इंडियन प्रीमीयर लीग यानी आईपीएल में खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का भरपूर मौका मिलता है। कई खिलाड़ी इस मौके को अच्छे से काम में लेते हैं तो कई खिलाड़ी इन मौकों को भी नहीं भुना पाते हैं। हालांकि आईपीएल में अपने खेल को बरकरार रख पाना भी काफी मुश्किल है। आईपीएल में अपने खेल के कारण खिलाड़ी को स्टारडम तो हासिल हो जाता है लेकिन इसे बनाए रखना टेढ़ी खीर के समान है।
अगर आज कोई किसी खिलाड़ी के खेल की तारीफ कर रहा है तो हो सकता है कि कल खेल में गिरावट आने से उस खिलाड़ी की आलोचना भी की जाए। ऐसे में अभिनेता राजेश खन्ना की फिल्म आनंद का एक मशहूर डायलॉग भी याद आ जाता है। वो डायलॉग था 'आज मैं जहां हूं, कल कोई और था, ये भी एक दौर है, वो भी एक दौर था।'
आईपीएल के खेल में भी कई खिलाड़ियों के साथ ऐसा हो चुका है। इन खिलाड़ियों को स्टारडम तो मिली लेकिन इस स्टारडम को ये खिलाड़ी बरकरार नहीं रख पाए। इसका असर यहां तक देखने को मिला कि आईपीएल नीलामी में भी इन खिलाड़ियों को कोई पूछता तक नहीं है।
आइए जानते हैं ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में जिनको स्टारडम तो मिला लेकिन अपने प्रदर्शन में गिरावट के चलते वो खिलाड़ी स्टारडम को बरकरार नहीं रख पाए।
#5 प्रज्ञान ओझा
इंडियन प्रीमीयर लीग इतिहास में प्रज्ञान ओझा एकमात्र ऐसे स्पिन गेंदबाज हैं जो पर्पल कैप अपने नाम कर चुके हैं। आईपीएल के साल 2010 के सीजन में प्रज्ञान ओझा सबसे प्रतिष्ठित स्पिनर थे। उन्होंने इंडियन प्रीमीयर लीग के तीसरे सीजन में 21 विकेट लेकर तहलका ही मचा दिया था। परिणामस्वरूप, उन्होंने पर्पल कैप पर कब्जा करने में कामयाबी पाई। प्रज्ञान ओझा आईपीएल में खिताब जीतने वाली टीम का तीन बार हिस्सा रह चुके हैं। इसमें से एक बार डेक्कन चार्जर्स के और दो बार मुंबई इंडियंस की टीम का हिस्सा रहे हैं।
साल 2013 तक इंडियन प्रीमीयर लीग में उनका प्रदर्शन अच्छा था। साल 2013 के सीजन में उन्होंने 16 विकेट अपने नाम किए थे। लेकिन इसके बाद उनके प्रदर्शन में लगातार गिरावट देखने को मिली। साल 2014 में प्रज्ञान ओझा ने मुंबई इंडियंस के लिए 12 मैच खेले और इनमें वो सिर्फ 4 विकेट ही ले पाए। इसके बाद उनको अगले साल सिर्फ एक मैच में ही मौका मिला, जिसमें भी वो विकेट नहीं ले पाए थे। उसके बाद से बाएं हाथ के इस स्पिनर को इंडियन प्रीमीयर लीग में खेलने का इंतजार है।
#4 शॉन मार्श
इंडियन प्रीमीयर लीग में ऐसे गिने चुने खिलाड़ी ही हैं जो एक ही फ्रैंचाइजी के लिए सालों से खेल रहे हैं। इनमें शॉन मार्श का नाम भी शामिल है। शॉन मार्श एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो इंडियन प्रीमीयर लीग के हर सीजन में किंग्स-XI पंजाब का हिस्सा रहे हैं। इंडियन प्रीमीयर लीग के पहले सीजन में ही शॉन मार्श ने औरेंज कैप पर कब्जा कर अपनी उपस्थिति का अहसास करवा दिया था। इंडियन प्रीमीयर लीग के पहले सीजन में शॉन मार्श ने 11 मैच खेले और इनमें 66.44 की औसत से 616 रन बनाए। इसमें उन्होंने एक शतक भी लगाया।
ऑस्ट्रेलिया के शॉन मार्श गेंदों को अच्छे से खेलने में माहिर हैं। हालांकि पिछले सीजन में शॉन मार्श ने सिर्फ दो अर्धशतकों के साथ 33 की औसत से 264 रन बनाए। वहीं हाल ही में मार्श ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे एशेज टेस्ट के दौरान एक शतक भी जड़ा। लेकिन इन सबके बावजूद पंजाब ने शॉन मार्श को इस बार नजरअंदाज कर दिया।
