिंग और जॉन बुकनन, एंड्रू स्ट्रॉस और एंडी फ़्लावर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुछ ऐसी ही बेतरीन मिसालें क़ायम कीं हैं। आईपीएल जैसे बड़े टूर्नामेंट में भी कुछ कप्तान और कोच के बीच बेहतरीन तालमेल देखने को मिला जो उनकी टीम के लिए जीत की वजह बना।
#5 डेविड वॉर्नर और टॉम मूडी – सनराइज़र्स हैदराबाद
साल 2013 में डेक्कन चार्जर्स की जगह सनराइज़र्स हैदराबाद की टीम आईपीएल में शामिल हो गई थी। टॉम मूडी शुरुआत से सनराइज़र्स हैदराबाद टीम के कोच रहे हैं। साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया के डेविड वॉर्नर को इस टीम का कप्तान बनाया गया था। हांलाकि साल 2015 का सीज़न हैदराबाद टीम के लिए कुछ ख़ास नहीं रहा था, इस टीम ने प्वाइंट टेबल में छठा स्थान हासिल किया था, फिर भी एक सुलझी हुई टीम तैयार हो गई थी। वीवीएस लक्ष्मण और मुथैया मुरलीधरन के साथ मिलकर टॉम मूडी ने टीम की काया पलट दी। वॉर्नर और मूडी ने हैदराबाद टीम के लिए जीत का मंत्र खोज निकाला था। दोनों ने मिलकर एक मज़बूत गेंदबाज़ी यूनिट तैयार की ताकि जीत की इबारत लिखी जा सके। यू फॉर्मूला टीम के लिए सही साबित हुआ। साल 2016 में हैदराबाद टीम के लिए उनके गेंदबाज़ों ने कमाल कर दिया और टीम मैनेजमेंट का भरोसा जीत लिया। यही वजह रही कि उन्हें साल 2016 में आईपीएल का ख़िताब जीता। साल 2017 में यही फॉर्मूला दोहराया गया, टीम के गेंदबाज़ों ने कई मैच जिताए। सनराइज़र्स हैदराबाद ने अपने शानदार खेल के बदौलत प्लेऑफ़ में जगह बनाई। हांलाकि इलिमिनेटर मैच में वो कोलकाता से हारकर बाहर हो गए थे। कप्तान डेविड वॉर्नर ने भी टीम के लिए जिम्मेदारी भरा खेल दिखाया और पिछले 3 साल में 2 बार ऑरेंज कैप हासिल किया। वॉर्नर और मूडी की जोड़ी साल 2018 में भी धमाल मचाने को तैयार है। डेविड वॉर्नर को इस साल हैदराबाद टीम ने रिटेन किया है। कोच और कप्तान की इस जोड़ी के जीत का प्रतिशत 57 है जो एक बेहतरीन रिकॉर्ड है।
#4 एडम गिलक्रिस्ट और डैरेन लेमन – डेक्कन चार्जर्स
साल 2008 में डेक्कन चार्जर्स टीम का प्रदर्शन बेहद ख़राब रहा था, उन्होंने प्वाइंट टेबल में आख़िरी स्थान हासिल किया था। इसके बाद टीम मैनेजमेंट ने पूरे सपोर्ट स्टाफ़ के बदल दिया था। वीवीएस लक्ष्मण से दूसरे आईपीएल सीज़न में कप्तानी छीन ली गई थी। एडम गिलक्रिस्ट को टीम का कप्तान बनाया गया जबकि डैरेन लेमन को हेड कोच की जिम्मेदारी दी गई। लेमन ने साल 2008 में बतौर खिलाड़ी दिल्ली डेयरडेविल्स टीम के सदस्य थे। कप्तान और कोच की इस जोड़ी ने डेक्कन चार्जर्स को साल 2009 में आईपीएल का ख़िताब जिताया था। डेक्कन टीम ने आईपीएल सीज़न 2009 की शानदार शुरुआत की और पहले 4 मैच में जीत हासिल की थी। हांलाकि ये टीम अपनी जीत का क्रम बरक़रार नहीं रख पाई और आगे के कुछ मैच कम अंतर से हार गई। इसके बाद डेक्कन टीम ने दोबारा जीत की लय पकड़ी और प्वाइंट टेबल में चौथा स्थान हासिल किया। गिलक्रिस्ट और लेमन की टीम ने जिस तरह सेमीफ़ाइनल और फ़ाइनल जीता वो क़ाबिल-ए-तारीफ़ था। कप्तान और कोच की इस जोड़ी ने शानदार गेम प्लान तैयार किया था जो एकदम सटीक बैठा। साल 2009 के फ़ाइनल में डेक्कन चार्जर्स टीम ने 143 के स्कोर को डिफेंड किया और पहली बार आईपीएल ख़िताब जीता। गिलक्रिस्ट और लेमन ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा और साल 2010 में अपनी टीम को सेमीफ़ाइनल का सफ़र तय कराया। इस टीम ने आईपीएल सीज़न 2010 के लीग स्टेज में चौथा स्थान हासिल किया लेकिन सेमीफ़ाइनल में चेन्नई सुपरकिंग्स से हार गए। साल 2011 में लेमन फिर से डेक्कन चार्जर्स के कोच बने रहे लेकिन गिलक्रिस्ट किंग्स इलेवन पंजाब टीम में शामिल हो गए। भले ही गिलक्रिस्ट और लेमन ने महज 2 साल तक एक दूसरे का साथ निभाया हो, लेकिन दोनों ने मिलकर शानदार खेल दिखाया। साल 2009 और 2010 में डेक्कन चार्जर्स ने 29 मैच खेला और 17 मैच में जीत हासिल हुई।
