मोहाली के पीसीए स्टेडियम में आज जब चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ किंग्स इलेवन पंजाब मैदान में उतरेगी तो उसकी नजर एक बार फिर जीत की राह पर लौटने पर होगी। दो दिन पहले पंजाब को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ 4 विकेट से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी और अब पंजाब एक बार फिर अपने घरेलू मैदान में उस टीम का सामना करेगी, जो अबतक टूर्नामेंट में एक भी मैच नहीं हारी है। हालांकि इस मैच में एक ऐसा खिलाड़ी भी होने वाला है, जिसके ऊपर अपने घर में खेलने के बाद भी सबसे बड़ा दबाव होगा। जी हां हम बात कर रहे हैं 2011 विश्व कप के मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे युवराज सिंह की। युवराज सिंह एक ऐसा नाम जो किसी भी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उनके करियर में शायद ही ऐसी कोई चीज रही होगी, जो उन्होंने हासिल नहीं की हो, लेकिन यह उनका खेल से प्यार ही है कि वो इतना कुछ होने के बाद भी टीम इंडिया में वापसी की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। पिछले साल उन्हें यो-यो टेस्ट में फेल होने के बाद टीम से बाहर कर दिया था, लेकिन उन्होंने दिसंबर में उस टेस्ट को भी पास कर लिया था। यहां पर युवराज सिंह को एक चीज समझनी होगी कि अब वो पहले जैसे खिलाड़ी नही रहे हैं और उम्र के साथ अब उनकी वो फिटनेस भी नहीं रही है, जिसके लिए उन्हें जाना जाता था। युवराज सिंह मेहनत से पीछे नहीं हट रहे हैं, लेकिन शायद अब उनके लिए काम इतना कठिन हो गया है कि जो वो टीम में वापसी का सपना देख रहे हैं, वो इस समय कुछ ही ज्यादा ही दिख रहा है। युवराज इस समय अपने करियर के उस मोड़ पर हैं, जहां उन्हें किसी को भी कुछ साबित करने की जरूरत नहीं है। उन्हें अब बस अपने खेल का लुत्फ उठाना चाहिए, जोकि शायद अभी वो टीम में वापसी के दबाव के कारण नहीं उठा पा रहे हैं। जनवरी में हुई आईपीएल की नीलामी में जब किंग्स इलेवन पंजाब ने उन्हें 2 करोड़ में खरीदा था, तो सबको उम्मीद थी कि युवी अपनी पुरानी टीम में वापसी करने के बाद वो ही जलवा दिखा सकते हैं, जिसके लिए वो जाने जाते हैं। आईपीएल के शुरू होने से पहले हुए दो अभ्यास मैचों में युवराज ने एक अर्धशतकीय पारी खेली और एक मैच में उन्होंने ताबड़तोड़ शतक भी लगाया था, जिसके बाद हर किसी को उम्मीद थी कि यह सीजन युवी के नाम ही होने वाला है। हालांकि आईपीएल 2018 के पहले दो मैचों में जिस तरह युवराज खेलते हुए नजर आ रहे हैं, ऐसा लग ही नहीं रहा कि वो रन बना भी पाएंगे। वो पूरी तरह से संघर्ष करते हुए नजर आ रहे हैं। दिल्ली डेयरडेविल्स (22 गेंदों में 12 रन) और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ (4 गेंद में 4 रन) उनकी पारियों से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि उनका टूर्नामेंट कैसा जा रहा है। हालांकि अभी सिर्फ दो ही मैच हुए हैं और युवराज सिंह जैसे अनुभवी खिलाड़ी को पता है कि ऐसी स्थिति से किस तरह बाहर निकलना है और जिस दिन उनका बल्ला चलेगा, निश्चित ही हर कोई उनका कायल हो जाएगा। अभी के लिए युवराज के साथ यह लग रहा है कि वो मौजूदा समय में रहने की जगह अगले साल होने वाले विश्वकप के बारे में सोच रहे हैं और उसी का अतिरिक्त दबाव उनकी बल्लेबाजी में देखने को मिल रहा है। चेन्नई के खिलाफ होने वाले मैच में युवी को विश्वकप और बाकी सभी बातों को दिमाग से निकालकर मैदान में पुराने युवराज की झलक दिखानी होगी। कहीं न कहीं सीएसके के खिलाफ होने वाला मैच युवराज सिंह के लिए करो या मरो का होने वाला है, क्योंकि अगर वो इसमें भी विफल रहते हैं, तो किंग्स इलेवन पंजाब टीम के कप्तान आर अश्विन को बड़ा फैसला लेते हुए युवराज सिंह को टीम से बाहर करते हुए दूसरे खिलाडि़यों को टीम में शामिल करना पड़ें।