इंडियन प्रीमियर लीग सीजन 11 अपने आखिरी दौर में है। ऐसे में तीन टीमें प्लेऑफ में पहुंच चुकी है तो कुछ टीमें अभी भी प्लेऑफ में जाने के लिए संघर्ष कर रही है। इन टीमों में किंग्स-XI पंजाब की भी एक टीम है जो प्लेऑफ में जाने के लिए संघर्ष कर रही है और उम्मीद को बरकरार रखे हुए है। अब किंग्स-XI पंजाब को अपना आखिरी मैच चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ पुणे के मैदान पर खेलना है, जहां इस सीजन के प्ले-ऑफ के लिए पंजाब की किस्मत का फैसला होगा। इस सीजन पंजाब की टीम की कमान आर अश्विन के हाथों में है। आर अश्विन की अगुआई वाली टीम ने अपने पिछले 6 मैचों में 5 मुकाबले गंवाए हैं। वहीं रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के हाथों मिली हार के कारण किंग्स-XI पंजाब की टीम काफी पिछड़ गई है। इस मुकाबले में किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ आरसीबी ने 8.1 ओवरों में 88 रन बनाकर सबसे कम लक्ष्य का आसानी से पीछा कर लिया। इसके चलते किंग्स इलेवन पंजाब की नेट रन रेट भी काफी प्रभावित हुई। इंडियन प्रीमियर लीग 2018 में अच्छी शुरुआत करने के बावजूद किंग्स इलेवन पंजाब को अब आखिर में प्ले-ऑफ में जगह बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। इसके पीछे अलग-अलग वजह भी रही। आइए जानते हैं टूर्नामेंट के दूसरे हाफ में किंग्स-XI पंजाब के लिए क्या चीजें गलत रहीं।
#1 आर अश्विन की रणनीतियां
रविचंद्रन अश्विन को इस सीजन किंग्स इलेवन पंजाब ने अपने साथ शामिल किया और साथ ही आर अश्विन को किंग्स इलेवन पंजाब की टीम का कप्तान भी नियुक्त किया गया। 31 वर्षीय अश्विन ने अपने राज्य का कप्तान के तौर पर प्रतिनिधित्व किया है। ऐसे में पंजाब की टीम की कप्तानी निभाने के चलते उनसे बहुत सी उम्मीदें लगा ली गई थी। अश्विन की कप्तानी में किंग्स इलेवन पंजाब की टीम के लिए पहला हाफ काफी सफल रहा। कई लोगों ने अश्विन को कप्तान बनाए जाने की निर्णय की सराहना भी की। वहीं क्रिस गेल को अपनी पूर्व टीम चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ इस्तेमाल करना भी मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ। हालांकि, आर अश्विन ने टूर्नामेंट के बाद के चरण में अपनी पुरानी फॉर्म खो दी। टूर्नामेंट के दूसरे हाफ में मैच दर मैच उनकी टीम को हार का सामना करना पड़ा। इस दौरान आर अश्विन की काफी रणनीतियां नाकाम साबित हुईं। केएल राहुल और क्रिस गेल जैसे बल्लेबाजों के कारण ऐरोन फिंच को निचले क्रम में भेज दिया जाना टीम के लिए मुश्किलों भरा रहा। इसके अलावा सालों से पंजाब के लिए मध्य क्रम में बेहतरीन खिलाड़ी रहे डेविड मिलर को इस सीजन में ज्यादा मौके नहीं दिए गए। मनोज तिवारी और युवराज सिंह के बीच अश्विन सामंजस्य बैठाने में भी नाकाम रहे। वहीं अश्विन ने आईपीएल के 40वें मैच में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ खुद को तीसर नंबर पर बल्लेबाजी के लिए प्रोमोट करते हुए सबको चौंका दिया। नतीजा ये हुए कि पंजाब को मैच में 15 रनों से हार का सामना करना पड़ा। इन हार की वजह से ही अब किंग्स इलेवन पंजाब की टीम का प्ले-ऑफ में पहुंचना भी मुश्किल हो गया।
#2 मध्य क्रम से योगदान की कमी
आईपीएल के इस सीजन में किंग्स-XI पंजाब में अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू प्रतिभा की भरमार थी। पंजाब के लिए केएल राहुल और क्रिस गेल टॉप ऑर्डर में टीम को मजबूत शुरुआत प्रदान कर रहे थे। हालांकि मध्य क्रम पंजाब को कुछ ज्यादा सपोर्ट नहीं दे पाया। इससे भी किंग्स इलेवन पंजाब की टीम को करारा झटका लगा। सफल रणजी ट्रॉफी सीजन खेलकर आने के बाद मयंक अग्रवाल से टीम को काफी उम्मीदें थी। मयंक ने रणजी में शानदार बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया था लेकिन वो आईपीएल में नाकाम साबित हुए। इसके अलावा करुण नायर का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा। वहीं अनुभवी खिलाड़ियों में से युवराज सिंह और मनोज तिवारी बार-बार विफल हो रहे हैं। इसका खामियाजा भी टीम को हार के रूप में चुकाना पड़ा।
#3 खेल से एक सप्ताह दूर
किंग्स-XI पंजाब की इस आईपीएल में शुरुआत काफी धमाकेदार रही थी। इस सीजन शुरुआती 6 मुकाबलों में से टीम ने 5 मैचों में जीत हासिल की थी। लेकिन खेल से एक सप्ताह की दूरी ने टीम की लय को बिगाड़ कर रख दिया। जिसके बाद जीत की पटरी पर वापस लौट आना टीम के लिए आसान नहीं रहा। वहीं दूसरी टीमों की तुलना में अन्य टीमों को इतना लंबा खेल से दूर नहीं रखा गया। जिसके कारण टॉप टीमों ने अपनी जीत के क्रम को बरकरार रखा।
#4 भारतीय स्पिनर की ख़राब फॉर्म
भारतीय टीम के स्पिन गेंदबाज और किंग्स-XI पंजाब की टीम के कप्तान आर अश्विन काफी समय से अपनी फॉर्म को लेकर संघर्ष करते हुए दिखाई दे रहे हैं। चोट के कारण 31 वर्षीय अश्विन पिछले आईपीएल सीजन से बाहर रहे थे और फिर वापसी के बाद टी20 में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। अश्विन ने खेल के इस प्रारूप में सफल होने के लिए गेंदबाजी की कई तकनीकें अपनाई लेकिन किसी में भी उनको सफलता हासिल नहीं हुई। वहीं चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलने वाला अश्विन बल्लेबाजों के लिए ज्यादा घातक साबित होता था। पिछले कुछ सालों से अश्विन एक रक्षात्मक गेंदबाज के तौर पर सामने आए हैं। जिससे टीम को ज्यादा लाभ नहीं मिल पा रहा है। लेखक: नवीन के अनुवादक: हिमांशु कोठारी