IPL 2018: प्लेऑफ़ से बाहर होने वाली टीम के वो महंगे खिलाड़ी जिन्हें एक भी मैच खेलने का मौक़ा नहीं मिला

इस साल जैसे ही चेन्नई सुपरकिंग्स ने किंग्स XI पंजाब को आख़िरी लीग मैच में मात दी, वैसे ही ये तय हो गया कि कौन सी टीम प्लेऑफ़ में पहुंची है और कौन नहीं। धोनी की चेन्नई सुपरकिंग पहले ही फ़ाइनल में पहुंच चुकी है, जबकि राजस्थान टीम इलिमिनेटर राउंड में कोलकाता नाइटराइडर्स से हार कर बाहर हो गई है। अब क्वालिफ़ायर-2 के मैच से ये तय होगा कि फ़ाइनल में पहुंचने वाली दूसरी टीम कौन सी होगी, कोलकाता नाइटराइडर्स या सनराइज़र्स हैदराबाद। मुंबई इंडियंस और किंग्स XI पंजाब लीग स्टेज के आख़िरी दिन प्लेऑफ़ से बाहर हुई थी और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर और दिल्ली डेयरडेविल्स के कतार में आ गई थी। अगर मुड़कर देखा जाए तो ये पता चलेगा कि इन चार टीम्स ने कुछ ऐसी ग़लतियां की हैं जिसका ख़ामियाज़ा उन्हें भुगतना पड़ा। इन टीम्स की ग़लतियों में ये बात भी शामिल है कि उन्होंने कुछ अहम खिलाड़ियों को मौका नहीं दिया था। हम यहां प्लेऑफ़ से बाहर होने वाली हर टीम्स के एक महंगे खिलाड़ियों पर चर्चा करेंगे जिन्हें पूरे सीज़न में एक भी मैच खेलने का मौका नहीं दिया गया।

#4 गुरकीरत सिंह मान (दिल्ली डेयरडेविल्स)

गुरकीरत सिंह मान ने आईपीएल के 30 मैच खेले हैं, वो दिल्ली टीम के लिए ज़रूरी और अनुभवी खिलाड़ी साबित हो सकते थे। शायद टीम के कोच रिकी पॉन्टिंग ने इस खिलाड़ी पर ध्यान नहीं दिया जिसका ख़ामियाज़ा टीम को भुगतना पड़ा। इस ऑलराउंडर ने पूरे सीज़न बेंच पर बैठकर मैच देखने के सिवा कोई काम नहीं किया। इस साल की आईपीएल नीलामी में दिल्ली डेयरडेविल्स ने उन्हें 75 लाख रुपये में ख़रीदा था। मान को पिछले सीज़न में भी मैच खेलने का ज़्यादा मौका नहीं मिला था, हांलाकि साल 2016 में वो ज़्यादा मैच में नज़र आए थे। चूंकि दिल्ली डेयरेडविल्स का जहाज़ लीग सेशन के अंत से पहले ही डूब चुका था ऐसे में टीम मैनेजमेंट को गुरकीरत को आज़माना चाहिए था।

#3 बेन ड्वार्शुइस (किंग्स XI पंजाब)

23 साल के ऑस्ट्रेलियाई तेज़ गेंदबाज़ बेन ड्वार्शुइस का अब तक का टी-20 करियर शानदार रहा है, यही वजह थी कि साल 2018 की आईपीएल नीलामी के दौरान किंग्स XI पंजाब की टीम ने उन्हें 1.4 करोड़ की ऊंची क़ीमत में ख़रीदा था। वो पंजाब टीम के इकलौते ऐसे विदेशी खिलाड़ी थे जिन्हें मैदान में लाल जर्सी में उतरने का मौका नहीं मिला। ये खिलाड़ी न्यू साउथ वेल्स से ताल्लुक रखते हैं और अब तक के टी-20 करियर में उनकी गेंदबाज़ी का इकॉनमी रेट 8 से थोड़ा ज़्यादा है और उनका औसत 25 से कम है। हांलाकि इस टीम में एंड्रयू टाई ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया था जिसकी वजह से वो कप्तान रविचंद्रन अश्विन का भरोसा जीतते गए। फिर भी कप्तान को दो विदेशी पेसर को मौका देना चाहिए था, वो इसलिए क्योंकि टीम में कई विदेशी बल्लेबाज़ उम्मीद के मुताबिक खेल नहीं दिखा पा रहे थे।

#2 राहुल चहर (मुंबई इंडियंस)

18 साल के लेग स्पिनर राहुल चहर ने साल 2017 में राइज़िंग पुणे सुपरजाइंट टीम का हिस्सा थे। हांलाकि उन्हें टीम में कुछ ही मौके दिए गए थे, लेकिन वो इस मौके को भुनाने में कामयाब रहे। उन्होंने अपनी किफ़ायती गेंदबाज़ी से सभी का ध्यान अपनी तरफ़ खींचा था। राहुल ने घरेलू सर्किट में कुछ बेहतरीन प्रदर्शन किए थे जिसकी बदौलत उन्हें मुंबई टीम में शामिल किया गया। नीलामी के दौरान उन्हें 1.9 करोड़ रुपये में ख़रीदा गया। मयंक मार्कंडेय की मौजूदगी में राहुल को किनारे कर दिया गया। वो एक ही मैच में मैदान में नज़र आए थे, लेकिन वैकल्पिक फ़ील्डर के तौर पर। इसके उलट उनके बड़े भाई दीपक चहर ने अपने शानदार खेल की बदौलत चेन्नई सुपर किंग्स में ख़ुद को स्थापित कर लिया है।

#1 नवदीप सैनी (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर)

हरियाणा में जन्में 25 साल के तेज़ गेंदबाज़ नवदीप सैनी का घरेलू करियर शानदार रहा है। ऐसे में ये बात पहले से ही तय थी कि नीलामी के टेबल पर उन पर करोड़ों का दांव खेला जाएगा। हुआ भी वही, आरसीबी टीम ने उन्हें 3 करोड़ की ऊंची क़ीमत पर ख़रीदा था। विराट कोहली की टीम में शामिल होने के बाद उन्हें आईपीएल में डेब्यू करने का मौका नहीं मिल पाया। इस आईपीएल सीज़न के शुरुआती मैच में कोहली ने सैनी के दिल्ली के साथी खिलाड़ी कुलवंत खेजरोलिया को उनके ऊपर तरजीह दी थी, इसके बाद मोहम्मद सिराज को भी मौका दिया गया था। सिराज को इस साल 11 आईपीएल मैच खेलने का मौका मिला, उनकी इकॉनमी रेट 9 के आसपास रही। वहीं अब तक के टी-20 करियर में सैनी की इकॉनमी रेट 6 के आसपास है। लेखक- शुवादित्य बोस अनुवादक- शारिक़ुल होदा