इंडियन प्रीमीयर लीग (आईपीएल) की शुरुआत 2008 में हुई थी और तभी से यह लीग दुनिया की सबसे बड़ी लीगों में शामिल है। सभी खिलाड़ी आईपीएल में खेलना पंसद करते हैं और दर्शक भी काफी बेसब्री से इसका इंतजार करते हैं। आईपीएल हर साल अप्रैल-मई के महीने में खेला जाता है लेकिन लोगों का उत्साह जनवरी-फरवरी से ही शुरू हो जाता है क्योंकि इस समय खिलाड़ियों की नीलामी होती है। इस साल आईपीएल अपने दूसरे दशक ने प्रवेश कर रहा है और खिलाड़ियों की नीलामी भी कुछ ही दिनों में होने वाली है तो हम आपको आईपीएल की सभी 10 सत्रों के सबसे महंगे खिलाड़ी और उनके प्रदर्शन के बारे में आपको बनाते जा रहे हैं। नोट- आईपीएल के पहले 6 सत्रों यानि 2013 तक खिलाड़ियों को अमेरिकी डॉलर में पैसे मिलते थे और हमने उसे उस समय के अनुसार रूपये में तब्दील करके बताया है
2008, महेंद्र सिंह धोनी (6.1 करोड़) चेन्नई सुपर किंग्स
पहले टी20 विश्वकप में विजेता की ट्रॉफी उठाने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पहले सत्र के सबसे पहले खिलाड़ी थे। उन्हें इंडिया सीमेंट की मालिकाना हक वाली चेन्नई सुपर किंग्स की टीम ने खरीदा था। सीएसके की कमान भी धोनी को मिली और उनकी कप्तानी में टीम ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। उनकी टीम फाइनल तक पहुंची और उनके बल्ले से 41.40 औसत और 133.54 के स्ट्राइक रेट से 414 रन निकले। उसके बाद धोनी चेन्नई के साथ लगातार 8 सालों तक थे और टीम ने इस बीच 2 बार विजेता भी बनी।
2009, केविन पीटरसन (7.3 करोड़)- रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर
शुरुआत से ही केविन पीटरसन की छवि एक आक्रामक बल्लेबाज की रही है जो अपने बल्लेबाजी के बूते किसी भी मैच का रुख बदल सकते हैं। इसी वजह से 2009 की नीलामी में आरसीबी की टीम ने उन्हें 1.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर देकर खरीदा। उस साल पीटरसन को टीम की कमान भी मिली लेकिन 6 मैचों में वह टीम को 2 में ही जीत दिला पाये और उसके बाद इंग्लैंड के मैचों की वजह से वापस चले गये। बल्ले के साथ भी उनका प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा और उन्होंने 109.41 की साधारण स्ट्राइक रेट 93 रन बनाये लेकिन आईपीएल 2010 में उनके बल्ले से 7 मैचों में 236 रन निकले।
2009, एंड्रू फ़्लिंटॉफ़ (7.3 करोड़)- चेन्नई सुपर किंग्स
इंग्लैंड के अपने साथी खिलाड़ी पीटरसन के साथ एंड्रू फ़्लिंटॉफ़ भी आईपीएल 2009 के सबसे महंगे खिलाड़ी थे और उन्हें सीएसके की टीम ने खरीदा था। इंग्लैंड के इस ऑलराउंडर को उस सत्र में मात्र 3 मैच खेलने को मिला जिसमें उन्होंने 62 रन बनाये साथ ही 2 विकेट भी हासिल किये। उनके बाद उन्हें आईपीएल फिर कभी खेलने का मौका नहीं मिला।
2010, काइरोन पोलार्ड (3.66 करोड़)- मुंबई इंडियंस
