आईपीएल में कप्तान के रूप में गौतम गंभीर का रिकॉर्ड काफी शानदार है। उनकी कप्तानी में कोलकाता नाइटराइडर्स ने 2012 और 2014 में आईपीएल की ट्रॉफी उठाई थी। गंभीर के कप्तान बनाने से पहले के तीन सत्रों में केकेआर की टीम सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुँच पाई थी, लेकिन 2011 में उन्हें टीम की कमान मिली और टीम की किस्मत ही बदल गयी। उसके बाद के 7 सत्रों में यह टीम 5 बार प्लेऑफ तक पहुंची जबकि 2 बार विजेता भी बनी। इन सब के बावजूद केकेआर की फ्रेंचाईजी ने अपने कप्तान को रिटेन नहीं किया और इससे यह साफ हो गया है कि वह नया कप्तान चाहते हैं। 8 टीमों में से 5 टीम ने अपने कप्तान को रिटेन किया है जबकि किंग्स XI पंजाब, दिल्ली डेयरडेविल्स और कोलकाता नाइटराइडर्स नया कप्तान चाहती है। घरेलू मैचों में दिल्ली की तरफ से खेलने वाले गौतम गंभीर पहले भी आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स की तरफ से खेलने की इच्छा जता चुके हैं। यह देखकर काफी अजीब लगा कि कोलकाता ने उस खिलाड़ी को रिटेन नहीं किया जिसने कप्तानी और बल्ले दोनों से टीम के लिए काफी अहम योगदान दिया। इसके बावजूद अभी भी केकेआर आरटीएम का इस्तेमाल करके गंभीर को फिर से अपने साथ जोड़ सकती है लेकिन ऐसा होना मुश्किल ही लगता है। दिल्ली आईपीएल की वर्तमान टीमों में एकमात्र ऐसी टीम है जिसे अभी भी आईपीएल फाइनल खेलने का इंतजार है। आईपीएल में अभी तक टीम का प्रदर्शन ज्यादातर मौकों पर निराशाजनक ही रहा है। तीन बार टीम अंक तालिका में अंतिम स्थान पर रही है जबकि 2 बार अंतिम से एक उपर। दिल्ली की टीम कभी भी एक स्थिर टीम नहीं रही है और टीम प्रबंधन ने डेविड वॉर्नर, एबी डीविलियर्स, मोर्ने मोर्केल और आंद्रे रसेल जैसे खिलाड़ियों को अपने साथ नहीं रख पाई। आज यह खिलाड़ी अपने-अपने टीमों के सुपरस्टार हैं और टीम के साथ रिटेन हैं। दिल्ली डेयरडेविल्स का इतिहास रहा है कि वह जिस खिलाड़ी को खरीदना चाहती है उसके लिए कितनी भी रकम देने को तैयार रहती है। टीम ने पिछले नीलामियों में युवराज सिंह को 16 करोड़, एंजेलो मैथ्यूज़ को 7.5 करोड़, केविन पीटरसन को 9 करोड़ और 8.5 करोड़ देकर खरीद चुकी है। इसके साथ ही अपने बजट से 15 करोड़ की कटौती कराकर टीम प्रबंधन ने इस बार ऋषभ पंत को रिटेन किया है। इसी वजह से उम्मीद की जा सकती है कि गौतम गंभीर को खरीदने के लिए दिल्ली कोई भी रक़म अदा करने में हिचकिचाहट नहीं दिखाएगी। दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम ऐसे खिलाड़ी को ढूंढ रही है जो लम्बे समय तक टीम की कप्तानी सम्भाल सके और उसके लिए घरेलू खिलाड़ी गौतम गंभीर से अच्छा विकल्प कोई नहीं हो सकता। गंभीर ने भी बचपन से फ़िरोज़ शाह कोटला पर क्रिकेट खेला है इसलिए वह भी इस टीम का हिस्सा दोबारा बनना चाहते हैं। लेखक- विपुल गुप्ता अनुवादक- ऋषिकेश सिंह