पिछले साल चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए शानदार प्रदर्शन करने वाले शेन वॉटसन का इस सीजन अब तक अच्छा प्रदर्शन देखने को नहीं मिला है। इस सीजन उन्होंने सर्वाधिक 44 रन की पारी खेली है। यह पारी उन्होंने दिल्ली के खिलाफ खेली थी जिसमें उन्होंने 26 गेंदों पर 44 रन बनाए थे।
साल 2018 में शेन वॉटसन को चेन्नई सुपर किंग्स ने 4 करोड़ रुपये की बड़ी कीमत देकर खरीदा था। इसी हिसाब ने उन्होंने पिछले सीजन शानदार प्रदर्शन भी किया। उन्होंने 15 मैचों में 39.64 की औसत से 555 रन बनाए थे। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 154.59 था। उन्होंने पिछले सीजन 2 शतक भी लगाए थे जिसमें से एक शतक उन्होंने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फाइनल मैच में लगाया था। वे आईपीएल फाइनल में रन चेज करते समय शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी बने थे।
लेकिन शेन वॉटसन ने इस सीजन अपने खराब प्रदर्शन से टीम मैनेजमेंट और चेन्नई सुपर किंग्स के समर्थकों को बेहद निराश किया है। वॉटसन इस साल गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं लेकिन बल्लेबाजी में उन्होंने सभी 10 मैच खेलते हुए 14.70 की खराब औसत से मात्र 147 रन बनाए हैं। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 112.21 का रहा है।
शेन वॉटसन के फ्लॉप होने से चेन्नई सुपर किंग्स की ऊपरी क्रम बल्लेबाजी की स्थिति खराब हो गई है। मैच की सारी जिम्मेदारी मध्यक्रम या यूं कहें कि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के ऊपर आ जाती है। सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ दूसरे मैच में जब धोनी टीम से बाहर रहे तो चेन्नई की टीम 20 ओवरों में 132 रन ही बना सकी।
सोचने वाली बात यह है कि वॉटसन के लगातार फ्लॉप होने के बावजूद भी कप्तान एमएस धोनी ने उन्हें अब तक प्लेइंग इलेवन में मौका क्यों दे रहे हैं जबकि भारतीय बल्लेबाज मुरली विजय भी सलामी बल्लेबाज के रूप में मौजूद हैं जिन्हें वो आजमा सकते हैं और शेन वॉटसन की जगह पर किसी अन्य विदेशी खिलाड़ी को रख सकते हैं। इसके बाद टीम और भी मजबूत स्थिति में हो जाएगी और साथ ही ऊपरी क्रम बल्लेबाजी की स्थिति भी सुधरेगी।
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