आईपीएल के 11वें सीजन का आधा सफर तय चुका है और इस बीच कुछ टीमों का प्रदर्शन शानदार रहा है, तो बहुत टीमें ऐसी भी रही है जिन्होंने अपने प्रदर्शन से सबको काफी चौंकाया है। अभी के लिए चेन्नई सुपरकिंग्स, सनराइजर्स हैदारबाद और किंग्स इलेवन पंजाब ऐसी टीमें रही है, जोकि प्ले ऑफ की दौड़ में सबसे आगे हैं, तो दिल्ली डेयरडेविल्स एक ऐसी टीम है जिसके लिए इस सीजन में अंतिम 4 में जगह बनाना मुश्किल नजर आ रहा है। पिछले कुछ दिनों में आईपीएल में बेहद ही कड़े फैसले देखने को मिले हैं। गौतम गंभीर ने दिल्ली डेयरडेविल्स की कप्तानी को छोड़ने के साथ ही खुद को अंतिम एकादश से भी बाहर बैठने का फैसला भी लिया। इसके अलावा किंग्स इलेवन पंजाब ने भी खराब फॉर्म में चल रहे युवराज सिंह को प्लेइंग इलेवन से बाहर का रास्ता दिखा दिया। भारतीय टीम से बाहर चल रहे युवराज सिंह के लिए एक बार फिर टीम में वापसी के लिए इस साल के आईपीएल को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा था, लेकिन जिस तरह का प्रदर्शन उनका रहा है उससे न सिर्फ भारतीय टीम में उनकी वापसी को करारा झटका लगा, बल्कि पंंजाब की टीम को भी अपने सबसे अनुभवी खिलाड़ी को बाहर बिठाने पर मजबूर होना पड़ा। युवराज सिंह ने इस सीजन में खेले 6 मैचों की 4 पारियों में सिर्फ 12.50 की औसत से 50 रन ही बनाए हैं और इस बीच उनका स्ट्राइक रेट 89.28 ही रहा। युवराज सिंह के बल्ले से सिर्फ न रन निकले और साथ ही में जिस तरह से वो आउट होते हुए दिखे उसे देखकर भी लगा कि वो इस स्तर पर खेलने के लायक हैं। युवी अपनी टीम को गेंदबाजी और फील्डिंग से भी मदद नहीं कर पा रहे हैं। आईपीएल के 11वें सीजन के शुरू होने से पहले हुए किंग्स इलेवन पंजाब के अभ्यास मैचों में उन्होंने शानदार अर्धशतक और शतक भी लगाया था। उसके बाद ऐसा लग रहा था कि यह सीजन उनका होने वाला है और आईपीएल के दम पर वो एक बार फिर भारतीय टीम में वापसी करने में कामयाब होंगे। हालांकि सीजन के शुरू होते ही उनके प्रदर्शऩ से युवी के फैंस और टीम मैनेजमैंट के हाथ निराशा ही लगी। युवराज भले ही कह रहे हैं कि वो अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर के ऊपर चर्चा 2019 के बाद करेंगे, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि युवी को अपने करियर के ऊपर जल्द ही फैसला लेने की जरूरत है। किंग्स इलेवन पंजाब टीम के मिडिल ऑर्डर की खराब को देखते हुए पंजाब की टीम को एक बार फिर युवराज सिंह के पास जाना होगा, लेकिन अगर उन्हें वापस खेलने का मौका मिलता है, तो उन्हें इस पूरे मौके का पूरा फायदा उठाना होगा। हालांकि उनकी फॉर्म को देखते हुए इस चीज उम्मीद करना बेईमानी ही होगा। ऐसा ही हाल कुछ दिल्ली डेयरडेविल्स के पूर्व कप्तान गौतम गंभीर का भी है। बल्ले के साथ शानदार शुरूआत करने वाले गंभीर भी टीम के खराब प्रदर्शन के बीच अपनी फॉर्म भी गंवा बैठे। इस सीजन में खेले 6 मैचों की 5 पारी में वो 17 की औसत से 85 रन बना पाए और इस बीच उनका स्ट्राइक रेट भी 96.95 ही रहा। हालांकि उन्होंने टीम के खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी उठाते हुए पहले कप्तानी छोड़ी और उसके बाद खुद को बाहर बिठाने का फैसला किया। युवराज सिंह की तरह गौतम भी काफी समय से भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं और अब दिल्ली की टीम से बाहर बैठने के बाद उनके पास भी कुछ ज्यादा विकल्प नजर नहीं आ रहा है। दो बार कोलकाता नाइटराइडर्स को आईपीएल जिता चुके गंभीर के लिए दिल्ली डेयरडेविल्स में वापसी यादगार नहीं रही है और शायद हो सकता है इस साल के आईपीएल में फैंस उन्हें आखिरी बार इस मंच पर खेलते हुए देख रहे हों। युवराज सिंह और गौतम गंभीर इन दोनों ही खिलाड़ियों ने भारतीय टीम को कई मैच अपने दम पर जिताए हैं, लेकिन शायद यह दोनों ही खिलाड़ी अपने करियर के उस मोड़ पर आ गए हैं, जहां इन दोनों को जल्द ही अपने करियर पर कोई फैसला लेना ही होगा।