इन्डियन प्रीमियर लीग भारतीय खिलाड़ियों के लिए शानदार टूर्नामेंट साबित हुआ और कई खिलाड़ी इसमें खेलने के बाद ही टीम इंडिया का हिस्सा बने हैं। इसमें अजिंक्य रहाणे, अश्विन, और प्रज्ञान ओझा जैसे खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में अपनी-अपनी टीमों की ओर से श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए दिखे हैं। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में प्रदर्शन के बाद अन्तर्राष्ट्रीय मैचों में भी टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने शानदार खेल दिखाया है। आईपीएल की अपार सफलता के पीछे एक बड़ा कारण इसमें विदेशों से आने वाले बड़े नाम भी हैं। इस लेख में हम पिछले 9 वर्षों में आईपीएल में खेले श्रेष्ठ विदेशी खिलाड़ियों की एक एकादश का उल्लेख करेंगे। ओपनर क्रिस गेल शुरुआत से ही इस तूफानी खिलाड़ी ने विपक्षी गेंदबाजों की जमकर धुनाई की है। पहले जब वे कोलकाता नाईट राइडर्स की ओर से खेलते थे, तब उनका प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं रहा। 2011 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से जुड़ने के बाद गेल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनकी आईपीएल में श्रेष्ठ स्ट्राइक रेट है तथा कई रिकॉर्ड भी उनके नाम है। किसी भी रिकॉर्ड को तोड़ना गेल के लिए बड़ी बात नहीं है। डेविड वॉर्नर ऑस्ट्रेलिया के उप-कप्तान का बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और आशा करते हैं कि आईपीएल में ऐसा देखने को नहीं मिलेगा। वर्तमान ने डेविड सन राइजर्स हैदराबाद की कप्तानी कर रहे हैं और पिछले वर्ष उन्होंने टीम को पहली बार ट्रॉफी भी जिताई थी। इससे पहले वे दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए भी अपना कौशल दिखा चुके हैं। 5 अप्रैल से शुरू हो रहे इस टूर्नामेंट में वे एक बार फिर अपना जलवा दिखाने को तैयार हैं। मध्यक्रम शॉन मार्श आईपीएल में कमतर आंके जाने वाले इस खिलाड़ी ने शुरू से अब तक किंग्स इलेवन पंजाब की बल्लेबाजी का जिम्मा अपने कन्धों पर उठाया हुआ है। वे 40 से अधिक की औसत वाले कुछ बल्लेबाजों में से एक हैं। मार्श निरंतर अच्छी बल्लेबाजी करते रहे हैं। डेविड वॉर्नर की तरह मार्श भी भारत के खिलाफ समाप्त हुई टेस्ट सीरीज में बल्ले से कुछ खास नहीं कर पाए। वे अपनी टीम को पहली बार इस टूर्नामेंट का खिताब दिलाने की उम्मीद करेंगे। एबी डीविलियर्स एबी डीविलियर्स का नाम आते ही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के प्रशंसकों के चेहरों पर ख़ुशी छा जाती है। 2011 से उन्होंने इस टीम से जुड़ने के बाद श्रेष्ठ आईपीएल बल्लेबाजों में से एक बनकर निकले हैं, साथ ही उनके काफी फैन्स भी बढ़े हैं। डीविलियर्स विकेटकीपर की भूमिका भी निभा सकते हैं। विपक्षी गेंदबाजों की गेंदों को आसानी से दर्शक दीर्घा में पहुंचाने की कला उनके प्रशंसकों को खुश होने का मौका प्रदान करती है। उनकी बल्लेबाजी में हर एक शॉट मौजूद है और उन्हें मिस्टर 360 डीग्री भी कहा जाता है। आरसीबी के दर्शकों को उनसे ट्रॉफी दिलाने में योगदान की उम्मीद रहेगी। ऑलराउंडर शेन वाटसन 2008 से 15 के बीच लगातार 8 वर्षों तक यह खिलाड़ी राजस्थान रॉयल्स का अभिन्न हिस्सा रहा। वे टूर्नामेंट के प्रभावशाली ऑलराउंडरों में से एक हैं। सबसे पहले सीजन में उन्होंने 47.20 की औसत से 472 रन बनाने के अलावा 17 विकेट भी झटके, इसलिए टूर्नामेंट के श्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार भी मिला। किरोन पोलार्ड इस खिलाड़ी को हार्ड हिटर माना जाता है। वेस्टइंडीज की त्रिनिदाद एंड टोबैगो के लिए 2009 की चैम्पियंस लीग टी20 में शानदार खेल के बाद पोलार्ड सुर्ख़ियों में आए। 