आईपीएल एक विचित्र टूर्नामेंट है, यहां कई ऐसी चीज़ देखने को मिलती है जिसकी उम्मीद न के बराबर होती है। आईपीएल के नामी खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी, सुरेश रैना, रोहित शर्मा ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शनक किया है। कई खिलाड़ी ऐसे भी जिन्हें काफ़ी ऊंची क़ीमत में ख़रीदा गया लेकिन उन्होंने अपनी टीम के मालिक को निराश किया। इसके उलट कुछ ऐसे भी खिलाड़ी हैं जिन्हें काफ़ी कम क़ीमत पर ख़रीदा गया था लेकिन उन्होंने उम्मीद से कहीं आगे बढ़कर खेल दिखाया। इन खिलाड़ियों को पहले काफ़ी कम आंका जा रहा था लेकिन इन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी को चौंका दिया था। हम यहां ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं जिन्होंने अपनी कम क़ीमत को ग़लत साबित किया है।
#5 जयदेव उनादकट
जयदेव उनादकट तीसरे सीज़न से आईपीएल का हिस्सा हैं, लेकिन उनका असली हुनर 10वें सीज़न में देखने को मिला। साल 2014 में वो आरसीबी टीम का हिस्सा थे तब उनके खेल में थोड़ा सुधार देखने को मिला था, लेकिन अगले ही सीज़न में वो दिल्ली डेयरडेविल्स से जुड़े और अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। यही वजह रही कि साल 2017 की नीलामी के दौरान उनकी बेस प्राइस 30 लाख रुपये हो गई थी। पिछले साल वो राइज़िंग पुणे सुपरजायंट टीम का हिस्सा थे, उन्होंने 7.02 की औसत से 12 मैच में 24 विकेट हासिल किए थे। उन्होंने अपने प्रदर्शन से सबको चौंका दिया था। उनादकट का इसका फ़ायदा भी मिला और टीम इंडिया के लिए वो चुने गए।
#4 प्रवीण तांबे
प्रवीण तांबे की कहानी बेहद दिलचस्प है, उन्होंने साल 2013 में राजस्थान रॉयल्स की तरफ़ से पहला मैच खेला था। आईपीएल नीलामी में भी उनका नाम शामिल नहीं था। उन्हें सिर्फ़ एक फ़ोन कॉल पर बुलाया गया था। इस क्लब क्रिकेटर को अघोषित राशि पर टीम में शामिल किया गया था। चूंकि उन्होंने उस वक़्त तक एक भी प्रथम श्रेणी मैच नहीं खेला था इसलिए ये अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि उन्हें बेहद कम क़ीमत पर ख़रीदा गया होगा। हांलाकि तांबे ने अपने पहले आईपीएल सीज़न में महज़ 3 मैच में शिरकत की थी, लेकिन उन्होंने टीम के मालिकों का दिल जीत लिया था। उन्हें साल 2014 में चैंपियंस लीग टी-20 में भी खेलने का मौका मिला और उस सीज़न में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बने।
#3 आंद्रे रसेल
आंद्र रसेल की मांग आईपीएल में इतनी ज़्यादा है कि नीलामी के दौरान सभी टीम के मालिक उनको लेकर जद्दोजहद करते साफ़ देखे जा सकते हैं, और उन पर करोड़ों लुटाने के लिए तैयार रहते हैं। वो आईपीएल फ़ैस के चहेते खिलाड़ियों में से एक हैं, लेकिन बहुत कम ही लोग जानते हैं कि केकेआर टीम ने साल 2014 में उन्हें महज़ 60 लाख की क़ीमत पर ख़रीदा था। हांलाकि 2014 के आईपीएल सीज़न में वो सिर्फ़ 2 मैच ही खेल पाए थे लेकिन अगले कुछ सालों में उन्होंने लाजवाब खेल दिखाया था। उन्हें जो भी ज़िम्मेदारी दी जाती, वो उसे पूरी शिद्दत से निभाते थे। वो ओपनिंग बॉलिंग से लेकर डेथ ओवर में भी गेंदबाज़ी कर सकते हैं। वो ओपनिंग बल्लेबाज़ी से लेकर मिडिल ऑर्डर में भी बैटिंग कर सकते हैं। एक वक़्त उनका स्ट्राइक रेट 160 के पार पहुंच चुका था। वो गेंद और बल्ले दोनों से कमाल दिखाने में माहिर हैं यही वजह है कि केकेआर टीम ने उन्हें आईपीएल के 11वें सीज़न में रिटेन किया है।
#2 युज़वेंद्र चहल
युज़वेंद्र चहल को साल 2014 की आईपीएल नीलामी में आरसीबी टीम ने ख़रीदा था, उस साल उन्होंने 14 मैच में 7.01 की औसत से 12 विकेट हासिल किए थे। वो जब से इस टीम में आए हैं वो बैंगलौर के अहम खिलाड़ी बन चुके हैं। उनके बेहतरीन खेल की बदौलत उन्हे टीम इंडिया में शामिल किया गया। कोई भी ये अंदाज़ा नहीं लगा सकता है कि चहल को साल 2014 में कितनी क़ीमत पर ख़रीदा गया था। उस साल उनकी क़ीमत महज़ 10 लाख रुपये लगाई गई थी। चहल ने ये साबित किया है कि उम्मीद से कितने आगे बढ़कर खेल दिखा सकते हैं।
#1 शॉन मार्श
शॉन मार्श को आईपीएल की शुरुआत में काफ़ी कम क़ीमत का आंका गया था, लेकिन उन्होंने ये दिखा दिया कि उनके बारे में आलोचकों की सोच कितनी ग़लत थी। वो पहले ही आईपीएल सीज़न में किंग्स-XI पंजाब की तरफ़ से खेलते हुए लगातार बेहतर प्रदर्शन करने लगे। मार्श ने पहले सीज़न में 140 की स्ट्राइक रेट से 616 रन बनाए थे, इसी की बदौलत उन्होंने ऑरेंज कैप भी हासिल किया था। उन्होंने पंजाब को सेमीफ़ाइनल में पहुंचाने में अहम योगदान दिया था। उन्होंने तीसरे और चौथे सीज़न में भी अपना जलवा दिखाया था। ये चौंकाने वाली बात है कि उन्हें 12 लाख रुपये में ख़रीदा गया था। ये बात साबित हो जाती है कि पैसे से किसी की प्रतिभा को नहीं तौला जा सकता है। लेखक- पीयूष चौधरी अनुवादक – शारिक़ुल होदा