दुनिया की सबसे बड़ी टी 20 लीग आईपीएल हाल ही में चेन्नई सुपर किंग्स की जीत के साथ समाप्त हुई। इस सीज़न में चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल की वापसी प्रमुख हाइलाइट्स थी। इसे अस्वीकार नहीं किया जा सकता है कि इस वर्ष, विशेष रूप से, बल्ले और गेंद के साथ कुछ शानदार प्रदर्शन देखने को मिले हैं। इस सीज़न में जहां कई स्टार खिलाड़ियों ने औसत प्रदर्शन किया वहीं युवा खिलाड़ियों ने अपना दमखम दिखाया। तो आइये इस सीज़न में हिस्सा लेने वाली 8 टीमों के सबसे फ्लॉप खिलाड़ियों पर एक नज़र डालें:
सरफराज़ खान (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर)
जब विराट कोहली और आरसीबी टीम प्रबंधन ने क्रिस गेल और के एल राहुल जैसे खिलाड़ियों को छोड़ सरफराज़ खान को टीम में रिटेन करने का फैसला किया तो सभी क्रिकेट प्रशंसक हैरान थे। शायद उन्होंने इस खिलाड़ी में कोई ऐसी ख़ूबी देखी हो जो बाकी नहीं देख पाए। ग़ौरतलब है कि वह पिछले साल चोटिल होने के कारण आईपीएल में नहीं खेल पाए थे और कोहली ने आईपीएल से पहले उन्हें अपनी फिटनेस पर काम करने के लिए कहा था। लेकिन इस सीज़न में उन्होंने सात मैचों में 124.39 की स्ट्राइक रेट के साथ केवल 51 रन बनाए, जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 22 * रहा। ऐसे प्रदर्शन के बाद ऐसे लगता नहीं कि आरसीबी उन्हें दोबारा टीम में लेने की भूल करेगी। अगर आरसीबी ने केएल राहुल और क्रिस गेल को टीम में रिटेन किया होता तो शायद उनकी इतनी फ़ज़ीहत न होती, जितनी इस सीज़न में हुई है।
मिचेल जॉनसन (कोलकाता नाइट राइडर्स)
केकेआर ने इस साल की आईपीएल नीलामी में मिशेल जॉनसन को ₹ 2 करोड़ में खरीदा था लेकिन उनका यह निर्णय गलत साबित हुआ। मिचेल जॉनसन ने इस सीज़न में खेले 6 मैचों में कुल 21 ओवरों की गेंदबाजी की और केवल 2 विकेट लेकर 10.28 की महंगी इकोनॉमी रेट से 216 रन लुटा डाले। उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आंकड़ा 30/1 रहा, जो उनके जैसे विश्वस्तरीय गेंदबाज़ के लिए बेहद निराशाजनक प्रदर्शन है। ऐसे प्रदर्शन के बाद लगता नहीं कि कोई भी टीम अगले सीज़न में उन्हें अपनी टीम में शामिल करेगी और यह उनका आखिरी आईपीएल सीज़न साबित हो सकता है।
आरोन फिंच (किंग्स-XI पंजाब)
किंग्स-XI पंजाब के स्टार खिलाड़ी आरोन फिंच इस आईपीएल सीज़न में अपनी शादी के बाद टीम में शामिल हुए थे। अपने पहले मैच में फिंच बिना कोई रन बनाए आउट हुए और अगले मैच में भी बिना खता खोले पवेलियन वापिस लौट गए। पूरे सीज़न में इस ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ का ख़राब फॉर्म जारी रहा। डेढ़ करोड़ की कीमत पर उन्हें अपनी टीम में शामिल करने वाली किंग्स इलेवन प्लेऑफ में भी जगह बनाने में नाकाम रही और उसका सबसे बड़ा कारण इस स्टार खिलाड़ी का खराब प्रदर्शन था। लेकिन फिर भी, फिंच में वापसी करने की अदभुत क्षमता है और शायद टीम प्रबंधन को उन्हें मध्य-क्रम की बजाय शीर्ष क्रम पर बल्लेबाज़ी के लिए भेजना चाहिए क्यूंकि ऑस्ट्रेलिया की तरफ से वह शीर्ष क्रम पर ही बल्लेबाज़ी करते आये हैं।
ऋद्धिमान साहा (सनराइज़र्स हैदराबाद)
ऋद्धिमान साहा हमेशा से एक बेहतरीन विकेटकीपर रहे हैं, लेकिन उनकी बल्लेबाज़ी हमेशा चर्चा का विषय रही है। आईपीएल सीज़न 2014 में उन्होंने किंग्स-XI पंजाब की तरफ से एक शानदार शतक लगाकर अपने सभी आलोचकों को चुप करा दिया था, यह आईपीएल में उनका सबसे बढ़िया सीज़न था। हालांकि, वह तब से उस प्रदर्शन को दोहराने में नाकाम रहे हैं। इस वर्ष सनराइज़र्स हैदराबाद की ओर से उन्होंने पहले शीर्ष क्रम और फिर मध्य क्रम में बल्लेबाज़ी की लेकिन हर मैच में रन बनाने के लिए जूझते रहे। साहा ने 11 मैचों में 119.60 की स्ट्राइक रेट के साथ 122 रन बनाए। उन्हें कुछ मैचों में श्रीवत्स गोस्वामी के स्थान पर टीम में शामिल किया गया लेकिन वह उम्मीदों पर खरा उतरने में बिलकुल नाकाम रहे।