चैंपियंस लीग 2009 में बल्ले के साथ धमाल मचाने वाले पोलार्ड को खरीदने के लिए मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और कोलकाता नाइटराइडर्स के 750,000 अमेरिकी डॉलर की बोली लगाई लेकिन गोपनीय टाई-ब्रेकर में मुंबई की टीम उन्हें अपने साथ जोड़ने में सफल रही। उस सत्र में पोलार्ड ने बल्ले, गेंद और फील्डिंग तीनों में शानदार प्रदर्शन किया और टीम को फाइनल तक पहुँचने में मदद की। बल्ले के साथ उन्होंने 185.71 की स्ट्राइक रेट से 273 रन बनाये जबकि गेंद से 15 विकेट भी हासिल किये। उसके बाद से पोलार्ड लगातार मुंबई टीम का हिस्सा बने हुए हैं।
2010, शेन बॉंड (3.66 करोड़)- कोलकाता नाइटराइडर्स
काइरोन पोलार्ड की तरह ही न्यूज़ीलैंड के इस तेज गेंदबाज को खरीदने के लिए भी चेन्नई सुपर किंग्स, डेक्कन चार्जर्स और कोलकाता नाइटराइडर्स ने नीलामी में निर्धारित राशि तक बोली लगाई और बाद में टाई-ब्रेकर के फैसले की तहत वह केकेआर में शामिल हो गये। शेन बॉंड सिर्फ एक सत्र ही आईपीएल खेल पाये और उन्होंने 8 मैचों में 7.22 की इकॉनमी से 9 विकेट हासिल किये।
2011, गौतम गंभीर (10.9 करोड़)- कोलकाता नाइटराइडर्स
आईपीएल 2011 में सभी टीमों को ज्यादा से ज्यादा 4 खिलाड़ियों को रिटेन करने का विकल्प दिया गया जबकि उसके अलावा सभी खिलाड़ियों की नीलामी हुई। पहले तीन आईपीएल सत्रों में कुछ खास नहीं कर पाने वाली केकेआर की टीम ने 2.4 अमेरिकी डॉलर की बोली लगाकर गौतम गंभीर को अपनी टीम में शामिल किया और उन्हें टीम का कप्तान भी बनाया। उस सत्र में गंभीर ने बल्ले से 34.36 की औसत से 378 रन बनाये और टीम को पहली बार कोलकाता को प्ले-ऑफ तक पहुंचाया। उसके बाद लगातार वह केकेआर टीम का हिस्सा बने रहे और उनकी कप्तानी में टीम 2 बार आईपीएल विजेता भी बनी।
2012, रविन्द्र जडेजा (9.8 करोड़)- चेन्नई सुपर किंग्स
आईपीएल 2012 में मात्र एक आईपीएल खेलने के बाद कोच्ची टस्कर्स की टीम आईपीएल से अलग हो गयी और उसके सभी खिलाड़ियों की नीलामी दोबारा की गयी। कोच्ची टीम का हिस्सा रहे ऑलराउंडर रविन्द्र जडेजा को चेन्नई सुपर किंग्स ने नीलामी की पूरी राशि यानि करीब 2 मिलियन डॉलर में खरीद लिया। उस सत्र में जडेजा ने चेन्नई के लिए 19 मैच खेले जिसमें उनके बल्ले से 191 रन निकले और साथ ही उन्होंने 12 विकेट भी झटका। हालांकि, जडेजा के लिए यह सत्र जबरदस्त नहीं रहा लेकिन आगे के सत्रों में वह चेन्नई टीम के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन गये।
2013, ग्लेन मैक्सवेल (5.33 करोड़)- मुंबई इंडियंस
ऑस्ट्रेलिया के विस्फोटक बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल को मुंबई की टीम ने 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर की बोली लगातार अपनी टीम में शामिल किया। हालांकि,मैक्सवेल को इतने पैसे खर्च करने के बावजूद उन्हें ज्यादा खेलने का मौका नहीं दिया गया। टीम ने उन्हें सिर्फ 3 मैचों में खेलने का मौका दिया जहाँ वो 36 रन ही बना पाये और वह अगले आईपीएल में दूसरी टीम में चले गये।
2014, युवराज सिंह (14 करोड़)- रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर
युवराज सिंह भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े नामों में शामिल हैं। उन्होंने 2007 टी20 विश्वकप और 2011 विश्वकप में भारत की जीत में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कैंसर से वापसी के बाद वह पहले जैसे खिलाड़ी नहीं रहे लेकिन उनकी क्षमता पर आज भी कोई संदेह नहीं करता। नीलामी में उन्हें खरीदने के लिए टीमों में काफी जद्दोजहद हुई और अंत में आरसीबी ने उन्हें 14 करोड़ रूपये में अपनी टीम में शामिल कर लिया। आरसीबी की उस टीम में पहले से क्रिस गेल, विराट कोहली और एबी डीविलियर्स जैसे धुरंधर मौजूद थे। इसके बावजूद टीम कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई और अंक तालिका में 7वें स्थान पर रही। युवराज ने बल्ले से ठीक-ठाक प्रदर्शन करते हुए 135.25 की स्ट्राइक रेट और 34.18 की औसत से 376 रन बनाये। हालांकि, टीम ने उसी सत्र के बाद युवी को छोड़ दिया।
2015, युवराज सिंह (16 करोड़)- दिल्ली डेयरडेविल्स
आईपीएल 2014 की नीलामी में सबसे महंगे बिकने वाले युवराज सिंह ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस बार उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स ने 16 करोड़ रूपये में अपने टीम में शामिल किया।पिछले सत्र के बाद युवी को छोड़ने वाली आरसीबी की टीम में अंत तक उनपर बोली लगाई लेकिन दिल्ली के सामने वह हार मान गये। इतनी मोटी रकम मिलने के बाद सभी को युवी से शानदार प्रदर्शन की उम्मीद थी लेकिन सभी के हाथ निराशा लगी। 14 मैचों में उन्होंने 19.15 की औसत और 118.57 की स्ट्राइक रेट से मात्र 248 रन बनाये। उनके इस प्रदर्शन के बाद दिल्ली ने उन्हें सत्र के बाद रिलीज कर दिया।
2016, शेन वाट्सन (9.5 करोड़)- रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की फ्रेंचाईजी कभी भी खिलाड़ियों पर मोटी रकम लगाने से नहीं हिचकती है और इस बार फिर उसने ऑस्ट्रलियाई ऑलराउंडर शेन वाट्सन को 9.5 करोड़ रूपये में खरीदा। इस साल आरसीबी टीम का प्रदर्शन शानदार रहा। 16 मैचों में उनके बल्ले से 14.75 की औसत से मात्र 179 निकले जबकि वह ज्यादातर गेंदबाजी शुरुआत और अंत के ओवरों में डालते थे, इसी वजह से उन्हें 20 विकेट हासिल हुआ। आईपीएल 2017 में भी वह आरसीबी टीम का हिस्सा थे लेकिन ख़राब फॉर्म की वजह से वह ज्यादातर मौकों पर एकादश से बाहर ही रहे।
2017, बेन स्टोक्स (14.5 करोड़)- राइजिंग पुणे सुपरजायंट
जब बेन स्टोक्स ने आईपीएल 2017 की नीलामी में हिस्सा लेने का फैसला किया तो सभी टीमों की निगाह उन्हें अपने टीम में शामिल करने पर थी। काफी लम्बी चली नीलामी में इंग्लैंड के इस ऑलराउंडर को आरपीएस की टीम ने 14.5 करोड़ रूपये देकर ख़रीदा और इसके साथ ही वह आईपीएल के सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी बन गये। स्टोक्स के लिए आईपीएल काफी शानदार रहा और 12 पारियों में उनके बल्ले से 316 रन निकले जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 142.99 का था। इसके अलावा गेंदबाजी में भी उन्होंने 12 विकेट झटके। हालांकि, इंग्लैंड के लिए खेलने की वजह से वह प्ले-ऑफ के मुकाबले नहीं खेल पाये, इस बार फिर सभी फ्रेंचाईजी की नजर उनपर रहेगी। लेखक- साहिल जैन अनुवादक- ऋषिकेश सिंह