#3 गौतम गंभीर और ट्रेवर बेलिस – कोलकाता नाइटराइडर्स
आईपीएल के पहले 3 सीज़न में कोलकाता नाइटराइडर्स टीम का प्रदर्शन बेहद ख़राब रहा। ये टीम साल 2008, 2009, 2010 में सेमीफ़ाइनल में जगह नहीं बना पाई थी। साल 2009 में केकेआर ने प्वाइंट टेबल में 8वां, और साल 2008 और 2010 में छठा स्थान हासिल किया था। इस बुरे खेल के बाद आईपीएल सीज़न 2011 में केकेआर ने नई शुरुआत की। गौतम गंभीर को 2.4 मिलियन डॉलर में ख़रीदा और टीम का कप्तान बनाया गया। कोलकाता टीम ने पहली बार प्वाइंट टेबल के टॉप 4 में जगह बनाई और प्लेऑफ़ में प्रवेश किया। एलिमिनेटर राउंड में केकेआर टीम हार गई थी। साल 2012 की आईपीएल नीलामी से ठीक पहले केकेआर टीम के मालिक ने ट्रेवर बेलिस को बतौर हेड कोच साइन किया। जैसे ही गंभीर और बेलिस ने साथ काम करना शुरू किया इस टीम की किस्मत बदल गई। साल 2012 के आईपीएल फ़ाइनल में चेन्नई टीम को हराया था। साल 2013 में केकेआर प्लेऑफ़ में जगह बनाने से चूक गई थी। साल 2014 में एक बार फ़िर गौतम गंभीर की टीम मज़बूती से उभरी और दूसरी बार आईपीएल आईपीएल का ख़िताब हासिल किया। फ़ाइनल में उन्होंने किंग्स इलेवन पंजाब को मात दी। साल 2014 में उन्होंने लगातार 9 मैच जीते और दो आईपीएल खिताब जीतने वाली दूसरी टीम बनी अगर आज केकेआर टीम ने नई ऊंचाइयों को छुआ है तो इसमें कप्तान गंभीर और कोच बेलिस का बड़ा हाथ है।
#2 रोहित शर्मा और रिकी पॉन्टिंग – मुंबई इंडियंस
मुंबई इंडियंस अब तक की सबसे कामयाब टीम रही है। इस टीम ने 3 आईपीएल ख़िताब जीते हैं। मुंबई के पास शुरुआत से ही बेहतरीन कोचिंग स्टाफ़ रहे थे। साल 2013 में मुंबई इंडियंस ने पोटिंग को टीम का कप्तान बनाया। बतौर कप्तान और खिलाड़ी उनका प्रदर्शन बेहद ख़राब रहा, जिसकी वजह से उन्होंने कप्तानी छोड़ी। रोहित शर्मा को मुंबई इंडियंस का कप्तान बनाया गया। रोहित ने अपनी कप्तानी में पहली बार अपनी टीम को आईपीएल का ख़िताब जिताया। साल 2015 में रिकी पोंटिंग को मुंबई टीम का कोच बनाया गया। इस साल पोटिंग और रोहित ने मिलकर मुंबई इंडियंस को दूसरी बार आईपीएल ख़िताब दिलाया। उस सीज़न में मुंबई पहले 6 मैच में से 5 में हार का मुंह देखा था, लेकिन प्वाइंट टेबल में दूसरा स्थान हासिल किया और आईपीएल ट्रॉफ़ी पर कब्ज़ा जमाया। रिकी पोंटिंग और रोहित शर्मा ने मुंबई इंडियंस को आईपीएल की सबसे बेहतरीन टीम बनाया।
#1 एमएस धोनी और स्टीफ़न फ़्लेमिंग – चेन्नई सुपरकिंग्स
इस बात में कोई शक नहीं कि चेन्नई सुपरकिंग्स देश की सबसे पसंदीदा टीम है और ये इकलौती ऐसी टीम है जिसने जो भी सीज़न खेला उसमें प्लेऑफ़ में जगह बनाई। स्टीफ़न फ़्लेमिंग ने पहले आईपीएल सीज़न में बतौर खिलाड़ी चेन्नई टीम को अपनी सेवाएं दीं थीं। धोनी के साथ अच्छे रिश्तों की बदौलत फ़्लेमिंग को टीम का कोच बनाया गया। इस कोच और कप्तान ने मिलकर बेहद मज़बूत टीम तैयार और हर सीज़न में अपनी लय बरक़रार रखी। साल 2010 में चेन्नई ने पहली बार आईपीएल ख़िताब जीता और साल 2011 वो ख़िताब बरक़रार रखने वाली पहली टीम बनी। चेन्नई का जलवा आने वाले सालों में भी क़ायम रहा और 2012, 2013 और 2015 में इस टीम ने फ़ाइनल का सफ़र तय किया। फ़्लेमिंग जब से कोच बने हैं चेन्नई ने 117 में से 70 मैच में जीत हासिल की है। ये कहना ग़लत नहीं होगा कि कोच और कप्तान के तौर पर फ़्लेमिंग और धोनी की जोड़ी कमाल की है। लेखक – साहिल जैन अनुवादक – शारिक़ुल होदा