पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा (Aakash Chopra) ने आईपीएल (IPL) में एक बड़े बदलाव का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा है कि बीसीसीआई (BCCI) को अगले साल से एक टीम की प्लेइंग इलेवन में पांच विदेशी खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति देनी चाहिए। उनके मुताबिक ऐसा करने से टूर्नामेंट की क्वालिटी बनी रहेगी।
आकाश चोपड़ा के मुताबिक इस वक्त आईपीएल में केवल चार ही टीमों का बोलबाला रहता है। ये टीमें हमेशा टॉप पर रहती हैं जबकि बाकी टीमें संघर्ष करती हुई नजर आती हैं। ऐसे में जब अगले सीजन से दो और नई टीमें बढ़ जाएंगी तो फिर आईपीएल के स्टैंडर्ड पर काफी फर्क पड़ेगा।
एक टीम में पांच विदेशी प्लेयर होने से आईपीएल का स्टैंडर्ड बना रहेगा - आकाश चोपड़ा
अपने यू-ट्यूब चैनल पर शेयर किए गए वीडियो में आकाश चोपड़ा ने कहा "ये एक समस्या होने वाली है। क्योंकि जो टीमें कागजों पर मजबूत दिखती हैं जैसे चेन्नई, मुंबई, दिल्ली और अब आरसीबी ये सब हमेशा टॉप पर रहेंगी और बाकी टीमें स्ट्रगल करती हुई नजर आएंगी। अगर अभी चार विदेशी प्लेयर और सात भारतीय खिलाड़ियों को खिलाने से वो स्टैंडर्ड नहीं बन रहा है तो फिर 10 टीम होने के बाद क्या होगा।"
आकाश चोपड़ा ने आगे कहा "बीसीसीआई को इस पर विचार करना चाहिए और सभी टीमों को पांच विदेशी खिलाड़ी प्लेइंग इलेवन में खिलाने की अनुमति देनी चाहिए। इससे सबको अपनी - अपनी टीमों में 10-11 विदेशी खिलाड़ियों को रखना होगा। जो टीमें पांच विदेशी प्लेयर्स के साथ खेलना चाहती हैं वो खेल सकती हैं और जो नहीं खेलना चाहती हैं वो ना खेलें। इसमें कोई दिक्कत वाली बात नहीं है।"
आपको बता दें कि इस वक्त सभी टीमों को अपनी प्लेइंग इलेवन में केवल चार ही विदेशी खिलाड़ियों को खिलाने की इजाजत है। यही वजह है कि कई टीमों के अच्छे ओवरसीज प्लेयर्स बेंच पर ही बैठे रह जाते हैं।