#3 ज़रूरी मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया गया
आरसीबी की गेंदबाज़ी की कमज़ोरी सीज़न की शुरुआत से ही दिखाई दे रही थी। टीम सबसे ज़्यादा उमेश यादव पर निर्भर भी और वो ही टीम में गेंदबाज़ी का ज़्यादातर बोझ उठा रहे थे। युज़वेंद्र चहल, मोहम्मद सिराज, कोरी एंडरसन ज़्यादा प्रभावशाली साबित नहीं हो पाए। बैंगलौर की टीम किसी भी स्कोर को बचाने में नाकाम साबित हुई। उनकी डेथ ओवर में गेंदबाज़ी बहुत ही बड़ी परेशानी का सबब था। कप्तान को टीम साउदी का इस्तेमाल काफ़ी पहले करना चाहिए था। साउदी घातक यॉर्कर गेंद फेंकने में माहिर हैं और डेथ ओवर में प्रभावशाली हैं, लेकिन वो इस सीज़न के पहले हाफ़ में प्लेइंग XI से बाहर रहे। इसके अलावा टीम के खिलाड़ियों का फ़ील्ड प्लेसमेंट, गेंदबाज़ी में बदलाव पर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए था। कोरी एंडरसन से डेथ ओवर में बॉलिंग कराई जाती थी। बैटिंग ऑर्डर में बार-बार बदलाव किया जा था, डी कॉक, मैकुलम, कोहली और वोहरा से टॉप ऑर्डर में बल्लेबाज़ी कराई गई और नाकामी हासिल हुई।