#3 जेम्स फॉक्नर
फिलहाल ऑस्ट्रेलिया के जेम्स फ़ॉकनर आउट ऑफ फॉर्म चल रहे हैं जिस कारण वो राष्ट्रीय टीम का हिस्सा भी नहीं हैं। ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर जेम्स फॉक्नर कई सालों से इंडियन प्रीमीयर लीग में खेल रहे हैं और इस दौरान वो पुणे वॉरियर्स, किंग्स-XI पंजाब और राजस्थान रॉयल्स जैसी टीमों का हिस्सा रह चुके हैं। आईपीएल के पिछले सीजन में वो गुजरात लायंस के लिए खेले थे। गुजरात लायंस फ्रैंचाइजी अब भंग कर दी गई है।
जिमी के रूप में भी पहचाने जाने वाले फॉक्नर ने साल 2013 के आईपीएल सीजन में पर्पल कैप पर भी कब्जा किया था। इस सीजन में उन्होंने 28 विकेट अपने नाम किए थे। हालांकि वर्तमान में उनकी गेंदबाजी की गति कम हो गई है और वो फॉर्म में नहीं है। जिसके कारण ऑस्ट्रेलियाई टीम से भी उनको हटा दिया गया है।
वहीं आईपीएल के पिछले सीजन में उन्होंने गुजरात लायंस के लिए 8 मैच खेले थे, जिसमें वो सिर्फ 6 विकेट ही अपने नाम कर पाए।
#2 इरफ़ान पठान
एक समय था जब भारतीय क्रिकेट में कपिल देव के बाद तेज गेंदबाज ऑलराउंडर के तौर पर इरफान पठान का नाम सबसे आगे रहता था। ऑलराउंडर के नाते इरफान पठान हमेशा से ही टीम की मांग रहते थे। लेकिन हर दिन एक जैसा नहीं रहता है और हाल ही में उनको बड़ौदा रणजी टीम से भाी ड्रॉप कर दिया गया।
इंडियन प्रीमीयर लीग के शुरुआती तीन सीजन में इरफान पठान ने शानदार प्रदर्शन किया और उन्होंने क्रमश: 15, 17 और 15 विकेट हासिल किए। इस दौरान उनकी औसत 21.83, 19.60 और 34.50 रही। लेकिन इसके बाद उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा।
हाल ही में खत्म हुए सैयद मुश्ताक अली ट्राफी में पश्चिम जोन के लिए इरफान पठान ने अच्छा प्रदर्शन किया था। लेकिन इसके बावजूद इस प्रतिष्ठित खिलाड़ी को आईपीएल की सभी फ्रैंचाइजी ने नजरअंदाज कर दिया है।
#1 लसिथ मलिंगा
श्रीलंका के लसिथ मलिंगा दुनिया के खतरनाक तेज गेंदबाजों में से एक हैं। इंडियन प्रीमीयर लीग में लंबे वक्त से खेल रहे लसिथ मलिंगा ने साल 2011 के आईपीएल सीजन में पर्पल कैप हासिल की थी। इस सीजन में उन्होंने 28 विकेट लिए थे। इस सीजन में उन्होंने धारदार गेंदबाजी करते हुए दिल्ली की टीम के खिलाफ 13 रन देकर 5 विकेट हासिल किए थे।
आईपीएल में पिछले कुछ सालों से लसिथ मलिंगा मुंबई इंडियंस की टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। 'स्लिंगा' मलिंगा के रूप में पहचाने जाने लसिथ मलिंगा ने साल 2009 में मुंबई इंडियंस से जुड़ने के बाद टीम को कई मैच सिर्फ अपनी गेंदबाजी के दम पर जिताए हैं।
टखने की चोट के बाद लसिथ मलिंगा ने पिछले सीजन में इंडियन प्रीमियर लीग में वापसी की थी, लेकिन उनका पुराना आकर्षण कहीं गायब दिखा। इस सीजन में उन्होंने 12 मैचों में सिर्फ 11 विकेट ही अपने नाम किए। 34 वर्षीय श्रीलंकन तेज गेंदबाज मलिंगा काफी समय से अपनी फिटनेस के साथ संघर्ष कर रहे हैं। यही कारण रहा कि पिछले साल भारत के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए उन्हें टीम में जगह नहीं दी गई।
लेखक: सक्षम मिश्रा
अनुवादक: हिमांशु कोठारी
Edited by Staff Editor