IPL 2018: कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए ये हैं 5 बड़ी समस्याएं

आईपीएल का आगाज कुछ ही दिनों में होने वाला है और इस सीजन के लिए अच्छा प्रदर्शन करने के लिए टीमें कमर कस चुकी है, लेकिन दो बार की इंडियन प्रीमियर लीग की विजेता टीम कोलकाता नाइट राइडर्स को कई चिताएं सता रहीं हैं। इस बार की आईपीएल नीलामी प्रक्रिया में कोलकाता नाइट राइडर्स ने खिलाड़ियों की खरीदने के लिए अपने बजट का अधिकतम उपयोग किया था। हालांकि अब उनमें से कई खिलाड़ियों के इस सीजन में खेलने पर सस्पेंस बना हुआ है। कोलकाता पहले से ही अपनी टीम में कम खिलाड़ियों के होने की समस्या का सामना कर रही है। कोलकाता की टीम में मात्र 19 खिलाड़ी हैं। वहीं कोलकाता नाइट राइडर्स को इस साल टीम के कप्तान के चयन के लिए भी काफी समस्या का सामना करना पड़ा। दरअसल, कोलकाता के पास ऐसा एक भी खिलाड़ी नहीं है जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कप्तानी करने का अनुभव प्राप्त हो। इसके बाद आखिर में इस सीजन के लिए कोलकाता की कमान दिनेश कार्तिक को सौंपी और इस साल दिनेश कार्तिक टीम का नेतृत्व करेंगे। टीम की रणनीति तैयार करने के लिए टीम की आलोचना हो चुकी है और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि टीम किस तरह से कठिनाइयों का सामना कर पाती है। ...तो आइए जानते हैं इस सीजन के लिए कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए क्या चिंताएं बनी हुई हैं।

#5 अहम खिलाड़ियों की चोट

कोलकाता नाइट राइडर्स इस सीजन में अभी तक काफी बदकिस्मत टीम की तरह देखी जा रही है क्योंकि टीम के कई अहम खिलाड़ियों के खेलने पर चोटों की वजह से सस्पेंस बना हुआ है। इन खिलाड़ियों में ऑस्ट्रेलिया के धाकड़ बल्लेबाज क्रिस लिन, वेस्टइंडीज के आलराउंडर आंद्रे रसेल और ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिशेल जॉनसन शामिल हैं। हालांकि, हालिया रिपोर्ट के मुताबिक कोलकाता नाइट राइडर्स के पहले मैच से पहले रसेल और लिन के ठीक हो जाने की उम्मीद है लेकिन इन खिलाड़ियों को अपनी फॉर्म में आने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी। वहीं मिशेल जॉनसन की उपलब्धि को लेकर कुछ पुष्टि नहीं की गई हैं क्योंकि जॉनसन को इस महीने की शुरुआत में ही सिर पर चोट लगी थी। क्रिस लिन अपने कंधे की समस्या को लेकर काफी लंबे समय से परेशान हैं और उनकी ये चोट ठीक होने पर ही पूरे टूर्नामेंट के लिए उनकी उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। इसके अलावा आंद्रे रसेल को आईपीएल में प्लेइंग 11 में जगह देने से पहले उन्हें अपनी मांसपेशियों की चोट से उबरने में कुछ और समय देना होगा।

#4 सुनील नारेन का गेंदबाज़ी एक्शन

वेस्टइंडीज के रहस्यमयी स्पिनर सुनील नारेन कई सालों से कोलकाता नाइट राइडर्स टीम का हिस्सा हैं। टीम में सुनील की भूमिका काफी अहम है। लेकिन इस साल सुनील के खेलने पर सस्पेंस बना हुआ है। दरअसल, पाकिस्तान सुपर लीग में संदिग्ध गेंदबाजी करते हुए सुनील नारेन पाए गए। इस लीग में सुनील नारेन लाहौर कलंदर्स के लिए खेल रहे थे। जिनके बाद उन्हें संदिग्ध गेंदबाजी करते हुए पाया गया। अब उनकी रिपोर्ट क्रिकेट वेस्टइंडीज को भेजी गई है जो कि रिपोर्ट की समीक्षा के बाद आवश्यक कदम उठाएगी। यह पहली बार नहीं है कि उनकी गेंदबाजी एक्शन को रिपोर्ट किया गया है। नारेन इसी मुद्दे के चलते वर्ल्ड कप 2015 में टीम से बाहर निकल दिए गए थे और आईपीएल में उस साल के अंत में वापसी की थी। अब इंडियन प्रीमियर लीग के आने के साथ ही कोलकाता नाइट राइडर्स को गेंदबाजों के विकास पर पर भी करीबी नजर रखनी होगी।

