#) युवा खिलाड़ियों की कमी
चेन्नई सुपर किंग्स में ज्यादातर खिलाड़ी 33 साल से ऊपर के हैं और काफी खिलाड़ी अभी रिटायर हो चुके हैं और प्रोफेशनल क्रिकेट से दूर हैं। पिछले दो सीजन में टीम की यह सबसे बड़ी ताकत रही है, लेकिन इस साल जब ज्यादा क्रिकेट नहीं खेली गई है, तो साफ तौर पर सीएसके के प्लेयर्स में मैच प्रैक्टिस की कमी देखने को मिली है।
हालांकि टीम के पास अगर युवा खिलाड़ी होते हैं, तो शायद टीम बेहतर प्रदर्शन कर पाती। शेन वॉटसन, अंबाती रायडू, एमएस धोनी, केदार जाधव, पीयूष चावला यह ऐसे खिलाड़ी रहे जिन्हें प्लेइंग इलेवन में लगातार मौके मिले, लेकिन प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। इसके अलावा टीम ने जिन युवा प्लेयर्स को मौका दिया वो भी इसका फायदा उठाने में कामयाब नहीं हुए। इसी वजह से धोनी को वापस सीनियर प्लेयर्स के पास ही वापस जाना पड़ा। हालाँकि आखिरी तीन मैच में ऋतुराज गायकवाड़ ने लगातार तीन अर्धशतक लगाकर अगले सीजन के लिए अच्छे संकेत दिए हैं।