दिल्ली डेयरडेविल्स के पूर्व कप्तान गौतम गंभीर ने आईपीएल में टीमों की सफलता को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि जिस टीम के मालिक कम दखलंदाजी करते हैं वो टीम ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करती है। चेन्नई सुपर किंग्स इसलिए लगातार जीतती है क्योंकि उनके टीम मालिक क्रिकेट को लेकर ज्यादा हस्तक्षेप नहीं करते हैं। जबकि बाकी टीमों के साथ ऐसा नहीं है। अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स में लिखे अपने लेख में गौतम गंभीर ने कहा कि फ्रेंचाइजी क्रिकेट की दुनिया में बहुत कुछ चलता है। यह एक महंगा बिजनेस है, जहां फ्रेंचाइजी फीस, प्लेयर्स और सपोर्ट स्टाफ की सैलरी, ट्रैवल और ठहरने का किराया जैसे कई खर्च होते हैं। एक और चीज है जो किसी भी बैलंस शीट में नजर नहीं आती। वह है अंहकार, ज्यादातर फ्रेंचाइजी मालिक आईपीएल के बाहर अपने-अपने क्षेत्र के सफल लोग हैं। क्रिकेटर्स की ही तरह उन्हें भी हार से नफरत है। लेकिन जहां क्रिकेटर्स हार को खेल भावना के तहत लेते हैं, वहीं टीम मालिक इस मामले में निर्मम होते हैं, क्योंकि वे हर चीज को रिटर्न ऑन इनवेस्टमेंट के पैमाने से देखते हैं। उन्होंने आगे लिखा कि चेन्नई सुपर किंग्स की टीम इस मामले में सबसे अलग है, क्योंकि वहां के क्रिकेटिंग फैसलों में टीम मालिक दखलदांजी नहीं करते हैं। एम एस धोनी और कोच मिलकर फैसला लेते हैं। चेन्नई सुपर किंग्स अगर 7 बार आईपीएल के फाइनल तक पहुंची है तो उसका सबसे कारण है महेंद्र सिंह धोनी को छूट देना, ताकि वो अपने हिसाब से फैसले ले सकें। गौरतलब है गौतम गंभीर अपनी कप्तानी में कोलकाता नाइट राइडर्स को दो बार आईपीएल का खिताब दिला चुके हैं। इस सीजन वे अपनी पुरानी फ्रेंजाइजी दिल्ली डेयरडेविल्स में शामिल हुए और टीम के कप्तान भी बने, लेकिन टीम का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और उन्होंने कप्तानी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद वो एक मैच भी नहीं खेले, इसको लेकर उन्होंने कहा कि अगर उन्हें टीम में चुना जाता तो वे जरुर खेलते।