चेन्नई सुपर किंग्स आईपीएल की दिग्गज टीम में शामिल रही हैं, जो लगातार दो सालों में दो बार खिताब जीतने वाली इकलौती टीम है। उनकी सफलता के कारणों में से एक कारण कागजी तौर पर मजबूत टीम का होना है। सुपर किंग्स के पास उनकी टीम में टी-20 के अनुवभी वरिष्ठ खिलाड़ियों के मौजूद होने से विशेष लाभ था। टीम अपने पक्ष की संरचना के साथ ज्यादा छेड़छाड़ नहीं करती और हर साल आईपीएल में समान खिलाड़ियों वाली टीम के साथ मैदान पर उतरती थी। हालांकि अतीत में उन्होंने टी-20 के कई रोमांचक क्रिकेटरों को छोड़ दिया है जिसके कारण उन्हें पछतावा हो सकता है। यहां नजर डालते हैं ऐसे ही 5 खिलाड़ी पर जिनके जाने से चेन्नई सुपर किंग्स को अफसोस हो सकता है।
#5 ड्वेन स्मिथ
वेस्टइंडीज़ का यह सलामी बल्लेबाज सुपर किंग्स के साथ अपने छोटे से कार्यकाल के दौरान शीर्ष क्रम का एक मजबूत खिलाड़ी था। स्मिथ ने टीम में बेहद अहम रोल निभाया था और वह टीम की जरुरत के अनुसार समय पर कुछ ओवर बॉलिंग भी कर सकते थे। स्मिथ को 2014 में नीलामी में चेन्नई द्वारा खरीदा गया था। सुपर किंग्स पर प्रतिबंध लगने के बाद, स्मिथ 2016 और 2017 में गुजरात लॉयंस की टीम में शामिल हो गए। हालांकि, सीएसके ने वापसी के बाद उन्हें 2018 में टीम में शामिल नहीं किया और नीलामी में वह बिना बिके रह गये। स्मिथ जैसे उपयोगी खिलाड़ी को जाने देना निश्चित रूप से एक सामरिक त्रुटि साबित हो सकती है और यह कोई बुद्धिमानी भरा निर्णय प्रतीत नहीं होता है क्योंकि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अच्छा प्रदर्शन करके अपने आपको साबित किया था।
#4 एल्बी मॉर्केल
आईपीएल के प्रारंभिक वर्षों में एल्बी मोर्कल चेन्नई सुपर किंग्स के लिए एक क़ामयाब ऑलराउंडर थे। उन्होंने 2008 में चेन्नई के लिए अपना डेब्यू किया था और वह सीएसके की तरफ से अच्छा संतुलन जोड़ने में कामयाब रहे थे। मॉर्केल छठे नंबर पर आकर डेथ ओवरों के दौरान बड़े हिट लगा सकते थे। वह नई गेंद को स्विंग करा सकते थे साथ ही जल्दी ही सफलताएं दिला सकते थे। जिससे विपक्षी टीम बैक फुट पर चली जाती थी। मॉर्कल 2013 तक एक नियमित परफॉर्मर रहे थे लेकिन बाद में सीएसके ने उन्हें जाने। उनको छोड़ने के बाद, सीएसके ने ड्वेन ब्रावो को छोड़कर एक भी ऐसा विदेशी ऑलराउंडर नहीं पाया जो उनकी जगह को भर सके।
#3 क्रिस मॉरिस
दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए आईपीएल में क्रिस मॉरिस सबसे ज्यादा खतरनाक ऑलराउंडर हैं। हालांकि यह दक्षिण अफ्रीकी ऑलराउंडर एक समय में चेन्नई के सुपर किंग्स का भी हिस्सा रहा है। यह लंबा तेज बॉलर जो निचले क्रम पर उतर विरोधियों की गेंदबाजी को ध्वस्त कर सकता था, मॉरिस के पास एक अच्छे ऑलराउंडर होने के सारे गुण मौजूद थे। 2013 के बाद चेन्नई ने उन्हें छोड़ दिया लेकिन अपने अगले दो फ्रैंचाइजी राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ मॉरिस के करियर का सर्वश्रेष्ठ साल आया। सीएसके को मॉरिस के खोने का गम हो सकता है क्योंकि उन्होंने मॉरिस को तब टीम से निकाल दिया था जब वह सीएसके में खुद को स्थापित करने की कोशिश कर रहे थे पर आज दूसरी टीम के साथ खुद को स्थापित करने के बाद बड़े लाभान्वित होंगे।
#2 ब्रेंडन मैकुलम
ब्रेंडन मैकुलम को 2014 में सीएसके ने अपनी टीम में खरीदा था। उन्होंने ड्वेन स्मिथ के साथ एक शानदार सलामी जोड़ी बनाई, अक्सर एक विस्फोटक शुरुआत अपनी टीम को दिलाई। मैकुलम एक ऐसा खिलाड़ी है जिसे अगर मैच में 6-7 ओवर बल्लेबाजी के लिए मिल जाएं तो वह विपक्षी टीम से मैच को पूरी तरह से खींच लेता है। 2015 में सीएसके पर प्रतिबंध के बाद मैकुलम गुजरात लॉयंस में शामिल हो गए। इसके बाद जब सीएसके को आईपीएल में बहाल किया गया तो वे नीलामी में ब्रेंडन मैकुलम को चुनने से चूक गए। बिना किसी गलती के रॉयल चैंलेजर्स बैंगलोर ने इस ताबड़तोड़ बल्लेबाज को अपनी टीम में शामिल कर लिया। यह एक ऐसा कदम है जो सीएसके के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है क्योंकि मैकुलम के कैलिबर के खिलाड़ी की जगह लेना बहुत कठिन है।
#1 रविचन्द्रन अश्विन
यह ऑफ स्पिनर सीएसके के गेंदबाजी विभाग का काफी समय तक सबसे प्रमुख भाग था। वह धोनी का ऐसा हथियार था कि जब पॉवरप्ले में गेंदबाजी की बात आती थी तो वह सबसे पहले अश्विन को आजमाते थे। अपने सीएसके कार्यकाल के दौरान अश्विन ने अपने कंधों पर सुपर किंग्स के स्पिन गेंदबाजी विभाग का बोझ उठाया। 2018 आईपीएल नीलामी में उन्हें वापस नहीं रखा गया और मौका ना छोड़ते हुए अश्विन को किंग्स-XI पंजाब ने अपनी टीम में शामिल कर लिया। अश्विन सीएसके के बेहतरीन के वर्षों के दौरान उसके साथ रहे हैं उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स को आईपीएल का ताज और चैंपियंस लीग टी- 20 का खिताब दो बार जिताने में प्रमुख भूमिका निभायी थी। निश्चित तौर पर चेन्नई सुपर किंग्स को अपने होम टाउन हीरो और बेस्ट ऑफ स्पिनर को खोने का पछतावा हो सकता है। लेखक- अर्थव आप्टे अनुवादक- सौम्या तिवारी