#3 आंद्रे रसेल की प्रतिबंध के बाद वापसी

वेस्टइंडीज के आंद्रे रसेल खतरनाक ऑलराउंडर खिलाड़ियों में से एक जाने जाते हैं। अपनी तेजतर्रार पारियों के कारण आंद्रे रसेल टी20 क्रिकेट में दुनिया के सबसे प्रभावी खिलाड़ियों में से एक हैं। रसेल बल्ले और गेंद के साथ कमाल करते हुए मैच जिताऊ पारियां भी खेलते हैं। पिछले प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए कोलकाता नाइट राइडर्स ने इस साल की नीलामी से पहले उन्हें बरकरार रखा था। विश्व एंटी डोपिंग एजेंसी के जरिए विरोधी डोपिंग नियमों के उल्लंघन के कारण एक साल तक रसेल पेशेवर क्रिकेट से बाहर थे। इसके बाद उन्होंने घरेलू क्रिकेट में जमैका के लिए खेलते हुए वापसी की, जहां उन्होंने अपनी टीम के लिए कई महत्वपूर्ण पारियां खेली। हालांकि पाकिस्तान सुपर लीग में चोट लगने से पहले का उनका प्रदर्शन बहुत प्रभावशाली नहीं था। वहीं प्रतिबंध के बाद क्रिकेट में वापसी के साथ ही उन्हें अभ्यास करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला और फ्रैंचाइजी के लिए यह चिंता का बड़ा विषय हो सकता है। कोलकाता नाइट राइडर्स ने इस ऑलराउंडर खिलाड़ी पर एक बड़ा दांव लगाया है और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले सीजन में वह कैसा प्रदर्शन करते हैं।

#2 एक अपूर्ण टीम

नीलामी में कोलकाता नाइट राइडर्स ही एकमात्र ऐसी टीम थी जिन्होंने अपने पूरे बजट का इस्तेमाल किया लेकिन सिर्फ 17 खिलाड़ियों को ही खरीदने में सफल हो सकी। वहीं नीलामी से पहले दो खिलाड़ियों को रिटेन करने के साथ ही टीम में खिलाड़ियों का आंकड़ा 19 पहुंचता है। खिलाड़ियों का ये आंकड़ा आईपीएल की दूसरी टीमों की तुलना में बेहद कम है। टीम में केवल 1 9 खिलाड़ियों के साथ कोलकाता की टीम के लिए बड़ी मुश्किल ये होगी कि टीम के पास टूर्नामेंट में प्रयोग करने के लिए ज्यादा विकल्प मौजूद नहीं होंगे। दरअसल, कोलकाता की टीम ने बड़े नामों को खरीदने में अपना ज्यादातर पैसा निवेश किया और टूर्नामेंट में इन खिलाड़ियों की उपलब्धता में अब संदेह हैं। इसके अलावा कोलकाता नाइट राइडर्स के ज्यादातर खिलाड़ी युवा हैं और उनके पास ज्यादा अनुभव नहीं है। टीम को प्रशंसकों और क्रिकेट पंडितों के जरिए नीलामी की रणनीति के लिए पहले ही आलोचना का सामना करना पड़ चुका है। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि टीम टूर्नामेंट के दौरान अपने सीमित संसाधनों का कैसे उपयोग करती है।

#1 अनुभवहीन कप्तान

कोलकाता नाइट राइडर्स को टीम का कप्तान चुनने के लिए काफी सिरदर्दी का सामना करना पड़ा। गौतम गंभीर के दिल्ली डेयरडेविल्स से जुड़ जाने के बाद कोलकाता को कप्तान के लिए एक मजबूत खिलाड़ी चुनना था जो कि टीम का नेतृत्व कर सके, लेकिन किसी भी खिलाड़ी को उच्चतम स्तर पर कप्तानी का अनुभव नहीं था। हालांकि कप्तानी के लिए रॉबिन उथप्पा का नाम सबसे आगे था लेकिन टीम मैनेजमेंट ने दिनेश कार्तिक को टीम का कप्तान चुनकर सभी को चौंका दिया। कार्तिक ने टीएनपीएल में टुटी पेटरीओट्स की अगुवाई की है लेकिन उनके पास ए-लेवल कप्तानी का अनुभव नहीं है। आईपीएल में उन्होंने 6 मैचों में दिल्ली डेयरडेविल्स का नेतृत्व किया था, जिसमें से उनकी टीम केवल 2 ही जीत गई। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नया कप्तान युवा खिलाड़ियों का उपयोग कैसे करता है और प्रशंसकों की अपेक्षाओं पर कैसे खड़ा हो पाता है। लेखक: विपुल गुप्ता अवुवादक: हिमांशु कोठारी

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