IPL 2018: अब तक सभी 8 टीमों में हर एक टीम के सबसे बड़े फ़्लॉप खिलाड़ी

इंडियन प्रीमियर लीग का 11 वां सीज़न 7 अप्रैल को मुंबई में बड़े ज़ोर-शोर से शुरू हुआ और दुनिया भर से क्रिकेट प्रशंसक मैचों का आनन्द ले रहे हैं। इस सीजन में प्रत्येक टीम ने कुछ नए चेहरों को शामिल किया और कई खिलाड़ियों को बदला है। 8 टीमों के कोच और मालिकों ने एक शानदार टीम बनाने की कोशिश की जो उन्हें आईपीएल का खिताब जीता सके। एक अच्छी टीम बनाने के लिए टीम प्रबंधन ने कुछ खिलाड़ियों पर भारी राशि खर्च की जिस पर ये खिलाडी खरे नहीं उतर पाए। प्रत्येक टीम के पास कई ऐसे खिलाड़ी होते हैं जिन पर पूरी टीम का दारोमदार होता है, लेकिन वे बुरी तरह फ्लॉप रहे हैं। आइए जानते हैं 8 टीमों में सबसे बड़े फ्लॉप खिलाड़ी कौन हैं:

राजस्थान रॉयल्स- बेन स्टोक्स

बेन स्टोक्स आईपीएल के पिछले संस्करण में राइजिंग पुणे सुपरजाइंट को फाइनल तक पहुंचाने में कामयाब रहे थे। उन्हें आईपीएल 2017 में सबसे ज़्यादा कीमत पर खरीदा गया था और वे अपने प्रदर्शन से अपने मूल्य टैग का औचित्य साबित करने में कामयाब रहे थे। हालांकि आईपीएल 2018 में वे अपनी टीम राजस्थान रॉयल्स के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं। स्टोक्स ने 6 मैचों में सिर्फ 147 रन बनाए हैं और केवल एक विकेट लेकर 11 की इकोनॉमी रेट से रन लुटाये हैं।

दिल्ली डेयरडेविल्स- क्रिस मॉरिस

क्रिस मॉरिस ने क्रिकट के छोटे प्रारूप में अब तक बढ़िया प्रदर्शन किया है और उनकी गिनती दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में की जाती है। उन्होंने पिछले साल आईपीएल में दिल्ली के लिए शानदार प्रदर्शन किया था और वे दक्षिण अफ़्रीकी टीम के नियमित सदस्य भी थे। मॉरिस अपनी बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों से ही अकेले दम पर अपनी टीम को जीत दिलाने की क्षमता रखते हैं। वह बल्ले के साथ एक बेहतरीन फिनिशर हैं और अंतिम ओवरों में उनकी गेंदबाज़ी काफी प्रभावशाली होती है। आईपीएल के पिछले संस्करण में उन्हें दिल्ली द्वारा उच्च कीमत पर खरीदा गया जिसको उन्होंने अपने प्रदर्शन से उचित साबित कर दिखाया। हालांकि इस साल वे उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सके। उन्होंने 4 मैचों में केवल 46 रन बनाए हैं और 48 की औसत से केवल 3 विकेट लेकर 10 की इकॉनमी रेट से रन दिए हैं। अब वह चोट की वजह से टीम का हिस्सा भी नहीं हैं और उनकी जगह जूनियर डाला को दिल्ली ने अपने साथ शामिल किया है।

किंग्स-XI पंजाब- आरोन फ़िंच

आरोन फिंच वर्तमान में टी -20 क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाजों में से एक हैं और किसी भी बल्लेबाजी क्रम में वे एक अच्छे खिलाड़ी साबित हुए हैं। उन्होंने पिछले साल गुजरात लॉयंस के लिए मध्य क्रम में शानदार प्रदर्शन किया था और इस साल भी उनसे बढ़िया प्रदर्शन की उम्मीद थी। वे ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज़ हैं लेकिन आईपीएल में खेलते हुए क्रिस गेल, के एल राहुल और मयंक अग्रवाल के रहते उनका शीर्ष क्रम में बल्लेबाज़ी करना बेहद मुश्किल है। इस वर्ष आईपीएल में फिंच का प्रदर्शन दयनीय रहा है और उन्होंने 6 मैचों में केवल 24 रन बनाए हैं। वह इस संस्करण में मैच के कुछ महत्वपूर्ण अवसरों पर अच्छा प्रदर्शन करने में असफ़ल रहे हैं। निश्चित रूप से उन्होंने अपनी टीम किंग्स इलेवन पंजाब के मालिकों को निराश किया है।

