चेन्नई सुपर किंग्स ने साल 2018 में आईपीएल का ख़िताब अपने नाम किया था, ये इस टीम के चाहने वालों के लिए एक यादगार सीज़न था। जब 2019 के लिए नीलामी की जा रही थी, तब लोगों ने कई आशंकाएं ज़ाहिर कीं थीं, लेकिन चेन्नई ने इस बात पर चुप्पी साध ली। इस साल उन्होंने महज़ 2 नए खिलाड़ियों का चयन किया है और 3 पुराने सदस्यों को रिलीज़ कर दिया है।
ऐसा लगता है कि चेन्नई सुपरकिंग अपनी पुरानी टीम के साथ ही जाना चाहती है, लेकिन इस साल उनका ये प्लान उन्हें मुश्किल में डाल सकता है। इसकी वजह ये है कि चेन्नई के सामने कई बेहतर टीम होंगी। हम यहां उन 3 वजहों पर चर्चा कर रहे हैं जिनके आधार पर ये कहा जा सकता है कि इस साल चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए आईपीएल टाइटल जीतना मुश्किल है।
#3 खिलाड़ियों की बढ़ती उम्र
किसी भी खिलाड़ी के लिए वक़्त उसका सबसे बड़ा दुश्मन होता है, चेन्नई सुपरकिंग्स ने ऐसी टीम चुनी है जिसमें उम्रदराज़ खिलाड़ियों की तादात काफ़ी ज़्यादा है। इस बात में कोई शक नहीं है कि तजुर्बे का फ़ायदा टीम को ज़रूर मिलता है, जैसा कि पिछले सीज़न में हुआ था। लेकिन इस साल भी धोनी की टीम उस कामयाबी को दोहरा पाएगी, ये कहना मुश्किल है। टीम में हरभजन सिंह और मुरली विजय जैसे खिलाड़ियों को रिटेन करने की मज़बूत वजह नज़र नहीं आती।
भज्जी अब ज़्यादा विकेट नहीं निकाल पाते है। मुरली विजय को पिछले सीज़न में कुछ ही मौके दिए गए थे और जैसा कि उनका मौजूदा फ़ॉम दिख रहा है, ऐसे में कहना मुश्किल है कि वो इस साल टी-20 क्रिकेट में कुछ ख़ास कर पाएंगे। इसके अलावा इमरान ताहिर और ड्वेन ब्रावो, जो उनके डेथ बॉलर में गिने जाते हैं उनसे भी उम्मीदें काफ़ी कम हैं। हांलाकि चेन्नई टीम में युवा खिलाड़ियों की जगह अनुभवी क्रिकेटर को ज़्यादा तरजीह दी जाती है, लेकिन इसके ख़तरे को नज़रअंदाज़ करना बड़ी ग़लती साबित हो सकती है।
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