इंडियन प्रीमियर लीग के 12वें संस्करण को शुरू होने में अब सिर्फ दो महीनों का समय बचा है और हर भारतीय प्रशंसक इसकी बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है। आईपीएल ने जहां पांड्या बंधुओं, जसप्रीत बुमराह, कुलदीप यादव और अंबाती रायडू जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने का मंच प्रदान किया है।
आईपीएल में हमने महेंद्र सिंह धोनी, सौरव गांगुली, महेला जयवर्द्धने, डेनियल विटोरी, ब्रेंडन मैकलम, केन विलियमसन और रिकी पोंटिंग जैसे कई महान कप्तानों को खेलते देखा है।
हालाँकि, उनमें से कुछ ने तो क्रिकेट को अलविदा कह दिया है लेकिन कुछ अभी भी आईपीएल में अपनी टीमों का नेतृत्व कर रहे हैं। जेम्स होप्स, जीन-पॉल ड्यूमिनी, शिखर धवन, ग्लेन मैक्सवेल और केविन पीटरसन जैसे खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्होंने कभी भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी राष्ट्रीय टीम का नेतृत्व नहीं किया लेकिन आईपीएल में कप्तानी की है।
तो आइये एक नज़र डालते हैं उन पांच खिलाड़ियों पर जिन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग में कभी अपनी टीम की कप्तानी भी की है:
#5. पार्थिव पटेल
33 वर्षीय पार्थिव पटेल भारतीय क्रिकेट में सबसे अंडररेटेड खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। पार्थिव ने अब तक सभी आईपीएल संस्करणों में विभिन्न फ्रेंचाइज़ियों की तरफ से कुल 125 मैच खेले हैं। वह उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग में कुल सात टीमों का प्रतिनिधित्व किया है।
आईपीएल के चौथे सीज़न के दौरान पार्थिव पटेल को पहली बार अपनी टीम की कप्तानी करने का मौका मिला। उन्होंने नियमित कप्तान महेला जयवर्द्धने के सीज़न के बीच से ही श्रीलंका वापिस लौटने के बाद चेपक स्टेडियम में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ कोच्चि टस्कर्स केरल का नेतृत्व किया था।
सबसे खास बात यह थी कि टीम में ब्रेंडन मैकलम और ब्रैड हॉज जैसे दिग्गज खिलाड़ियों की मौजूदगी के बावजूद पार्थिव को टीम का कप्तान बनाया गया था।
इस मैच में 153 रनों लक्ष्य का पीछा करते हुए, कोच्चि टस्कर्स सिर्फ 11 रनों से यह मैच हार गए थे। कप्तान पार्थिव पटेल केवल छह रन बनाने में सफल रहे। यह एकमात्र अवसर था जब पार्थिव ने इंडियन प्रीमियर लीग में एक टीम का नेतृत्व किया था।
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#4. ड्वेन ब्रावो
वेस्टइंडीज के हरफनमौला खिलाड़ी ड्वेन ब्रावो लगभग एक दशक से आईपीएल के नियमित खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने अपने आईपीएल करियर में अब तक खेले कुल 122 मैचों में 8.40 के इकॉनोमी रेट से 136 विकेट लिए हैं। इसके अलावा बल्ले से भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए लगभग 130 की स्ट्राइक रेट से 1379 रन बनाए हैं, जिसमें पांच अर्द्धशतक शामिल हैं।
ब्रावो ने अपने आईपीएल करियर की शुरुआत 2008 में मुंबई इंडियंस की ओर से की थी और 2011 में उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स ने खरीदा था।
ब्रावो ने चेन्नई के की तरफ से खेलते हुए उन्हें दो आईपीएल खिताब जीताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सीज़न 2016 में वह गुजरात लायंस टीम में चले गए लेकिन 2018 में फिर से सीएसके में लौट आए।