सनराइज़र्स हैदराबाद- मनीष पांडे

मनीष पांडे वर्तमान में भारतीय क्रिकेट में सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में से एक हैं और वे खेल के छोटे प्रारूप में भारतीय टीम का हिस्सा भी रहे हैं। मध्य क्रम में उनकी मौजूदगी टीम को मजबूती देती है। उन्हें सनराइजर्स हैदराबाद ने बड़ी उम्मीदों के साथ खरीदा था क्योंकि वे अपनी पूरी टीम में एकमात्र मध्य क्रम के अनुभवी बल्लेबाज थे। लेकिन उनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। किंग्स-XI के खिलाफ उन्होंने तीन कैच ड्रॉप किये। उन्होंने अभी तक इस संस्करण में 7 मैचों में 113 की स्ट्राइक रेट से केवल 142 रन बनाए हैं। मनीष महत्वपूर्ण मौकों पर अपनी को जीत दिलाने में असफल रहे हैं।

कोलकाता नाईट राइडर्स- मिचेल जॉनसन

मिचेल जॉनसन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे प्रभावशाली गेंदबाज़ों में से एक हैं। वे अपने दम पर टीम को जीतने का माद्दा रखते हैं। हालांकि जॉनसन आईपीएल में अपने सर्वश्रेष प्रदर्शन को दोहराने में असफल रहे हैं। कभी 140 -150 किमी / घंटा की रफ्तार से गेंदबाजी करने वाले जॉनसन अब सिर्फ 130 किमी / घंटा की रफ्तार से गेंदबाज़ी करते हैं। जॉनसन ने 3 मैचों में 51 की औसत से केवल दो विकेट लिए हैं। उनका अब तक का प्रदर्शन कोलकाता नाईट राइडर्स को जीत दिलाने में असफल रहा है।

सरफ़राज़ ख़ान - रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर

सरफराज खान को इस साल की नीलामी से पहले आरसीबी ने रिटेन किया था। उन्हें केएल राहुल, क्रिस गेल, युजवेंद्र चहल और शेन वॉटसन से ज़्यादा तरजीह दी गई थी। सरफराज़ ने आईपीएल 2016 में बैंगलोर की तरफ से शानदार प्रदर्शन किया था और अपनी टीम के लिए अच्छे फ़िनिशर साबित हुए थे। उन्हें भारतीय टीम में शामिल होने की भी उम्मीद थी। लेकिन इस वर्ष सरफराज़ उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सके। उन्होंने इस संस्करण में तीन मैचों में केवल 11 रन बनाए हैं।

मुंबई इंडियंस - काइरोन पोलार्ड

2010 में मुंबई इंडियंस के लिए काइरोन पोलार्ड ने अपना पहला सीजन खेला था और उन्हें मुंबई इंडियंस ने प्रभावशाली प्रदर्शन के लिए टीम में बनाए रखा। पोलार्ड ने मुंबई इंडियंस के लिए बल्ले और गेंद दोनों से बढ़िया प्रदर्शन किया। उन्होंने किफायती गेंदबाज़ी की और बल्ले के साथ फिनिशर की भूमिका भी निभाई। इस साल हालांकि उन्हें गेंदबाज के रूप में इस्तेमाल नहीं किया गया है। आईपीएल के इस संस्करण में इस ऑलराउंडर ने 7 मैचों में 16 से भी कम की औसत से और 110 की स्ट्राइक रेट से सिर्फ 76 रन बनाए हैं। वे कई अहम मौकों पर टीम को जीत दिलाने में असफल रहे।

चेन्नई सुपर किंग्स- रविंद्र जडेजा

रविंद्र जडेजा ने 2012 में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए अपना पहला सीज़न खेला और वे तब से टीम के साथ रहे हैं। अश्विन, मैकुलम और डू प्लेसी जैसे दिग्गज खिलाड़िओं की मौजूदगी में भी उन्हें टीम में बनाए रखा गया। जडेजा ख़राब फार्म से जूझ रहे हैं और इस साल निश्चित रूप से उनका प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। जडेजा मुख्य रूप से गेंदबाज हैं लेकिन चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम में कई स्पिनर्स होने के कारण अभी तक उन्हें ज़्यादा गेंदबाज़ी करने का मौका नहीं मिला है। जडेजा को कई मौकों पर बल्लेबाज़ी के लिए ब्रावो से पहले भेज दिया गया लेकिन वे अभी तक कुछ ख़ास नहीं कर पाए हैं। उन्होंने 6 मैचों में केवल 47 रन बनाए हैं और सिर्फ 10 ओवरों की गेंदबाज़ी की और एकमात्र विकेट अपने नाम किया। लेखक: वरुण देवानाथन अनुवादक: आशीष कुमार