2008 से 15 के बीच लगातार 8 वर्षों तक यह खिलाड़ी राजस्थान रॉयल्स का अभिन्न हिस्सा रहा। वे टूर्नामेंट के प्रभावशाली ऑलराउंडरों में से एक हैं। सबसे पहले सीजन में उन्होंने 47.20 की औसत से 472 रन बनाने के अलावा 17 विकेट भी झटके, इसलिए टूर्नामेंट के श्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार भी मिला। किरोन पोलार्ड इस खिलाड़ी को हार्ड हिटर माना जाता है। वेस्टइंडीज की त्रिनिदाद एंड टोबैगो के लिए 2009 की चैम्पियंस लीग टी20 में शानदार खेल के बाद पोलार्ड सुर्ख़ियों में आए। 2010 में उन्हें मुंबई इंडियंस ने टीम का हिस्सा बनाया, तब से लेकर अब तक वे इस फ्रेंचाईजी के लिए खेलते हैं और एक बढ़िया ऑलराउंडर माने गए हैं। उनकी बल्लेबाजी के अलावा गेंदबाजी और फील्डिंग भी कमाल की है और सक्रियता से खेलते हुए पोलार्ड दर्शकों का खूब मनोरंजन करते हैं। एल्बी मोर्कल 2008 से 2013 के बीच चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हुए वे इस फ्रेंचाईजी के अभिन्न हिस्सा रहे हैं। पहले सीजन में उन्होंने 240 रन बनाने के अलावा 17 विकेट भी झटके। इसके बाद कुछ सालों तक वे चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेलते रहे। 2012 में विराट कोहली के ओवर में उनके 28 रनों ने टीम को जीत दिलाई थी जो हर क्रिकेट प्रेमी की जुबान पर आज भी है। इस बार आप उन्हें राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स की ओर से खेलते हुए देखेंगे। ड्वेन ब्रावो बल्लेबाजी के अलावा गेंदबाजी में अच्छा प्रदर्शन करने वाले ब्रावो की मैदान में फील्डिंग भी तारीफ़ करने योग्य है। अंतिम ओवरों में उनकी गेंदबाजी बेहद प्रभावशाली रहती है। चेन्नई सुपर किंग्स से पहले उन्होंने लगातार तीन वर्षों तक मुंबई इंडियंस की ओर से खेला। 2013 में उन्होंने 32 विकेट झटके और पर्पल कैप भी अपने नाम की।