2010 में उन्हें मुंबई इंडियंस ने टीम का हिस्सा बनाया, तब से लेकर अब तक वे इस फ्रेंचाईजी के लिए खेलते हैं और एक बढ़िया ऑलराउंडर माने गए हैं। उनकी बल्लेबाजी के अलावा गेंदबाजी और फील्डिंग भी कमाल की है और सक्रियता से खेलते हुए पोलार्ड दर्शकों का खूब मनोरंजन करते हैं। एल्बी मोर्कल 2008 से 2013 के बीच चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हुए वे इस फ्रेंचाईजी के अभिन्न हिस्सा रहे हैं। पहले सीजन में उन्होंने 240 रन बनाने के अलावा 17 विकेट भी झटके। इसके बाद कुछ सालों तक वे चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेलते रहे। 2012 में विराट कोहली के ओवर में उनके 28 रनों ने टीम को जीत दिलाई थी जो हर क्रिकेट प्रेमी की जुबान पर आज भी है। इस बार आप उन्हें राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स की ओर से खेलते हुए देखेंगे। ड्वेन ब्रावो बल्लेबाजी के अलावा गेंदबाजी में अच्छा प्रदर्शन करने वाले ब्रावो की मैदान में फील्डिंग भी तारीफ़ करने योग्य है। अंतिम ओवरों में उनकी गेंदबाजी बेहद प्रभावशाली रहती है। चेन्नई सुपर किंग्स से पहले उन्होंने लगातार तीन वर्षों तक मुंबई इंडियंस की ओर से खेला। 2013 में उन्होंने 32 विकेट झटके और पर्पल कैप भी अपने नाम की। गेंदबाज सुनील नारायण पोलार्ड की तरह सुनील नारायण ने भी 2011 में त्रिनिदाद एंड टोबैगो के लिए खेलने के बाद आइपीएल में कोलकाता नाईट राइडर्स के लिए 2012 में प्रवेश किया। पहले ही सत्र में उन्होंने सफलता प्राप्त करते हुए 24 विकेट चटकाए, इसमें उनकी इकोनोमी रेट 5 से थोड़ा ऊपर रही। वे मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट भी रहे। इसके अलावा वे कभी-कभी बल्लेबाजी में भी छक्के जड़ते हुए दिखे हैं। हाल ही में उन्हें गेंदबाजी एक्शन में बदलाव के लिए आईसीसी ने बैन किया था। डेल स्टेन पिछले दो सत्रों में 7 मैच खेलकर 3 विकेट झटकने के बावजूद स्टेन ऑल टाइम आईपीएल में सबसे अधिक विकेट लेने वाले विदेशी खिलाड़ी हैं। पहले तीन सत्रों में वे रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का हिस्सा थे और टीम की सफलता में अपना अहम योगदान दिया। इसके बाद उनका करियर चोटों से प्रभावित रहा। पिछले वर्ष गुजरात लायंस ने उन्हें खरीदा था। लसिथ मलिंगा टी20 क्रिकेट के महान गेंदबाज लसिथ मलिंगा ने आईपीएल में मुंबई इंडियंस की ओर से खेलना शुरू किया। 2009 में वे पहली बार इस टूर्नामेंट में आए और अगले वर्ष ही 28 विकेट झटके। मुंबई इंडियंस द्वारा 2013 और 2015 में टूर्नामेंट जीतने के पीछे मलिंगा का बड़ा योगदान था। आईपीएल में सबसे अधिक बोल्ड करने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है। पिछले दो वर्षों में उनकी सफलता में कमी आई है लेकिन वे लगातार सुधार कर खुद को पुनः उस श्रेणी का गेंदबाज बनाने की ओर अग्रसर हैं।