मौजूदा आईपीएल चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाड़ियों के लिए खुशखबरी है। पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई वाली टीम के खिलाड़ियों को आईपीएल के 12वें सीजन में यो-यो टेस्ट से गुजरना अनिवार्य नहीं होगा। इसकी जानकारी ट्रेनर रामजी श्रीनिवासन ने दी है। टीम इंडिया के पूर्व ट्रेनर ने कहा कि भारत में भेड़-चाल की परंपरा बढ़ रही है। अगर कोई कुछ करके सफलता हासिल कर लेता है तो सब उसी की तरह करने की कोशिश करते हैं। उसेन बोल्ट फिट रहने के लिए दौड़ते हैं तो मेरा भी फिट रहने के लिए दौड़ना ही जरूरी नहीं है। हमें अब इस मानसिकता को खत्म करना होगा। मैंने खिलाड़ियों की फिटनेस को जांचने के लिए दो या 2.4 किमी. की दौड़ और स्प्रिंट रिपीट टेस्ट ही रखा है।
रामजी श्रीनिवासन आईपीएल में इस सीजन के पहले मैच तक के लिए चेन्नई की टीम से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि मैंने खिलाड़ियों की व्यक्तिगत जरूरतों को ध्यान में रखते हुए स्मार्ट टेस्ट और डिजाइन टेस्ट को प्राथमिकता दी है। भारतीय टीम यो-यो टेस्ट करती है तो यह जरूरी नहीं कि मुझे भी इसे अपनाना होगा। हर किसी की क्षमता अलग होती है। मैं जब भारतीय टीम से जुड़ा था, तब मैंने जो टेस्ट महेंद्र सिंह धोनी के लिए तैयार किया था, वो सचिन तेंदुलकर के लिए नहीं था।
रामजी ने अप्रत्यक्ष रूप से टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली की सोच पर भी प्रहार किए हैं। उन्होंने कहा कि विराट कोहली अगर डेडलिफ्ट करना चाहते हैं तो उसमें उनका शरीर साथ देता है। इसमें कोई शक नहीं है कि फिटनेस प्रणाली का पालन करने से कोहली को जो परिणाम मिले हैं, वो अद्भुत हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि उसी प्रणाली को किसी अन्य खिलाड़ी पर भी लागू किया जाए। हो सकता है कि वैसा परिणाम न निकलकर आए, जैसे की उम्मीद की जा रही हो। अगर कोहली यो-यो टेस्ट दे रहे हैं तो यह कतई जरूरी नहीं है कि धोनी को भी वैसा करना चाहिए। धोनी बाकी खिलाड़ियों से पूरी तरह अलग हैं। वह क्लीन एंड जर्क और पावर लिफ्टिंग नहीं करते हैं। वह स्मार्ट हैं। धोनी वो अभ्यास करते हैं, जो आसान होते हैं और उनकी स्किल्स बढ़ाने में मदद करते हैं। यो-यो टेस्ट फुटबॉल जैसे खेलों के लिए ज्यादा उपयुक्त है।
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