आईपीएल 2022 (IPL 2022) में चार बार की विजेता चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) का सफर काफी निराशाजनक रहा। लीग चरण में टीम अपने महज चार मैच जीत पाई और आईपीएल इतिहास का अपना सबसे खराब प्रदर्शन किया। सीएसके के लिए उनकी बल्लेबाजी इस सीजन बड़ी समस्या रही। इसी वजह से पूर्व भारतीय हेड कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) चाहते हैं कि फ्रेंचाइजी अगले सीजन अपनी बल्लेबाजी को मजबूत करे।
उन्होंने कहा कि चेन्नई के लिए सुरेश रैना बल्ले के साथ एक जबरदस्त परफ़ॉर्मर रहे और उन्होंने टीम की कामयबी में अहम योगदान दिया। इसी वजह से शास्त्री ने फ्रेंचाइजी को रैना जैसे ही बल्लेबाज को खोजने की सलाह दी है।
सुरेश रैना ने कई सालों तक फ्रेंचाइजी के लिए नंबर 3 पर बल्लेबाजी की और उनके लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी रहे। भारत के पूर्व कोच ने कहा कि फ्रेंचाइजी को रैना जैसे बल्लेबाज की पहचान करने की कोशिश करनी चाहिए जो बाकी मध्य क्रम के लिए चीजों को आसान बना सके।
ईएसपीएन क्रिकइंफो पर उन्होंने कहा,
सीएसके कई सालों से अच्छा प्रदर्शन कर रही है, लेकिन हम अक्सर सुरेश रैना के योगदान को भूल जाते हैं। वह आईपीएल में एक साबित किये हुए खिलाड़ी थे। वह नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए लगातार रन बनाकर स्थिरता प्रदान करते थे। उन्होंने अन्य बल्लेबाजों के लिए चीजें आसान कीं। उन्हें ऐसा खिलाड़ी खोजने की जरूरत है। रायुडू और उथप्पा अभी भी खेलेंगे, लेकिन अगर उन्हें कुछ मदद मिलती है तो इससे काफी फर्क पड़ेगा।
रविंद्र जडेजा को कप्तानी नहीं दी जानी चाहिए थी - रवि शास्त्री
चेन्नई सुपर किंग्स ने सीजन की शुरुआत में बदलाव के दृष्टिकोण से कप्तानी को लेकर बड़ा फैसला लिया और यह जिम्मेदारी एमएस धोनी से लेकर रविंद्र जडेजा को सौंप दी। हालाँकि यह फैसला पूरी तरह से गलत साबित हुआ और टीम का प्रदर्शन काफी खराब भी रहा। इसी वजह से जडेजा ने आठ मैचों के बाद कप्तानी दोबारा धोनी को सौंप दी।
रवि शास्त्री के मुताबिक रविंद्र जडेजा को कप्तानी के रूप में अतिरिक्त दबाव नहीं दिया जाना चाहिए था और उन्हें पूरी आजादी के साथ खेलने देना चाहिए था। उन्होंने कहा,
रवींद्र जडेजा एक शीर्ष क्रिकेटर हैं। वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में से एक हैं। उन पर कप्तानी का अतिरिक्त दबाव नहीं डाला जाना चाहिए और उन्हें अपना खेल खुलकर खेलने दिया जाना चाहिए। वह एक मैच विनर हैं और उसने पिछले दो वर्षों में असाधारण रूप से अच्छा खेला है।
कप्तानी का असर जड्डू के व्यक्तिगत प्रदर्शन पर भी पड़ा। 10 मैचों में उनके बल्ले में महज 116 रन आये और गेंद के साथ महज पांच विकेट ही हासिल हुए।