दिल्ली के फिरोज शाह कोटला स्टेडियम में मंगलवार को आईपीएल में मेजबान दिल्ली कैपिटल्स को चेन्नई सुपरकिंग्स के हाथों पराजय का मुंह देखना पड़ा। पहले बल्लेबाजी करते हुए दिल्ली की टीम ने 20 ओवर में 6 विकेट पर 147 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करते हुए चेन्नई की टीम ने अंतिम ओवर तक 4 विकेट पर 150 रन बनाकर मैच जीत लिया। शेन वॉटसन ने चेन्नई के लिए सबसे अधिक 44 रन बनाए और मैन ऑफ़ द मैच चुने गए। मेजबान टीम की हार के कारणों पर समीक्षा करते हुए तीन कारणों पर यहां चर्चा की गई है।
रन गति बरकरार रखने में नाकामयाब
दिल्ली कैपिटल्स की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए शुरूआती 4 से 5 ओवर में 9 की औसत से रन बनाए लेकिन पहला विकेट गिरने के बाद स्थिति अलग हो गई। वे इस गति को बरकरार रख पाने में असमर्थ रहे और पूरे बीस ओवर के बाद इस बड़ी वजह से स्कोर 150 से पहले ही रुक गया। कम स्कोर की वजह से चेन्नई के लिए मुकाबला आसान हो गया।
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मध्यक्रम का फ्लॉप प्रदर्शन
ऋषभ पन्त जब तक आक्रामक बल्लेबाजी कर रहे थे तब दिल्ली के लिए सब कुछ सही जा रहा था। उनके आउट होने के बाद कॉलिन इनग्राम और कीमो पॉल भी चलते बने। यहां से निचले क्रम के बल्लेबाजों पर भी दबाव आ गया और ओवर भी बहुत कम बचे थे। इन विकेटों का रन गति पर भी विपरीत असर पड़ा और दिल्ली कैपिटल्स के कुल स्कोर में कमी रह गई जो अंत में उनकी हार का कारण बनी।
गेंदबाजों का खराब प्रदर्शन
एक समय चेन्नई सुपरकिंग्स का विकेट 21 रन पर चटकाने के बाद दिल्ली के गेंदबाज नई गेंद से शेन वॉट्सन और सुरेश रैना को नहीं रोक पाए। इन दोनों ने दूसरे विकेट के लिए अर्धशतकीय साझेदारी निभाई। कम स्कोर मैच में इस तरह की भागीदारी नुकसानदायक होती है। वहां जल्दी से जल्दी विकेट चटकाने की जरूरत होती है। दिल्ली की टीम यह करने में नाकाम रही और मैच हारने का यह भी एक बड़ा कारण बना।