IPL: 5 लोकप्रिय खिलाड़ी जिन्हें कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए एक भी मैच खेलने का मौक़ा नहीं मिला

कोलकाता नाइट राइडर्स आईपीएल के सबसे सफल फ्रैंचाइजी में से एक हैं, जिन्होंने आईपीएल के 10 सत्रों में दो बार इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी को उठाया है। इस 10 सत्रों के दौरान कई विश्व स्तरीय खिलाड़ियों ने कोलकाता के फ्रैंचाइजी के लिए नाम कमाया है जिसमें क्रिस गेल, रिकी पॉन्टिंग, शेन बॉन्ड जैसे खिलाड़ी शामिल हैं। हालांकि इस तरह के स्टार नामों की उपस्थिति के कारण कई अन्य महान खिलाड़ी टीम में होने के बावजूद फ्रैंचाइज़ी का प्रतिनिधित्व नहीं कर सके और कोलकाता के साथ उनका सफर समाप्त हो गया। यहां ऐसे ही पांच खिलाड़ियों पर एक नज़र डाली गई है जिन्हें कभी भी कोलकाता की तरफ से खेलने का मौका नहीं मिला:

#5 वरुण आरोन

भारत के पास हमेशा ही ऐसे गेंदबाज की कमी रही है जो 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं, लेकिन वरुण आरोन उन गेंदबाजों में है जिसने इस गति को पाने में कामयाबी हासिल की है। उनकी अनुभवहीन तेज गेंदबाजी को गलतियों और असंगतता के कारण नकार दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें भारत की तरफ से केवल 18 मैचों में खेलने को मिला। आईपीएल में भी उनका प्रदर्शन खास नहीं रहा, उन्होंने 8 से ज्यादा की करियर इकॉनमी रेट के साथ गेंदबाजी की। उन्हें कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ आईपीएल में पहला मौका मिला, जब उन्हें तीसरे संस्करण के लिए चुना गया। हालांकि, टीम में शेन बॉन्ड और अजंता मेंडिस जैसे स्टार नामों के साथ वरुण को कभी भी इनके साथ मैदान में उतरने का मौका नहीं मिला। उन्होंने पूरे सत्र में केकेआर के लिए एक भी मैच नहीं खेला और जिसके बाद वह अगले कुछ संस्करणों के लिए दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम में चले गये।

#4 जेम्स पैटिन्सन

2011 आईपीएल से पहले कोलकाता नाइट राइडर्स ने पैटिन्सन को 100,000 अमेरिकी डॉलर में खरीदा था। अच्छी खासी रकम में खरीदने के बावजूद उन्हें उस सीज़न में एक भी मैच खेलने को नहीं मिला और अगले दो संस्करणों में भी वह इसी तरह से समाप्त हो गये। वास्तव में, तीन आईपीएल सत्रों का हिस्सा होने के बावजूद पैटिन्सन को टीम की तरफ से एक बार भी मैदान पर उतरने का मौका न मिलना हैरान करने वाला है। हालांकि चोटों ने उनके करियर का एक बड़ा हिस्सा बर्बाद कर दिया और जिस कारण वह रडार से फिसलते चले गये है। जब वह पूरी तरह से फिट रहते हैं तब वह बेहद दमदार गेंदबाज होते हैं।

#3 शॉन टेट

ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज शॉन टेट जब फिट होते थे तब वह दुनिया के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाजों में से एक थे। तेज गति और घातक यॉर्कर के साथ टेट क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप के बेहद खतरनाक गेंदबाज थे और इसी क्वालिटी के कारण आईपीएल के तीसरे संस्करण के लिए राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया था। लेकिन टीम में खराब प्रदर्शन का मतलब था कि वह नियमित सदस्य नहीं रह सके। उन्हें सातवें संस्करण में नीलामी के लिए रिलीज कर दिया गया लेकिन वह बिक नहीं सके। हालांकि भाग्य ने उनका साथ दिया, आईपीएल 2016 में जॉन हेस्टिंग्स की चोट का मतलब था कि केकेआर ने उनके रिप्लेसमेंट के रूप में टेट की ओर रुख कर उन्हें साइन कर लिया। हालांकि, उन्हें गौतम गंभीर की नेतृत्व वाली फ्रैंचाइजी के लिए कभी भी एक मैच खेलने का मौका नहीं मिला और उसके बाद 2017 में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से टेट ने संन्यास ले लिया।

#2 जिमी नीशम

तेजतर्रार बल्लेबाजी और बढ़िया गेंदबाजी, न्यूजीलैंड के खिलाड़ी जिमी नीशम के पास टी-20 क्रिकेट में महारत हासिल करने की हर एक कला थी, लेकिन किसी कारण वह आईपीएल के मास्टर नहीं बन सके। 2014 की आईपीएल नीलामी में उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स द्वारा खरीदा गया, उस सीजन में उन्हें केवल चार मैच में शामिल किया गया। जिसमें नीशम ने 100 से कम की स्ट्राइक रेट के साथ सिर्फ 42 रन बनाए, यह नंबर टीम में उनकी जगह को पक्की नहीं कर सके। उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स के द्वारा रिलीज कर दिया गया लेकिन उसके बाद आईपीएल 2015 में केकेआर ने उन्हें अपनी टीम में शामिल कर लिया। हालांकि उन्हें अपने फ्रैंचाइजी के लिए एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला और इसके बाद वह फिर कभी भी इस भारतीय लीग में नजर नहीं आये।

#1 संजू सैमसन

आईपीएल 2013 में राजस्थान रॉयल्स की तरफ से धमाकेदार प्रदर्शन के साथ संजू सैमसन सबकी नजर में आ गये। टूर्नामेंट में उनका औसत 25 का रहा और आईपीएल 2013 की एक खोज में से एक साबित हुए। हालांकि यह उठान 2012 आईपीएल सत्र में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए पूरे सत्र के दौरान बेंच में बिताने के बाद ही आई थी। केकेआर की रैंक में गौतम गंभीर, एम बिसला, मनोज तिवारी, यूसुफ पठान और शाकिब अल हसन पहले से ही शामिल थे, ऐसे में प्रतिभावान सैमसन के लिए खेल पाने के लिए कोई जगह नहीं थी। हालांकि केकेआर को उन्हें अगले 2013 के सीजन में छोड़ने के लिए पछतावा रहा होगा क्योंकि वह भारत की सबसे उज्ज्वल प्रतिभाओं में से एक के रूप में उभर कर सामने आए और राजस्थान रॉयल्स में अपनी जगह पक्की करने में सफल रहे। लेखक- एसएस कुमार अनुवादक- सौम्या तिवारी

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