फ़ाफ़ डू प्लेसी (चेन्नई सुपर किंग्स)
फ़ाफ़ डू प्लेसी इस आईपीएल सीज़न में ख़िताब जीतने वाली चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा थे। लेकिन जहां अंबाती रायुडू, सुरेश रैना, एम एस धोनी, शेन वॉट्सन, सैम बिलिंग्स और ड्वेन ब्रावो जैसे खिलाड़ियों ने कम से कम एक बार मैच जिताऊ पारियां खेली हैं, दक्षिण अफ़्रीकी बल्लेबाज़ उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए। डू प्लेसी हमेशा सीएसके के लिए दूसरे सलामी बल्लेबाज रहे हैं और जब भी उन्हें मौका मिलता है वह अपनी अहम योगदान देते हैं। लेकिन, इस साल उन्होंने 6 मैचों में 125 की स्ट्राइक रेट से 162 रन बनाए हैं। इस साल उनका उच्चतम स्कोर 67 * है। अफसोस की बात है कि, जडेजा के अलावा, वह एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिनका बल्ले इस सीज़न में ख़ामोश रहा है।
काइरोन पोलार्ड (मुंबई इंडियंस)
2010 में पहली बार आईपीएल में खेलने वाले काइरोन पोलार्ड मुंबई इंडियंस का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। उन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से अपना योगदान दिया है। हालांकि, आईपीएल 2018 पोलार्ड के लिए सबसे खराब सीज़न रहा और एमआई के इस बेहतरीन फिनिशर ने 9 मैचों में सिर्फ 133 रन बनाए और पूरे टूर्नामेंट में गेंदबाजी नहीं की। ऐसे प्रदर्शन को देखते हुए मुंबई ने उन्होंने सात मैचों के बाद बाहर बैठा दिया , जो कि इससे पहले कभी नहीं हुआ था। 2010 से अपनी टीम के स्टार खिलाड़ी रहे पोलार्ड को शायद अगले सीज़न में कोई खरीदार ना मिले।
डी' आर्सी शॉर्ट (राजस्थान रॉयल्स)
डी 'आर्सी इस आईपीएल सीज़न के बड़े नामों में से एक थे। इससे पहले उन्होंने होबार्ट हरिकेन्स की ओर से खेलते हुए 11 मैचों में 148.47 की प्रभावशाली स्ट्राइक रेट से 572 रन बनाए थे जिसमें एक शतक और 4 अर्धशतक शामिल हैं। उनके ऐसे प्रदर्शन को देखते हुए राजस्थान रॉयल्स को उनसे काफी उम्मीदें थीं लेकिन पहले और दूसरे मैच में क्रमशः 4 और 6 रन पर रन आउट होने वाले यह बल्लेबाज़ पूरे सीज़न में अपने रंग में नहीं दिखे। राजस्थान के इस सीज़न में निराशाजनक प्रदर्शन का एक कारण डी आर्सी का खराब फॉर्म था।
गौतम गंभीर (दिल्ली डेयरडेविल्स)
इस सीज़न में अपनी घरेलू टीम दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेलने वाले टीम इंडिया के इस दिग्गज बल्लेबाज़ ने अपनी टीम को निराश किया है। दिल्ली टीम में में कोच रिकी पॉन्टिंग, अनुभवी कप्तान गौतम गंभीर, श्रेयस अय्यर और ऋषभ पंत जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की मौजूदगी, उन्हें ख़िताब का प्रबल दावेदार बनाती थी लेकिन यह टीम इस सीज़न की सबसे कमतर टीम साबित हुई है। गंभीर ने अपने पहले मैच में 55 रन बनाए, और उस मैच के बाद, उन्होंने अपने अगले चार मैचों में क्रमशः 15, 8, 3, और 4 रन बनाए। अपने खराब फॉर्म के कारण उन्होंने कप्तानी छोड़ने का फैसला किया और लीग के मध्य में श्रेयस अय्यर को नया कप्तान बनाया गया। इस सीज़न में गंभीर अपनी खराब फॉर्म से जूझते नज़र आये हैं। यह आईपीएल सीज़न उनके करियर का आखिरी सीज़न हो सकता है और शायद वो अगले वर्ष कोच की भूमिका में नज़र आएं। लेखक: सुनील जोसेफ अनुवादक: आशीष कुमार