लेकिन उन्हें मुंबई इंडियंस की तरफ से खेलते हुए एक बार नेतृत्व करने का मौका मिल चुका है। आईपीएल सीज़न 2010 में उन्होंने एकमात्र मैच में इंडियंस का नेतृत्व किया था, हालाँकि, इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
#3 मुरली विजय
मुरली विजय का आईपीएल करियर शानदार रहा है। उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स के लिए अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है, इसके बाद उन्होंने अन्य फ्रेंचाइज़ियों के लिए भी खेला है। विजय ने इंडियन प्रीमियर लीग में अब तक 101 मैच खेले हैं और 26.28 की औसत से 2500 से अधिक रन बनाए हैं।
तमिलनाडु के स्टार बल्लेबाज़ को किंग्स इलेवन पंजाब ने आईपीएल नीलामी 2016 में अपनी टीम में शामिल किया था। लेकिन डेविड मिलर की कप्तानी में अच्छे नतीजे ना मिलने के बाद चालू सत्र में उनकी जगह विजय को कप्तानी की ज़िम्मेवारी सौंपी। हालांकि, विजय भी कप्तान के तौर पर अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे।
किंग्स इलेवन को उनकी कप्तानी में खेले आठ मैचों में से केवल तीन मैचों में ही जीत हासिल हुई जबकि शेष मैचों में उन्हें हार का मुँह देखना पड़ा।
इसके साथ ही वे प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई करने में भी असफल रहे और 14 मैचों में सिर्फ चार जीत के साथ अंतिम पायदान पर रहे। यह एकमात्र सीजन था जब विजय ने इंडियन प्रीमियर लीग में एक टीम का नेतृत्व किया था।
#2. रॉस टेलर
अब तक के सर्वश्रेष्ठ कीवी बल्लेबाज़ों में से एक, रॉस टेलर का आईपीएल करियर कुछ खास नहीं रहा है। उन्होंने 55 आईपीएल मैचों में, 25 की औसत से 1017 रन बनाए हैं। वह आईपीएल सीज़न 2008 से 2010 तक रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का हिस्सा थे और 2011 में राजस्थान रॉयल्स में चले गए।
इसके बाद वह दिल्ली डेयरडेविल्स और फिर पुणे वॉरियर्स इंडिया के लिए भी खेले। रॉस टेलर ने अपना आखिरी आईपीएल 2014 में खेला था। इसके बाद के सत्रों में वह या तो अनसोल्ड रहे या आईपीएल नीलामी में उपलब्ध नहीं थे। अपनी आक्रमक बल्लेबाज़ी से न्यूज़ीलैंड को कई मैच जिताने वाले टेलर कप्तान के रूप में कभी भी कामयाब नहीं रहे।
34 वर्षीय इस खिलाड़ी को आईपीएल सीज़न 2013 के दौरान पुणे वारियर्स इंडिया की तरफ से एकमात्र मैच में कप्तानी करने का मौका मिला।
हालांकि टेलर ने इस मैच में केवल आठ रन बनाए लेकिन फिर भी पुणे वॉरियर्स ने एमएस धोनी के नेतृत्व वाली चेन्नई सुपर किंग्स को 24 रन से हराकर जीत दर्ज की था।
#1. डेविड मिलर
डेविड मिलर 2012 से इंडियन प्रीमियर लीग का हिस्सा रहे हैं। दक्षिण अफ़्रीकी बल्लेबाज़ ने किंग्स इलेवन पंजाब के लिए 69 मैच खेले हैं और 35.58 की बढ़िया औसत और 140 की स्ट्राइक रेट से कुल 1637 रन बनाए हैं। वह आईपीएल में उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्होंने सिर्फ एक ही फ्रेंचाइज़ी के लिए खेला है।
29 वर्षीय इस खिलाड़ी ने आईपीएल सीज़न 2016 में किंग्स इलेवन पंजाब का नेतृत्व किया था। उन्हें इस सीज़न की शुरुआत में कप्तान नियुक्त किया गया था, लेकिन बाद में खराब परिणामों और बल्ले के साथ मिलर के खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें टीम की कप्तानी से हटा दिया गया।
मिलर की कप्तानी में पंजाब ने छह में से पांच मैच गंवाए और उनकी जगह मुरली विजय को नया कप्तान बनाया गया।
यह किंग्स इलेवन के लिए एक बुरा सीज़न था और वे अंक तालिका में अंतिम स्थान पर रहे थे। यह एकमात्र सीजन था जब मिलर ने आईपीएल में अपनी टीम का नेतृत्व किया था।